window.dataLayer = window.dataLayer || []; function gtag(){dataLayer.push(arguments);} gtag('js', new Date()); gtag('config', 'UA-96526631-1'); आतंकवाद के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस नीति रखी जाए बरकरार:शाह | T-Bharat
November 23, 2024

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आतंकवाद के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस नीति रखी जाए बरकरार:शाह

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर की अपनी पहली यात्रा के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य में सुरक्षा व्यवस्था का मूल्यांकन करने, अमरनाथ यात्रा की तैयारी की समीक्षा करने तथा राज्य में बेहतर प्रशासन व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों के साथ कई बैठकें की। उन्होंने राज्य में पंचायतों के कार्यकलाप के संबंध में सरपंचों के एक प्रतिनिधिमंडल से बातचीत की। अपनी यात्रा के दौरान गृह मंत्री शाह जम्मू-कश्मीर पुलिस के शहीद इंस्पेक्टर अरशद खान के घर भी गए।

श्रीनगर में आयोजित बैठकों में राज्यपाल, केंद्रीय गृह सचिव, सभी चार सलाहकार, मुख्य सचिव एवं राज्य व केंद्र सरकार, सुरक्षा एजेंसियों व सैन्यबलों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया।

आम आदमी के जीवन को बेहतर बनाने के उद्देश्य से चल रहे विकास कार्यक्रमों की भी समीक्षा की गई। समीक्षा बैठक में जम्मू-कश्मीर के लोगों की आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने, उन्हें रोजगार व आजीविका के अवसर उपलब्ध कराने, सामाजिक सुरक्षा की योजनाओं का लाभ देने तथा उनकी आय बढ़ाने से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई। बैठक में बेहतर प्रशासन, विकास की गति को तेज करने, पंचायत और नगर पालिका प्रणाली को मजबूत करने, प्रधानमंत्री विकास पैकेज के क्रियान्वयन की गति में तेजी लाने, उच्च स्तरीय अवसंरचना निर्माण, सभी समुदायों के लिए समावेशी विकास, रोजगार के अवसरों के सृजन पर विशेष जोर देते हुए संतुलित क्षेत्रीय विकास तथा युवाओं पर विशेष ध्यान देने आदि मुद्दों पर भी चर्चा हुई।

केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने कहा कि हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि गरीबों में भी सर्वाधिक गरीब को विकास का लाभ मिले। उन्होंने राज्य सरकार से विकास योजनाओं के कुशल कार्यान्वयन पर विशेष ध्यान देने का आग्रह किया ताकि भ्रष्टाचार और लिकेज को रोका जा सके।

अमरनाथ यात्रा की तैयारी की समीक्षा करने के दौरान गृह मंत्री शाह ने यात्रा के सुरक्षित और बाधा रहित संचालन पर विशेष जोर दिया। समीक्षा में सशस्त्र बलों द्वारा की गई तैयारी, पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष की तैयारी की स्थिति तथा सुरक्षाबलों की आवश्यकताओं पर भी विचार-विमर्श किया गया। यात्रा के सफल संचालन को सुनिश्चित करने के लिए प्रशासनिक व अन्य प्रबंधों की भी समीक्षा की गई।

सुरक्षा संबंधी समीक्षा में सुरक्षा एजेंसियों ने राज्य में सुरक्षा व्यवस्था, उग्रवाद को रोकने के लिए पिछले वर्ष की तैयारियों के परिणाम और भविष्य की योजनाओं के बारे में विस्तृत ब्यौरा दिया। सुरक्षा व्यवस्था की बेहतर स्थिति की सराहना की गई। राज्य में शांति व व्यवस्था को पुन: बहाल करने के लिए किए जाने वाले प्रयासों पर भी विस्तृत चर्चा हुई।

अमरनाथजी यात्रा की तैयारियों की समीक्षा के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री ने सभी सुरक्षा एजेंसियों को पूरी तरह से सतर्क रहने और हिंसा-मुक्त यात्रा सुनिश्चित करने के लिए सभी निषेधात्मक कदम उठाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि एसओपी को लागू करने में कोई ढिलाई नहीं होनी चाहिए। वरिष्ठ अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से सभी स्तरों पर व्यवस्थाओं का निरीक्षण करना चाहिए। बलों को न केवल यात्रा की सुरक्षा के लिए, बल्कि श्रृद्धालुओं और पर्यटकों की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने के लिए नवीनतम तकनीकों और गैजेट्स का सर्वोत्तम संभव इस्तेमाल सुनिश्चित करना चाहिए। उन्होंने विशेष रूप से विघटनकारी ताकतों के साथ-साथ तोडफ़ोड़-विरोधी अभ्यास और आवाजाही को नियंत्रित करने वाली प्रक्रियाओं के लिए बलों का ध्यान आकर्षित करने संबंधी निर्देश दिये।

यात्रा के सफल संचालन में राज्य के लोगों के पूरे दिल से सहयोग की सराहना करते हुए, केंद्रीय गृहमंत्री ने व्यवस्थाओं के लिए हर संभव सहायता का भरोसा दिलाया।

राज्य में मौजूदा सुरक्षा व्यवस्था पर विस्तृत जानकारी देने के बाद, केंद्रीय गृहमंत्री ने सुरक्षा स्थिति से संबंधित सभी मापदंडों में महत्वपूर्ण सुधार की सराहना करते हुए आतंकवाद और आतंकवादियों के प्रति कोई कोताही नहीं बरती जाएगी, आतंकी फंडिंग के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रहनी चाहिए, कानून का शासन लागू होना चाहिए।

केंद्रीय गृह मंत्री जम्मू-कश्मीर पुलिस के शहीद इंस्पेक्टर स्वर्गीय अरशद खान के घर भी गए और उनके शोक संतप्त परिवार को सांत्वना दी। उन्होंने राज्य सरकार में नौकरी के लिए उनकी पत्नी को एक नियुक्ति पत्र सौंपा।

उन्होंने आतंकवाद और उग्रवाद का मुकाबला करने में जम्मू-कश्मीर पुलिस के काम की प्रशंसा की और राज्य सरकार को निर्देश दिया कि हर साल अपने पुलिसकर्मियों की शहादत को उनके गृहनगर/गांवों में समुचित तरीके से याद किया जाना चाहिए। प्रमुख सार्वजनिक स्थानों का नाम भी शह

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