window.dataLayer = window.dataLayer || []; function gtag(){dataLayer.push(arguments);} gtag('js', new Date()); gtag('config', 'UA-96526631-1'); मुख्यमंत्री धामी ने बलिदानियों के पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी | T-Bharat
November 23, 2024

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मुख्यमंत्री धामी ने बलिदानियों के पार्थिव शरीर पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी

डोईवाला।  जम्मू कश्मीर के पूंछ जिले में सेना के वाहन पर हुए हमले में उत्तराखंड के बलिदानी कोटद्वार पौड़ी निवासी गौतम कुमार व चमोली निवासी वीरेंद्र सिंह के पार्थिव शरीर को सेना के विशेष विमान से जोलीग्रांट स्थित देहरादून एयरपोर्ट लाया गया।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बलिदानियों के पार्थिव शरीर पर पुष्प चक्र अर्पित कर उन्हें अपनी श्रद्धांजलि दी साथ ही मौके पर मौजूद सेवा के जवानों ने गार्ड आफ आनर कर बलिदानियों को सलामी दी। इसके बाद उनके पार्थिव शरीर सेना के वाहन के जरिए उनके घर के लिए रवाना किए गए।

बलिदानियों के परिवार के साथ खड़ी सरकार- धामी

इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड के दो वीर जवानों ने मातृभूमि की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया है। जिसे देशवासी कभी नहीं भुला सकते। हमारी सरकार बलिदानियों के परिवार के साथ खड़ी है और उनकी हर संभव मदद करेगी। उन्होंने कहा कि ऐसे वीर सपूतों को हम नमन करते है, जो देश की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर कर रहे है।

राजौरी सेक्टर में थी गौतम की तैनाती

बता दें कि कोटद्वार के शिवपुर निवासी गौतम कुमार उम्र 29 वर्ष 2014 में गोचर में हुई सेना की भर्ती रैली में प्रतिभाग कर सेना का हिस्सा बने थे। 89 आर्म्ड रेजीमेंट में राइफलमैन के पद पर कार्यरत गौतम की तैनाती इन दोनों जम्मू कश्मीर में पूंछ जिले के राजौरी सेक्टर में थी।

21 दिसंबर को आतंकवादियों ने किया था हमला

21 दिसंबर की दोपहर पूंछ के बफलियाज क्षेत्र में आतंकवादियों ने सेना के दो वाहनों पर घात लगाकर हमला कर दिया था। इसमें गौतम  बलिदान हो गए थे।

वहीं वीरेंद्र सिंह उम्र 33 वर्ष चमोली जिले में नारायण बगड़ विकासखंड के सैनिक बाहुल्य गांव बमियाल के निवासी थे। जो 2010 में सेना की 15 गढ़वाल राइफल में बतौर राइफलमैन भर्ती हुए थे। वर्तमान में वह भी पूछ में ही तैनात थे।

अगामी 11 मार्च को तय था विवाह

पारिवारिक जानकारी के अनुसार, गौतम पिछले माह 30 नवंबर को ही छुट्टी लेकर घर आए थे और 16 दिसंबर को उन्होंने ड्यूटी पर वापसी की थी। अगले वर्ष 11 मार्च को उनका विवाह तय था। इसको लेकर घर में शादी की तैयारी भी चल रही थी लेकिन इससे पूर्व ही वह बलिदान हो गए। वहीं वीरेंद्र ने भी 6 जनवरी को छुट्टी पर घर आने की बात कही थी बलिदानी वीरेंद्र की पत्नी व दो बेटियां हैं।

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