मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मसूरी में उत्तराखंड आंदोलन की 29वीं वर्षगांठ पर आयोजित श्रद्धांजलि कार्यक्रम में भाग लिया। शहीदों को नमन करते हुए उन्होंने कहा कि शहीदों के सपनों का उत्तराखंड बनाने की दिशा में ही काम करना हमारा दायित्व है। ये राज्य आंदोलनकारियों की देन है। मुख्यमंत्री धामी ने शहीद राज्य आंदोलनकारियों के परिजनों को शॉल पहनाकर सम्मानित किया।
उस दिन की घटना को याद करते हुए शहीद मदन मोहन ममगाईं की पत्नी शांति ममगाईं ने बताया, दो सितंबर 1994 को उनके बड़े बेटे मंजुल ममगाईं का जन्मदिन था, लेकिन उनके पति ने उनसे कहा कि झूलाघर के पास चल रहे राज्य निर्माण आंदोलन में शामिल होने जा रहे हैं, वहां से लौटकर जन्मदिन मनाएंगे, लेकिन जानकारी मिली कि आंदोलन स्थल पर पुलिस ने गोली चला दी। इसमें मदन मोहन ममगाईं शहीद हो गए।
मुद्दों पर ठोस पहल करनी चाहिए
शांति ममगाईं ने कहा, उनके पति और अन्य आंदोलनकारियों ने राज्य की मांग को लेकर शहादत दी। राज्य बना भी, लेकिन जिन अन्य मुद्दों को आंदोलन में उठाया गया था, उनका समाधान आज तक नहीं हो सका। पहाड़ से लगातार पलायन जारी है, बेरोजगारी बढ़ रही है, बाहर के लोग प्रदेश में जमीनें खरीद रहे हैं। इसके कारण भविष्य में उत्तराखंड के लोगों की पहचान खतरे में पड़ जाएगी। शांति ने आगे कहा, सरकार को राज्य के जनहित के मुद्दों पर ठोस पहल करनी चाहिए।
वहीं, गोलीकांड में शहीद राय सिंह बंगारी के बेटे रविराज बंगारी ने बताया कि 29 साल पहले आज के दिन हमारे परिवार को जो दर्द मिला, उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। रविराज ने कहा, राज्य निर्माण के लिए मेरे पिता ने प्राणों का बलिदान दिया। अब हमारी जिम्मेदारी है कि हम राज्य की उन्नति के लिए मिलकर काम करें।
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