लखनऊ,मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव पर तीखे शब्दबाण चलाते हुए कहा कि जो लोग जन्म से चांदी के चम्मच से खाने के आदी हैं, वो गरीब की समस्या को क्या समझेंगे। सोने-चांदी से प्यार करने वाले अन्नदाता किसान की पीड़ा को नहीं समझ पाएंगे। अपने मुख्यमंत्रित्व कार्यकाल की उपलब्धियों की तुलना अखिलेश सरकार से करते हुए कहा कि वर्ष 2014, 2017, 2019 और 2022 में जनता इन्हें ठुकरा ही चुकी है, 2024 में तो इनका खाता भी नहीं खुलने वाला है।
यह भी कहा कि 2024 में भाजपा की जीत का फैसला तो गुरुवार को ही लोकसभा में हो गया था, उप्र में भी 2027 और 2032 में भाजपा की ही सरकार आने वाली है। योगी आदित्यनाथ विधान सभा में प्रदेश में सूखा और बाढ़ की स्थिति पर हुई चर्चा के अंत में बतौर नेता सदन विपक्ष के आरोपों का जवाब दे रहे थे। बुधवार से शुरू हुई चर्चा में 33 सदस्यों ने भाग लिया।
दो घंटे और आठ मिनट के संबोधन में उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह कहते थे कि देश की प्रगति का रास्ता गांवों-गलियों और खेतों-खलिहानों से होकर जाता है। चौधरी चरण सिंह की बातों पर यदि समाजवादी पार्टी ने अपने शासनकाल में ध्यान दिया होता तो इनके कालखंड में उप्र के इतिहास में सर्वाधिक किसानों ने आत्महत्या नहीं की होती। किसान और प्रदेश का विकास कभी सपा के एजेंडे में रहा ही नहीं।
बूचड़खाने के हवाले होते थे सांड़, हम पूजते नंदी की तरह
सांड़ों की समस्या को लेकर सरकार पर हमलावर नेता प्रतिपक्ष पर भी योगी ने तगड़ा पलटवार किया। कहा, सपा शासनकाल में सांड़ बूचड़खाने के हवाले कर दिए जाते थे, लेकिन हमारे लिए प्रिय हैं।
हम तो सांड़ की नंदी के रूप में पूजा करते हैं। यह भी बताया कि मानव-वन्यजीव संघर्ष, सर्पदंश और सांड़ के हमलों से होने वाली मृत्यु को आपदा की श्रेणी में घोषित करने वाला उप्र पहला राज्य है। योगी ने पिछड़े, दलितों और अल्पसंख्यकों (पीडीए) के हितों को लेकर भी सपा सरकार को कठघरे में खड़ा किया। यह कहते हुए कि बीते 40 वर्षों से पूर्वी उप्र में इंसेफ्लाइटिस से 50 हजार बच्चों की मौतें हुईं, जबकि इस दौरान प्रदेश में चार बार सपा का शासन रहा।
इंसेफ्लाइटिस से मरने वाले 90 प्रतिशत बच्चे पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक समुदायों के थे। फिर नेता प्रतिपक्ष से सवाल किया, तब कहां था आपका पीडीए? कहा कि हमारी सरकार ने पहले कार्यकाल में ही इंसेफ्लाइटिस का समूल नाश कर दिया है, सिर्फ इसकी घोषणा होना बाकी है।
सपा कार्यालय से होता था लोहिया आवासों का आवंटन
अपनी सरकार को प्रदेश में 55.2 लाख लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान आवंटित करने का श्रेय देते हुए उन्होंने नेता प्रतिपक्ष से पूछा कि ‘क्या यह लाभार्थी पीडीए का हिस्सा नहीं हैं?’ फिर कहा, लोहिया आवास योजना के तहत आप सपा के काडर को मकान देते थे। सपा कार्यालय तय करता था किसे लोहिया आवास मिलेगा। यह बताना नहीं भूले कि प्रयागराज में हमने भू-माफिया की जमीन को कब्जे से मुक्त कराकर वहां 76 गरीबों को मकान दिए हैं।
कोरोना काल मे घर में दुबके थे नेता प्रतिपक्ष : अखिलेश पर हमला जारी रखते हुए योगी ने कहा कि कोरोना काल में हमारी सरकार अन्य राज्यों से लौटे 40 लाख प्रवासी मजदूरों के पुनर्वास की व्यवस्था करने, चीनी मिलों को चलाने के साथ जीवन और जीविका को बचाने के लिए प्रयासरत थी, तब नेता प्रतिपक्ष घर में दुबके हुए थे। आस्ट्रेलिया से पढ़कर आए नेता प्रतिपक्ष तब भी कोरोना वैक्सीन का विरोध करके वैज्ञानिक सोच का परिचय देने की बजाय लोगों को मौत की ओर धकेल रहे थे। चर्चा तो यह भी थी कि यह देश छोड़कर जाने वाले थे।
बिचौलियों के सहारे रहे तो 2027 में विपक्ष में भी न बैठ पाएंगे
महंगाई पर नेता प्रतिपक्ष के आरोप का जवाब देते हुए योगी बोले, अन्नदाता किसान को टमाटर का ज्यादा दाम मिले तो इन्हें कष्ट होता है। फिर कहा कि आपने हमेशा बिचौलियों का सहारा लिया है। बिचौलियों का सहारा लेकर ही विपक्ष दीर्घा में पहुंचे हैं। यही प्रवृत्ति रही तो 2027 में विपक्ष में बैठने के लायक भी नहीं रहेंगे। इनसेट ‘तुम्हारे पैरों के नीचे कोई जमीन नहीं’ अखिलेश के वक्तव्य को सुनकर योगी ने कहा कि इससे पता चलता है कि जनता पिछले चार चुनावों से इन्हें ऐसे ही नहीं ठुकरा रही है।
फिर दुष्यंत कुमार की पंक्तियां सुनाईं ‘तुम्हारे पैरों के नीचे कोई जमीन नहीं, कमाल यह है कि फिर भी तुम्हें यकीन नहीं।’ इसी कड़ी में बोले कि तुलसीदास ने भी कहा है समरथ को नहिंदोष गुसाईं। इनसेट 2 ‘इसलिए आपने लगाई थी जन्माष्टमी पर रोक’ योगी ने कहा कि सूखा और बाढ़ पर हुई इस चर्चा में नेता प्रतिपक्ष न तो किसानों और आम जन की समस्याओं को इंगित कर पाए और न ही उनका समाधान सुझा पाए। प्रदेश के तीन करोड़ किसान और उनके 15 करोड़ परिवारीजन को नेता प्रतिपक्ष के वक्तव्य को सुनकर बड़ी निराशा हुई होगी।
फिर कहा, समस्या का समाधान इस बात पर निर्भर है कि आपका सलाहकार कैसा है। दुर्योधन के सलाहकार शकुनि थे और अर्जुन के पास श्री कृष्ण थे। इस पर अखिलेश ने कहा कि ‘हम भी उनके ही वंशज हैं।’ योगी ने फौरन जवाब दिया-इसलिए आपने पुलिस थानों और पुलिस लाइन में जन्माष्टमी पर रोक लगा दी थी। मूसलाधार वर्षा के बावजूद गोरखपुर की जनता मौज में मुख्यमंत्री ने अखिलेश पर यह कहते हुए निशाना साधा कि बाढ़ और सूखे पर सदन में हुई चर्चा में नेता प्रतिपक्ष को सिर्फ गोरखपुर में जलजमाव दिखाई दिया।
यह भी बताया कि गुरुवार रात से ही गोरखपुर में लगातार मूसलाधार बारिश हो रही है। वहां पिछली रात 133 मिमी वर्षा हुई है, लेकिन गोरखपुर की जनता मौज में है, क्योंकि उसे मालूम है कि अब जलभराव नहीं होने वाला है। कांवड़ यात्रा पर पुष्पवर्षा से भी नेता प्रतिपक्ष को परेशानी कांवड़ यात्रा पर अखिलेश के बयान पर पलटवार करते हुए योगी ने कहा कि कांवड़ यात्रा में पुष्पवर्षा से नेता प्रतिपक्ष को परेशानी होती है। आपने तो कांवड़ यात्रा पर रोक लगा दी थी।
हमारी सरकार किसी के साथ भेदभाव नहीं करती। केवल संवाद करती है तो सड़कों पर नमाज नहीं होती। इनसेट 5 अपराधों में आई कमी कानून-व्यवस्था के मोर्चे पर भी योगी अपने सरकार की पीठ ठोंकी। नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो के आंकड़ों का हवाला देकर कहा कि हमारी सरकार में प्रदेश में डकैती के मामलों में 80 प्रतिशत, लूट में 69 प्रतिशत, हत्या में 40 प्रतिशत, बलवा में 61 प्रतिशत, रोड होल्ड अप में 100 प्रतिशत और फिरौती के लिए अपहरण के मामलों में 70 प्रतिशत कमी आई है। अखिलेश पर योगी के शब्दबाण आपके लिए गरीब वोट बैंक हो सकता है, हमारे लिए वह परिवार का हिस्सा है। आप कभी चाचा को धोखा देते हो, कभी बहन जी को और कभी भाईसाहब को देते हो।
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