उत्तराखंड की 7791 ग्राम पंचायतों का नए सिरे से परिसीमन किया जाएगा। पंचायतों के विकास और ग्रामीणों की सहूलियत को देखते धामी सरकार ने इसकी कसरत शुरू कर दी है। शीघ्र ही इस संबंध प्रस्ताव राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में लाया जाएगा। इसके बाद परिसीमन आयोग का गठन कर प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा। पंचायतों के परिसीमन की यह प्रक्रिया प्रदेश में पहली बार अपनाई जाएगी।
पहले जब कभी पंचायतों का गठन किया गया था, उस समय सीमित सड़कें थीं, लोग पैदल मार्गों से ही ब्लॉक, तहसील और जिला मुख्यालयों में आवागमन करते थे। अब स्थितियां बदल गई हैं। प्रदेश के तमाम गांव अब सड़कों से जुड़ चुके हैं।
ऐसे में बहुत से गांवों के ब्लॉक मुख्यालय बहुत दूर हो गए हैं, जबकि उनके पास दूसरे जिले का ब्लॉक मुख्यालय मौजूद है। इसे ऐसे समझ सकते हैं, देहरादून के रायपुर ब्लॉक के पास स्थित टिहरी जिले के कई गांव ऐसे हैं, जो जौनपुर (थत्यूड़) ब्लॉक मुख्यालय से जुड़े हैं। ऐसे में रायपुर पास होने के बावजूद लोगों को जौनपुर की दौड़ लगानी पड़ती है। प्रदेश में तमाम गांवों की अमूमन ऐसी ही स्थिति है।
अब प्रदेश सरकार ऐसे गांवों को दूसरे विकासखंडों से जोड़ेगी, जो दूसरे जिले के विकासखंडों के एकदम नजदीक हैं। साथ ही उनकी सड़क कनेक्टिविटी भी मौजूदा विकासखंड से बेहतर दूसरे विकासखंड से है। इसके लिए पिछले दिनों पंचायती राज मंत्री सतपाल महाराज ने शासन के अधिकारियों को प्रस्ताव तैयार कर कैबिनेट में लाने के निर्देश दिए थे ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके। इस संबंध में सचिव पंचायतीराज नितेश झा की ओर से निदेशक पंचायती राज को विकास खंडों के परिसीमन किए जाने के लिए जिलाधिकारियों से प्रस्ताव मांगने के निर्देश जारी किए गए हैं।
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