लुधियाना, प्रसिद्ध पंजाबी गायक सुरिंदर शिंदा का 20 दिनों तक अस्पताल में रहने के बाद 26 जुलाई को लुधियाना में निधन हो गया। गायक 64 वर्ष के थे और उन्होंने सुबह 7 बजकर 30 मिनट पर लुधियाना के डीएमसी अस्पताल में अंतिम सांस ली।
पंजाबी गायक कुलदीप मानक के रहे हैं सहयोगी सुरिंदर शिंदा पंजाबी गायक कुलदीप मानक के सहयोगी रहे हैं। लुधियाना के अयाली गांव में एक सिख परिवार में उनका जन्म हुआ था। 64 वर्षीय गायक वेंटीलेटर पर थे। सुरिंदर शिंदा को गायकी विरसेे से मिली थी। जब भी उनके पिता गायकी का रियास किया करते तो वह भी उन्हें देख गाना शुरू कर देते। उन्होंने जसवंत भंवरा से गायकी की सीख हासिल की। पंजाबी लोकगायक की गायकी की खासियत ही यह थी कि वह अपने हर गीत में क्लासिकल टच को कायम रखते।
इन गानों के लिए जाना जाता है
सुरिंदर शिंदा का जन्म 20 मई, 1959 को सुरिंदर पाल धम्मी के रूप में हुआ था और वह पंजाब के लुधियाना जिले के छोटी अयाली गांव के रहने वाले थे। रामघरिया सिख परिवार से आने वाले गायक को उनके गाने ‘जिओना मोर’ और ‘बदला ले लें सोहनेया’ के लिए जाना जाता है।
फिल्मों में भी किया अभिनय
उनके कुछ अन्य चार्टबस्टर्स में ट्रक बलिए, बलबीरो भाभी, काहेर सिंह दी माउट, ऊंचा बुर्ज लाहौर दा (कलियान), ऊंचा बुर्ज लाहौर दा (कलियान), रख ले क्लिंदर यारा और बहुत कुछ शामिल हैं। उन्होंने क्रमशः ‘पुत्त जट्टन दे’ और ‘उचा दर बेब नानक दा’ सहित कई फिल्मों में अभिनय किया।
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