ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण के भराड़ीसैंण विधानसभा भवन में होने वाले सत्र के दौरान रसोई की जिम्मेदारी महिला स्वयं सहायता समूह को देने की तैयारी है। इसकी शुरुआत इसी बजट सत्र से की गई है। हालांकि इस सत्र में महिला समूहों की ओर से मंडुवा, झंगोरा समेत पहाड़ी दालों से बनने वाले पकवान परोसे जाएंगे।
अन्य पकवान की व्यवस्थ पूर्ववत निजी कैटरिंग के माध्यम से ही की जाएगी। समूह से जुड़ी महिलाओं की आजीविका बढ़ाने के लिए विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने यह पहल की है। गैरसैंण में सरकार साल में एक बार सत्र आयोजित करती है। अभी तक सत्र के दौरान मंत्रियों, विधायकों, अधिकारियों, कर्मचारियों के भोजन की व्यवस्था निजी कैटरिंग के माध्यम से की जाती है।
इस पर लाखों रुपये का खर्च होता है। भोजन बनाने के लिए राशन व अन्य सामान देहरादून से ही जाता है। सरकार का फोकस महिला स्वयं सहायता समूह की आजीविका बढ़ाने पर है। चमोली जिले में कई महिला समूहों के माध्यम से पहाड़ी पकवान तैयार किए जाते हैं। पहली बार विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने सत्र के दौरान रसोई की जिम्मेदारी महिला समूहों को सौंपने की पहल की है।
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