गाजियाबाद, जिले में भारतीय जनता पार्टी के जनप्रतिनिधियों के बीच चल रहे मनमुटाव को लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने सीधे तौर पर तो कुछ नहीं कहा लेकिन संदेशों के माध्यम से उन्हें नसीहत दे गए। इशारों में उन्हें सामाजिक जिम्मेदारी का अहसास कराया। इससे कयास लगाया जा रहा है कि जेपी नड्डा की पाठशाला के बाद जनप्रतिनिधियों का मनमुटाव समाप्त होगा।
रविवार को मोहन नगर के एक कालेज में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम के साथ-साथ भारत रत्न व पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और पंडित मदन मोहन मालवीय की जन्मतिथि को ‘सुशासन दिवस’ के रूप में मनाया गया। यहां पर जनप्रतिनिधि एक मंच पर नजर आए। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने बिना किसी का नाम लिए राजनीतिक लोगों के आचार-विचार पर सवाल उठाया।
उन्होंने अपने संबोधन में जनप्रतिनिधियों व राजनीतिक लोगों को सामाजिक जिम्मेदारी का अहसास कराया। इसके लिए अटल बिहारी वाजपेयी व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मन की बात कार्यक्रम का उदाहरण दिया। कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी भाजपाई थे। बावजूद इसके सभी राजनीतिक दलों के लोग उनका सम्मान करते थे। इसके पीछे कारण उनका राजनीति के साथ-साथ सामाजिक दृष्टिकोण भी है। इसी तरह प्रधानमंत्री मन की बात कार्यक्रम में राजनीतिक बातें नहीं करते हैं।
40 मिनट तक हुई बातचीत
कार्यक्रम समाप्त होने के बाद जेपी नड्डा, प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और क्षेत्रीय अध्यक्ष मोहित बेनिवाल ने एक कमरे में करीब 40 मिनट तक बातचीत की। तीनों दिग्गज नेताओं में हुई बातचीत को लेकर तरह-तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। उसमें जनप्रतिनिधियों के मनमुटाव से लेकर निकाय चुनाव शामिल है।
महानगर संगठन की पीठ थपथपाई
जेपी नड्डा ने मंच से महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा की पीठ थपथपाई। उन्होंने कहा कि मात्र 12 घंटे में संजीव शर्मा ने शानदार कार्यक्रम आयोजन करके अपनी संगठनात्मक क्षमता का परिचय दिया है। मंच पर बूथ से लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष को लाकर खड़ा कर दिया।
इस दौरान प्रदेश मंत्री प्रभारी अमित बाल्मीकि, केंद्रीय मंत्री व स्थानीय सांसद जनरल वीके सिंह, राज्यसभा सदस्य अनिल अग्रवाल, राज्यमंत्री नरेंद्र कश्यप, विधायकों में अजित पाल त्यागी, सुनील शर्मा व अतुल गर्ग, एमएलसी दिनेश गोयल, पूर्व सांसद रमेश चंद्र तोमर, क्षेत्रीय महामंत्री हरिओम शर्मा, महापौर आशा शर्मा, मीडिया विभाग के क्षेत्रीय संयोजक अमित त्यागी, अशोक मोंगा, अजय शर्मा, मयंक गोयल आदि मौजूद रहे।
दो माह पहले सामने आया भ्था मनमुटाव
दो माह पहले जनरल वीके सिंह की अध्यक्षता में एक प्रसाशनिक बैठक हुई थी। पार्टी के विधायक सुनील शर्मा, अजित पाल त्यागी, अतुल गर्ग, एमएलसी दिनेश गोयल व राज्यसभा सदस्य अनिल अग्रवाल ने किनारा कर लिया। विवाद बढ़ा तो जनप्रतिनिधियों ने जनरल पर अनदेखी का आरोप लगाया।
यूनानी चिकित्सा संस्थान में अनिल अग्रवाल ने जनरल के सामने ही सोफे पर लगी उनके नाम की पर्ची फाड़कर कार्यक्रम का बहिष्कार कर दिया। उसके बाद दिनेश गोयल के यहां हुई बैठक व उनके पत्र ने पूरा कर दिया। उसमें महानगर अध्यक्ष संजीव शर्मा की मौजूदगी काफी खटकी।
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