उत्तरकाशी मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट संजीव कुमार की अदालत ने दिल्ली पुलिस की फर्जी भर्ती निकालने वाले पांच अभियुक्तों को पांच वर्ष के कठोर कारावास व एक-एक हजार अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड अदा नहीं करने पर एक माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगतना होगा।
10 नवंबर 2014 को कोतवाली उत्तरकाशी के तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक जेपी कुकरेती ने दिल्ली पुलिस की फर्जी भर्ती आयोजित करने के आरोप में पांच युवकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। उक्त आरोपियों ने एक अखबार में दिल्ली पुलिस की भर्ती का विज्ञापन प्रकाशित करवाया था। भर्ती प्रक्रिया मनेरा स्टेडियम में आयोजित करने के लिए आरोपियों ने जिला प्रशासन व पुलिस से भी अनुमति ली थी। फर्जीवाड़े का पता चलने पर पुलिस ने रोबिन, अजय (दोनो निवासी शामली उत्तर प्रदेश), राजकुमार, नरेंद्र कुमार व रईश अहमद (तीनों निवासी दिल्ली) के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।
10 फरवरी 2015 को पुलिस ने न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल किया था। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद शुक्रवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट उत्तरकाशी संजीव कुमार की अदालत ने मामले में अपना फैसला सुनाया। सहायक अभियोजन अधिकारी राजेश सिंह रावत व रमेश भट्ट ने बताया कि अभियुक्तों को पांच-पांच साल की कठोर कारावास की सजा सुनाई गई है। अभियुक्तों पर एक-एक हजार का अर्थदंड भी लगाया गया है। अर्थदंड न भुगतने पर सभी अभियुक्तों को एक-एक माह का सश्रम कारावास भुगतना होगा।
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