ऋषिकेश। अवादा फाउंडेशन ने राष्ट्र निर्माण में अपनी भूमिका निभाते हुए विद्यार्थियों में नैतिक एवं सामाजिक मूल्यों का बीजारोपण करने के लिए और बच्चों में छोटी उम्र से ही भारतीय संस्कारों के बीज बोकर उन्हें भारतीय परंपराओं और संस्कृति से जोड़े रखने के लिए श्छात्र विकास कार्यक्रम का ऋषिकेश के दस स्कूलों में आयोजन किया। कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए अवादा फाउंडेशन की ट्रस्टी रीतू पटवारी ने फाउंडेशन के चेयरमैन विनीत मित्तल की इस धारणा का उल्लेख किया कि अपने अच्छे कार्यों के द्वारा ही मनुष्य अपने माता पिता, समाज एवं संस्कृति, संतों एवं ऋषि मुनियों एवं प्रकृति का ऋण चुका सकता है।
अवादा फाउंडेशन द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में विद्यार्थियों को अपने सपनों को उड़ान देकर चौंपियन बनने की कला को विभिन्न एक्टिविटीज और प्रोजेक्टर प्रेजेंटेशन के साथ अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त मोटिवेशनल स्पीकर डॉक्टर अरुण भारद्वाज ने अनुसंधान और साक्ष्य आधारित कार्यक्रम के द्वारा विद्यार्थियों को सीखने का दायरा बढ़ाने के लिए अनुभवात्मक गतिविधियों पर जोर दिया। उन्होंने प्राचीन ज्ञान और आधुनिक अनुसंधान के अनूठे मिश्रण द्वारा विद्यार्थियों की मानवीय क्षमता को ऋषिकेश के दस स्कूलों में अपने कार्यक्रमों के माध्यम से सक्रिय किया।
कार्यक्रम में डॉक्टर भारद्वाज ने नमस्ते के अर्थ की वैज्ञानिक विवेचना करते हुए विद्यार्थियों से भारतीय संस्कृति की अभिवादन की नमस्ते करने की परंपरा को अपनाने का आह्वान किया।इसी कड़ी में उन्होंने भारतीय संस्कृति की और भी परंपराओं की वैज्ञानिक विवेचन की तथा विद्यार्थियों को आध्यात्मिक ग्रंथ देकर सम्मानित किया। सरस्वती विद्या मंदिर, मॉडर्न स्कूल, जीजीआईसी ऋषिकेश, आ पीएस, दिल्ली पब्लिक स्कूल, एन डी एस, निर्मल ज्ञान दान एकेडमी, दून इंटरनेशन,भरत मंदिर इंटर कॉलेज, डी एस बी इंटरनेशनल स्कूल में विद्यार्थियों के लिए अलग अलग तरह के कार्यक्रम आयोजित किए गए।
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