window.dataLayer = window.dataLayer || []; function gtag(){dataLayer.push(arguments);} gtag('js', new Date()); gtag('config', 'UA-96526631-1'); पृथ्वी है जीवन की निरंतरता के लिए आवश्यक: श्री महन्त रविन्द्र पुरी | T-Bharat
November 23, 2024

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पृथ्वी है जीवन की निरंतरता के लिए आवश्यक: श्री महन्त रविन्द्र पुरी

हरिद्वार 22 अप्रैल, (Amit kumar):2022 एस.एम.जे.एन. (पी.जी.) काॅलेज में विश्व पृथ्वी दिवस पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद, माँ मंशा देवी मन्दिर तथा काॅलेज प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष श्री महन्त रविन्द्र पुरी जी महाराज की अध्यक्षता में आज एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया।
आन्तरिक गुणवत्ता विनिश्चय प्रकोष्ठ के तहत् इस विचार गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद, माँ मंशा देवी मन्दिर तथा काॅलेज प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष श्री महन्त रविन्द्र पुरी जी महाराज ने कहा कि पृथ्वी हमारा ग्रह है और जीवन की निरंतरता के लिए महत्वपूर्ण आवश्यकता भी है। यह मनुष्य जीवन के लिए सभी आधारभूत संसाधनों से भरी हुई है, हमें उन संसाधनों को बचाने की आवश्यकता है। पृथ्वी पर कुछ सकारात्मक बदलाव लाने के लिए पृथ्वी बचाओ अभियान बहुत महत्वपूर्ण सामाजिक जागरुकता अभियान है। श्री महन्त ने उपस्थित छात्र-छात्राओं व शिक्षकों का आह्वान करते हुए कहा कि ग्लोबल वार्मिंग और अन्य पर्यावरणीय मुद्दों की दर दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है, इसके नकारात्मक प्रभावों को कम करने के लिए सभी गलत प्रचलनों को रोकना बहुत आवश्यक है।
गुजरात एजुकेशनल एवं इक्नोमिकस् सोसायटी के चैयरमेन विमल उपाध्याय ने अपने सम्बोधन में कहा कि विषाक्त वातावरण, वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, वनों का उन्मूलन और अन्य बहुत से पर्यावरणीय मुद्दों के कारण पृथ्वी पर स्वस्थ जीवन के अस्तित्व के लिए वर्तमान परिस्थितियाँ बहुत ही चुनौतीपूर्ण हैं। बहुत से आसान तरीकों को अपनाकर हम अपने ग्रह को बचा सकते हैं। विमल उपाध्याय ने पर्यावरण संरक्षण व शैक्षणिक गतिविधियों में एस.एम.जे.एन काॅलेज द्वारा किये जा रहे प्रयासों की भूरि-भूरि प्रशंसा करते हुए कहा कि गुजरात एजुकेशनल् एवं इक्नोमिकस् सोसायटी द्वारा एसएमजेएन काॅलेज में विद्यार्थियो की योग्यता को निखारने के लिए प्रमाण-पत्र व डिप्लोमा कोर्स निशुल्क चलाये जायेंगे।
काॅलेज के प्राचार्य डाॅ. सुनील कुमार बत्रा ने इस वर्ष विश्व पृथ्वी दिवस की थीम ‘इनवेस्टमेंट इन प्लेनेट’ को समझाते हुए कहा कि पृथ्वी के संरक्षण में लगाया गया समय एक ऐसा निवेश है जो न कि सिर्फ वर्तमान पीढ़ी अपितु आने वाले पीढ़ियों को भी जीवन से सम्बन्धित आवश्यक संसाधन उपलब्ध करायेगा। डाॅ. बत्रा ने कहा कि हमें अपनी पृथ्वी और वातावरण को अपशिष्टों, प्लास्टिक, कागज, लकड़ी आदि की मात्रा को कम करने के लिए कपड़े, खिलौने, फर्नीचर, किताबें आदि के पुनः पयोग की आदत को डालना चाहिए। प्रदूषण और ग्लोबल वार्मिंग के स्तर को बढ़ाने में शामिल गलत गतिविधियों को हमें रोकना चाहिए। प्राचार्य डाॅ. बत्रा ने कहा कि वैश्विक स्तर पर पर्यावरण को सन्तुलित करने में धरा की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। पर्यावरण के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए हम सभी को आगे आना होगा। डॉ विजय शर्मा ने पारिस्थितिक तन्त्र को समझाते हुए पृथ्वी के बहुमूल्य उपहार को सतत् विकास से जोडा़.
अधिष्ठाता छात्र कल्याण डाॅ. संजय माहेश्वरी ने कहा कि मानव पर्यावरण का एक महत्वपूर्ण उपभोक्ता है। विकास की उच्चतम उपलब्ध्यिां मनुष्य उसी समय प्राप्त कर पायेगा, जब वह प्राकृतिक सम्पदा का विवेकपूर्ण उपयोग करेगा। उन्होंने काॅलेज कर्मचारियों से धरा रक्षा का आह्वान किया।
इससे पूर्व श्री महन्त रविन्द्र पुरी जी महाराज विमल उपाध्याय, डॉ बत्रा द्वारा सभी को पृथ्वी दिवस पर पर्यावरण संरक्षण की शपथ भी दिलवायी गयी तथा सभी अतिथियों को पर्यावरण प्रकोष्ठ द्वारा चलाये जो रहे गोरैया संरक्षण अभियान के अन्तर्गत एक घोंसला भी भेंट किया गया।
कार्यक्रम में निर्मल पंचायती अखाड़ा, हरिद्वार के महन्त श्री कश्मीर सिंह जी, महन्त श्री जगजीत सिंह शास्त्री, महन्त श्री प्रेम सिंह, पुनीत सोबती, पुलकित शुक्ला, डाॅ. सरस्वती पाठक, डाॅ. जे.सी. आर्य, डाॅ. सुषमा नयाल, डाॅ. मोना शर्मा, डाॅ. आशा शर्मा, कु. अन्तिम त्यागी, विनीत सक्सेना, डाॅ. पूर्णिमा सुन्दरियाल, डाॅ. पदमावती तनेजा, डाॅ. प्रज्ञा जोशी, डाॅ. पुनीता शर्मा, प्रिंस श्रोत्रिय, डाॅ. विजय शर्मा सहित काॅलेज की छात्रा अर्शिका, आयना चौहान, नेहा, सुमन, रिया, माहिन, अंजली भट्ट, समीष्ठा, मनीष, स्वराज, श्रेया नामदेव, वैशाली गुप्ता, मोहिनी सहित अनेक छात्र-छात्रा उपस्थित थे।

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