कोरबा । डेंगू बुखार के पसरते कदम से जिला प्रशासन ने एलर्ट घोषित किया है। कलेक्टर ने स्वास्थ्य विभाग को रोकथाम के लिए व्यापक इंतजाम करने कहा है, लेकिन जिले में डेंंगू से बचाव को लेकर पुख्ता इंतजाम नहीं हैं। खासकर शासकीय अस्पतालों में डॉक्टर व दावाओं का टोटा बना हुआ है। सर्दी, बुखार जैसी सामान्य रोगोंं के उपचार तक के लिए लोगों को मशक्कत करनी पड़ती है। ऐसे में डेंंगू की जांंच व उपचार तो दूर की कौड़ी है। ऐसे में पीडि़त की जान बचाने के दावे खोखले ही लग रहे हैं।
कलेक्टर मो. कैसर अब्दुल हक ने डेंगू से बीमारी का प्रसार गांव से लेकर शहर के किसी भी स्थान में न हो इसके लिए अधिकारियो को सजग रहने कहा। उन्होंने कहा कि मितानिनों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, नगर निगम और नगर पालिका परिषद के मैदानी अमले की सहायता लेकर सभी बुखार पीडि़तों की पहचान की जाए। किसी भी प्रकार के बुखार से पीडि़त मरीज की सघन जांच की जाए और समुचित इलाज किया जाए। कलेक्टर ने कहा कि डेंगू बुखार के लक्षण और जांच के बाद डेंगू की पुष्टि होने पर तत्काल मरीज को प्रभावकारी दवाएं और इलाज की सुविधा उपलब्ध कराई जाए, लेकिन कलेक्टर के हिदायत का असर बहुत ही कम स्थानों पर देखने को मिल रहा है। स्वास्थ्य विभाग हमेशा की तरह लापरवाही बरतने में लगा हुआ है। वैसे भी संक्रामक बीमारी फैलने के बाद स्वास्थ्य अमला शिविर लगाकर अपने कत्र्तव्यों की इति करता रहा है। डेंगू में भी यही रवैय्या स्वास्थ्य अमला अपनाए हुए है। वैसे भी कोरबा में कुछ संदिग्धों की पहचान होने की खबर है। इसके बाद भी महकमा अलर्ट नजर नहीं आ रहा है।
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