देहरादून: भारत सहित विश्व भर में स्तन कैंसर महिलाओं में एक बड़ी समस्या के रूप में सामने आया है। भारत में हर 4 मिनट में एक महिला स्तन कैंसर से ग्रसित हो रही है। हर 13 मिनट में भारत में एक महिला की मृत्यु स्तन कैंसर से हो रही है। इतनी बड़ी संख्या में बढ़ते हुए मामलो का एक मुख्य कारण जागरूकता की कमी है। पिछले कई वर्षों से भारत में महिलाओं में होने वाले कैंसर के प्रति जागरुकता एवं रोकथाम के लिए प्रयासरत संस्था कैन प्रोटेक्ट फाउंडेशन को अब अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिलना प्रारंभ हो गया है। भारत में इजराइली दूतावास द्वारा कैन प्रोटेक्ट फाउंडेशन के जरिए किए जा रहे कार्यों की सराहना की गई है साथ ही कैन प्रोटेक्ट के साथ कार्य करने की भी बात कही है।
अभी हाल ही में इजराइल दूतवास द्वारा संस्था की अध्यक्षा डॉक्टर सुमिता प्रभाकर को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया। दिल्ली स्थित इजराइली दूतावास में अंतराष्ट्रीय स्तन कैंसर जागरूकता माह अक्टूबर में स्तन कैंसर संबंध में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में बीस देशों के राजनयिकों के साथ ही कैन प्रोटेक्ट फाउंडेशन की अध्यक्षा डाक्टर सुमिता प्रभाकर ने शिरकत की। इस कार्यक्रम की शुरुवात इज़राइल के राजदूत की पत्नी ओरली गिलोन एवं डी सी एम रोनी येडिडिया क्लिएन ने सभा को संबोधित करके की। उन्होंने कहा कैन प्रोटेक्ट फाऊंडेशन द्वारा ज़मीनी स्तर के कार्य किए जा रहे है जो कि सराहनीय प्रयास है। जागरुकता के साथ साथ रोकथाम और जल्दी निदान के लिए लगाए जा रहे स्वास्थ्य शिवरो में महिलाओं को अत्याधुनिक निवारक स्वास्थ सुविधा मिलने से आने वाले समय में भारत में स्तन कैंसर के मामलो में कमी आ सकती है । इस अवसर पर इजराइल की राजनयिक ओर्ली गोल्डमिट ने कहा कि कैन प्रोटेक्ट फाऊंडेशन के साथ इजरायली डॉक्टर की टीम भारत में स्तन कैंसर जागरूकता एवं जल्दी निदान पर कार्य करेगी। इजराइल की संस्था वन इन नाइन ने भी कार्यक्रम में भाग लिया। कार्यक्रम के दौरान कैन प्रोटेक्ट फाउंडेशन की अध्यक्षा डाक्टर सुमिता प्रभाकर ने फाउंडेशन द्वारा किए जा रहे कार्यों के बारे में विस्तृत जानकारी साझा की गई। पिछले 6 वर्षों में फाउंडेशन द्वारा लगाए गए शिविरो में विश्व की अत्याधुनिक मशीनों द्वारा महिलाओं में स्तन एवं सर्वाइकल कैंसर की अग्रिम जांच की जा रही है। जिससे न सिर्फ स्तन कैंसर का जल्दी निदान हो रहा है साथ ही सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम भी हो रही है।
उन्होंने बताया कि कैन प्रोटेक्ट तकनीक एवं कुशल स्वास्थ कर्मियों के द्वारा स्क्रीनिंग पर ज़ोर के साथ स्कूल एवम कॉलेज में जागरुकता अभियान चला रहा है, संस्था का उद्देश्य ऐसा स्वस्थ भारत है जिसमे उपचार से पहले रोकथाम को महत्व दिया जाए । सरकार उपचार उपल्ब्ध करवा रही है लेकिन नागरिकों को भी अपने स्वास्थ्य की जिम्मेदारी लेनी होगी। डॉक्टर सुमिता प्रभाकर ने इस अवसर पर सभा को बताया कि कोरोना काल में जब लॉकडाउन में स्वास्थ शिविरो का आयोजन नहीं हो पा रहा था तो संस्था के द्वारा एंड्रॉयड ऐप कैन ऐप को बनाया किया गया जिसकी सहायता से अब महिलाएं घर बैठे ही अपनी स्थानीय भाषा में स्वयं स्तन परीक्षण सीख रही है साथ ही स्तन एवं सर्वाइकल कैंसर की जानकारी भी उन्हें मिल रही है। यह ऐप निशुल्क है और इसे गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है। कैन प्रोटेक्ट फाउंडेशन पिछले कई वर्षों से स्तन कैंसर के प्रति जागरुकता अभियान चला रहा है। विशेष तौर पर उत्तराखंड के पर्वतीय इलाकों में जहां स्वास्थ संबंधी जागरुकता की कमी है उन क्षेत्रों में सघन कैंप लगाकर स्तन एवं सर्वाइकल कैंसर के प्रति महिलाओं को जागरुक एवं निःशुल्क स्वास्थ जांच द्वारा कैंसर रोकथाम करने के प्रयास किए जा रहें हैं। इसके साथ ही स्वास्थ कर्मियों के लिए निःशुल्क प्रशिक्षण कार्यक्रम एवं स्कूल, कॉलेजों में वर्कशॉप का आयोजन द्वारा भी कैंसर शिक्षा दी जा रही है।
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