पौड़ी। विशेष सत्र न्यायाधीश की अदालत ने नाबालिग से दुष्कर्म के आरोपी को 20 साल की सजा सुनाने के साथ ही 40 हजार का अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड जमा नहीं किए जाने पर आरोपी को छह माह के अतिरिक्त कारावास की सजा भी भुगतनी पड़ेगी। अदालत ने नाबालिग पीड़िता को प्रतिकर दिए जाने के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को आदेश दिए हैं।
जाखणीखाल तहसील के एक राजस्व क्षेत्र में अप्रैल-मई 2020 को एक गांव की एक नाबालिग के पेट में दर्द की शिकायत पर उसके परिजन उसे अस्पताल ले गए। जहां उपचार के दौरान डाक्टरों ने नाबालिग को 7 महीने से अधिक की गर्भवती होना बताया। घटना के बाद नाबालिग ने परिजनों को बताया कि उसके साथ गांव के ही चार युवकों द्वारा दुष्कर्म किया गया।
जिसके बाद परिजनों की तहरीर पर राजस्व पुलिस ने पोक्सो सहित अन्य धाराओं में चारों युवकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। कुछ समय बाद मामला रैगुलर पुलिस को हस्तांतरित किया गया।
पुलिस ने चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर मामले की जांच शुरू की। इस दौरान नाबालिग किशोरी ने एक नवजात बच्ची को जन्म भी दिया। पुलिस ने पीड़िता, उसकी बच्चीं व चारों आरोपियों के डीएनए सैंपल विधि विज्ञान प्रयोगशाला देहरादून भेजे। जहां प्रयोगशाला की रिपोर्ट में एक आरोपी का डीएनए नवजात शिशु से मैच हो गया। जिसके बाद पुलिस ने आरोपी के खिलाफ कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किए।
विशेष सत्र न्यायाधीश पौड़ी सिकंद कुमार त्यागी की अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद आरोपी पंकज रावत को नाबालिग से दुष्कर्म का दोषी पाते हुए उसे 20 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने आरोपी पर 40 हजार का अर्थदंड भी लगाया। साथ ही अर्थदंड जमा न किए जाने पर छह माह के अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई। विशेष लोक अभियोजक पोक्सो विजेंद्र सिंह रावत ने बताया कि अदालत ने पीड़िता को विशेष प्रतिकर दिए जाने के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण पौड़ी को आदेश दिए हैं। बताया कि मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से कुल 10 गवाह प्रस्तुत किए गए थे।
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