देहरादून: पौधों को भावनाओं से जोड़कर कार्य कर रहे वृक्षमित्र डॉ त्रिलोक चंद्र सोनी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को बहुत-बहुत बधाई दी। कहा पौधों को उपहार में भेंट कर पर्यावरण संरक्षण के लिए लोगो को जागरूक कर रहा हूं। पौधे उपहार में देने की प्रेरणा मुझे मेरे माता स्व0 कुंती देवी व पिता स्व0 मोहन राम से मिली। हम घर गांव के लोग हैं हमारा व्यवसाय गाय, भैस, बकरी पशुपालना था उनके चारे के लिए मेरे पिता जी पौधों को लगाने के लिए लाया करते थे मैंभी सपने माता व पिता जी के साथ पौधे लगाने के लिए जाया करता था मेरी माता जी पौधे लगाने के लिए मुझे पौधा देती थी में उस पौधे को अपने पिता जी को लगाने के लिए उनके हाथ मे देता था बचपन के इस पौध लेन देन की सीख ने पौधा उपहार में देने की प्रेरणा दे डाली जिसे मेने पौध उपहार में देने की परम्परा बनाई। आज जिसका परिणाम समाज मे दिख रहा है। कहा जब में ऊंचे ओहोदो पर बैठे लोगों को पौधे उपहार में देने जाता था लोग कई व्यंग्य मारा करते थे पौधा कौन उपहार में देता हैं आजतक किसने पौधे भेंट किए हैं पौधे कोई उपहार में देने की चीज हैं लेकिन मैंने हिम्मत नही हारी उसका नतीजा में दस हजार से अधिक महानुभावों को पौधा उपहार में भेंट कर चुका हूं।
पर्यावरणविद् वृक्षमित्र डॉ त्रिलोक चंद्र सोनी कहते हैं जन्मदिन पर पौधे लगाने के लिए लोग कतराते थे उनकी अलग धारणा थी कि जो लोग इस दुनियां से चल बसे हैं जो लोग मर चुके हैं उनकी स्मृति में पौधों को लगाते हैं जन्मदिन पर कौन लगता है पौधों को। डॉ सोनी कहते हैं सबसे पहले मैंने अपने जन्मदिन पर पौधे लगाना शुरु किया फिर अपने बच्चों के जन्मदिन पर। पौधों को जन्मदिन पर लगाने की खबर जन जन तक पहुचने लगी जिसका नतीजा अब जन्मदिन पर लोग पौधे लगाने लग गए हैं।
डॉ सोनी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को बहुत बहुत बधाई दी कहा नये राज्यपाल का स्वागत में पौध उपहार में भेंट करना व प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन पर पौधा लगाना उत्तराखण्डी होने का संदेश दुनियां को दिया हैं। कहा जिस कार्य को में विगत 30 सालों से चला रहा हु उस कार्य को एक नई दिशा मिली हैं अब मुझे उम्मीद है मुख्यमंत्री का साथ रहा तो हम पौध उपहार में भेंट करने व जन्मदिन पर पौधा लगाने की परम्परा को दुनियां के कोने कोने तक पहुचाएंगे।
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