सुप्रीम कोर्ट 1 सितंबर 2018 से कार खरीदने के साथ दो साल का थर्ड पार्टी बीमा और बाइक के साथ 5 साल का थर्ड पार्टी बीमा कराने को अनिवार्य करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने भारतीय बीमा नियामक एंव विकास प्राधिकरण (IRDA) से इस संबंध में दिशा निर्देश जारी करने को कहा है. अब तक सिर्फ दोपहिया वाहनों के लिए ही एक साल से अधिक अवधि वाला बीमा कवर बाजार में मिल रहा था.
सुप्रीम कोर्ट ने यह नियम सड़क सुरक्षा अदालती कमेटी की सिफारिशों का उल्लेख करते हुए अनिवार्य किया है. कमेटी ने सिफारिश की थी कि दोपहिया या चौपहिया वाहनों कि बिक्री के समय थर्ड पार्टी इंश्योरेंस कवर एक साल की जगह क्रमश: 5 साल और 2 साल के लिए अनिवार्य किया जाए. जिसके बाद कोर्ट ने यह फैसला सुनाया है.
क्या होता है थर्ड पार्टी इंश्योरेंस
मोटर वाहन अधिनियम के अनुसार सड़क पर चलने वाले सभी वाहनों का थर्ड पार्टी इंश्योरेंस होना अनिवार्य है. हर पॉलिसी में दो हिस्से होते हैं-थर्ड पार्टी कवर व ऑन डैमेज. देश में सभी वाहनों के लिए थर्ड पार्टी कवर अनिवार्य है. यह किसी थर्ड पार्टी को नुकसान की भरपाई करता है इसमें ओनर के वाहन की पहुंची क्षति को कवर नहीं करता. इस इंश्योरेंस का प्रीमियम IRDA हर साल तय करता है
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