हरिद्वार,(Amit kumar): विषमुक्त कृषि के साथ-साथ किसानों की समृद्धि के उद्देश्य से पतंजलि योगपीठ-2 के योगभवन सभागार में जैविक कृषि संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में हजारों किसान भाईयों व बहनों को सम्बोधित करते हुए उत्तराखण्ड के कृषि मंत्री माननीय श्री सुबोध उनियाल ने कहा कि उत्तराखण्ड के साथ-साथ पूरे देश के किसानों को पतंजलि से समृद्धि की नई राह मिली है। किसानों को जैविक कृषि प्रशिक्षण तथा मृदा परीक्षण तकनीक उपलब्ध कराकर पतंजलि योगपीठ किसान समृद्धि की राह खोल चुका है। अब पतंजलि ऑर्गेनिक सर्टिफिकेशन सेंटर से प्रामाणिक उत्पाद जब बाजार में आएँगे तो उनका मूल्य स्वतः ही कई गुना बढ़ जाएगा। कृषि मंत्री ने कहा कि पतंजलि ने कृषि के क्षेत्र में नई क्रांति का सूत्रपात किया है। पतंजलि की दूरगामी सोच और कृषि कार्य में नए-नए अनुसंधान इस क्रांति के मुख्य हथियार साबित हुए हैं। उन्होंने कहा कि जैविक कृषि को बढ़ावा देने के लिए किए जा रहे पतंजलि के प्रयासों में उत्तराखण्ड सरकार हर संभव सहयोग प्रदान करेगी।
माननीय कृषि मंत्री ने उत्तराखण्ड से युवाओं के पलायन पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि जो युवा अपनी जमीन बेचकर चंद पैसों की खातिर पहाड़ों से पलायन कर रहे हैं वे अपनी आने वाली पीढि़यों के साथ अपराध व छल कर रहे हैं। उन्होंने मात्रशक्ति पर बोलते हुए कहा कि यदि पहाड़ पर कृषि जिन्दा है तो उसकी देन पहाड़ी महिलाएँ हैं जो दैनिक कार्यों के साथ-साथ मवेशियों का पालन व कृषि कार्य में पूर्ण सहभागिता करती हैं।
इस अवसर पर पूज्य आचार्य बालकृष्ण जी महाराज ने कहा कि उत्तराखण्ड देवभूमि है जहाँ प्राचीनकाल से ही जैविक खेती की जाती रही है किन्तु अधिक उत्पादन के लालच में परिस्थितियाँ बदल रही हैं। उन्होंने कहा कि पतंजलि कृषक समृद्धि-कार्यक्रम मिशन मोड में कार्य करते हुए, किसानों को जैविक खेती के लिए प्रेरित करता है। कृषि के क्षेत्र में पहाड़ों पर हमें बड़ा कार्य करना है। इसके लिए एक विशेष योजना तैयार की गई है जिसके तहत पी.ओ.आर.आई. के निपुण कृषि वैज्ञानिक जरूरतमंद किसानों को जैविक कृषि का प्रशिक्षण देंगे तथा ऑर्गेनिक सर्टिफिकेशन सेंटर उनके उत्पादों के प्रमाणीकरण की व्यवस्था सुनिश्चित करेगा।
आचार्य जी ने कहा कि पतंजलि किसानों की आय दो गुनी करने के अपने लक्ष्य के प्रति कृत संकल्पित है। हमारे वैज्ञानिकों ने जैविक कृषि को बल प्रदान करने हेतु गहन अनुसंधान आधारित रसायन रहित उत्पाद तैयार किए हैं जिनके माध्यम से किसानों को अच्छी पैदावार प्राप्त हो रही है। साथ ही समय-समय पर सम्मेलनों व संगोष्ठियों के माध्यम से किसानों को जैविक खेती संबंधी प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है।
इस अवसर पर ऑर्गेनिक सर्टिफिकेशन सेंटर की विवरणिका व पुस्तिका का विमोचन पूज्य आचार्य जी महाराज, श्री सुबोध उनियाल एवं अन्य उपस्थित गणमान्यों के कर-कमलों द्वारा किया गया।
कार्यक्रम में पी.ओ.आर.आई. के उपाध्यक्ष श्री डी.बी.एन. प्रसाद ने पतंजलि ऑर्गेनिक रिसर्च इंस्टीट्यूट का परिचय और इसकी विविध गतिविधियों के विषय में विस्तृत जानकारी दी। इसके पश्चात उन्होंने पोर्टेबल मृदा परीक्षण किट की विशेषताओं को कृषकों तथा आगन्तुक अतिथिगणों के मध्य रखा। श्री विवेक बेनिपुरी ने पतंजलि फार्मर्स समृद्धि प्रोग्राम (पी.एफ.एस.पी.) की विशेषताओं तथा इसकी उपलब्धियों को साझा किया। ऑर्गेनिक सर्टिफिकेशन सेंटर (ओ.सी.सी.) के कार्यों व गतिविधियों की जानकारी ओ.सी.सी. के जनरल मैनेजर श्री ऋषि वर्मा ने दी। स्वामी पुण्यदेव ने पतंजलि ग्रामीण आरोग्य केन्द्र तथा श्री अंजय कुमार ने पतंजलि स्वदेशी समृद्धि कार्ड पर प्रस्तुतिकरण दिया। साथ ही डॉ. अशोक मेहता ने मटर तथा अदरक की खेती के लिए दिशानिर्देश व सुझाव दिए।
कार्यक्रम में उत्तराखण्ड कृषि विभाग के निदेशक डॉ. गौरी शंकर, संयुक्त निदेशक कृषि विभाग डॉ. दिनेश कुमार, उत्तराखण्ड जैविक उत्पाद परिषद के एम.डी. श्री विनय कुमार, मुख्य कृषि अधिकारी टिहरी श्री जे.पी. तिवारी, ऋषिकेश मंडी अध्यक्ष श्री विनोद कुकरेती इत्यादि उपस्थित रहे। कार्यक्रम की संपूर्ण रूपरेखा पी.ओ.आर.आई. के मुख्य महाप्रबंधक श्री पवन कुमार ने तैयार की तथा स्वामी परमार्थ देव जी द्वारा कार्यक्रम का संचालन किया गया।
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