window.dataLayer = window.dataLayer || []; function gtag(){dataLayer.push(arguments);} gtag('js', new Date()); gtag('config', 'UA-96526631-1'); देश ही नहीं विदेशों में भी PM मोदी का जलवा | T-Bharat
September 21, 2024

TEHRIRE BHARAT

Her khabar sach ke sath

देश ही नहीं विदेशों में भी PM मोदी का जलवा

नई दिल्ली। करीब आठ महीने पहले जब अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव अपने अंतिम दौर में थे तो एक नारा बार बार लोगों को अपनी तरफ ध्यान आकर्षित करता था वो था ‘अबकी बार ट्रंप सरकार’। ये लाइन अबकी बार मोदी सरकार जैसी थी जो पीएम मोदी के चुनाव प्रचार में सुर्खियां बटोर रही थी। 2014 में भारत की चुनावी फिजां में गूंज रहे नारे की ताकत को रिपब्लिकन उम्मीदवार ट्रंप ने समझा। अमेरिका में बसे भारतीयों को अपने पाले में करने के लिए उस नारे का अपने पक्ष में भरपूर इस्तेमाल भी किया। कुछ ठीक वैसे ही कंजरवेटिव पार्टी से पीएम पद की उम्मीदवार थेरेसा मे के रणनीतिकारों को भी समझ में आई। और वो ब्रिटेन में बसे करीब 16 लाख भारतीयों को लुभाने की हरसंभव कोशिश कर रहे हैं। ब्रिटेन में आठ जून को मध्यावधि चुनाव होने जा रहा है। सबसे पहले आप को बताते हैं कि थेरेसा मे का चुनावी नारा क्या है।

दोस्तों, धन्यवाद,

शुक्रिया, मेहरबानी.

अब फिर समय आया है साथ निभाने का।

पिछले समय जो साथ निभाया, उसका भी सलाम.

थेरेसा मे का साथ निभाना।

कंजर्वेटिव को है जिताना।

कंजरवेटिव पार्टी ने बनाया गाना

हिंदी में बना ये गाना कंजरवेटिव पार्टी की तरफ से आठ जून को होने वाले चुनाव के लिए है। इस चुनाव के लिए हिंदी में एक गाना रिलीज किया गया है। जिसका शीर्षक थेरेसा का साथ है। थेरेसा मे ब्रिटेन की पीएम हैं. ब्रेक्जिट के बाद उन्होंने ये पद संभाला और अब दोबारा मैदान में हैं। थेरेसा को हिंदी गाने वाले कैंपेन की जरूरत इसलिए पड़ी कि वहां 16 लाख भारतीय मूल के लोग रहते हैं। फिलहाल सत्ता पर काबिज कंजरवेटिव पार्टी के लिए इस गाने को एक भारतीय मूल के कारोबारी रंजीत बख्शी के दिमाग की उपज है। रंजीत बख्शी कंजर्वेटिव फ्रेंड्स ऑफ इंडिया के साझा मुखिया हैं।

पंडित दिनेश ने इस गाने को लिखा और कंपोज किया है. ब्रिटिश इंडियन आर्टिस्ट नवीन कुंद्रा, राजा कसफ, केतन कंसरा, उर्मी चक्रवर्ती और रुबैय्यत जहां ने इस गाने को गाया है। गाने के वीडियो में थेरेसा के भारत लगाव को दिखाया गया है।. इसके लिए ब्रिटिश पीएम की उन तस्वीरों का इस्तेमाल किया गया है। जिसमें उन्होंने भारतीय परिधान पहने हैं। इसके अलावा भारत से जुड़े किसी जगह या परंपरा में दिलचस्पी को दिखाया गया है। की नवंबर 2016 की भारत यात्रा की तस्वीरों का भी इस्तेमाल किया गया है।

डेविड कैमरन ने भी बनवाया था गाना

ये पहली बार नहीं है इससे पहले 2015 में कंजर्वेटिव पार्टी के ही पीएम डेविड कैमरन ने भी भारतीय मूल के लोगों के लिए नीला आसमान गाना रिलीज किया था।

नील है आसमान

गगन विशाल।

यही रंग है, ब्रिटेन की शान

आओ हम सब घुल-मिल जाएं

इस नील रंग के साथ।

डेविड कैमरन, डेविड कैमरन

थाम लो इनका हाथ।

किसी भी पार्टी द्वारा विदेशों में भारतीय मूल के लोगों को लुभाने का ये कोई पहला मामला नहीं है। इस बार हुए अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव को कौन भूल सकता है। हिलेरी बनाम ट्रंप में जीत ट्रंप की हुई। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव को जीतने के लिए ट्रंप ने कई पैंतरे आजमाए। अमेरिका में रह रहे भारतीय मूल के लोगों को अपनी तरफ करने के लिए ट्रंप ने नरेंद्र मोदी के चुनाव प्रचार की मशहूर लाइन ‘अबकी बार मोदी सरकार’ की तर्ज पर अबकी बार ट्रंप सरकार का इस्तेमाल किया।

कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो का कमाल

अपने काम को लेकर कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो सुर्खियों में रहते हैं। इन्होंने भी कई मौकों पर भारत के लोगों के प्रति अपना लगाव जाहिर किया है। 2012 में इंडो-कनाडा एसोसिएशन ने मोंट्रियल में भारतीय स्वतंत्रता दिवस मनाया था। इस इवेंट में जस्टिन कुर्ते-पजामे में पहुंचे थे। फिर इवेंट में परफॉर्म कर रहे ग्रुप के साथ पंजाबी गाने पर डांस भी किया। हालांकि जस्टिन उस समय प्रधानमंत्री नहीं थे।

बैक-बेंचर से ब्रिटेन की पीएम बनने की कहानी

ब्रेक्जिट के पहले थेरेसा के बारे में ये आम धारणा थी कि वो लाइम लाइट में रहना नहीं पसंद करती हैं। 1956 में एक सामान्य मध्यवर्गीय परिवार में जन्मीं की शिक्षा एक सामान्य स्कूल में हुईं। लेकिन अपनी काबिलियत के दम उन्होंने ऑक्सफोर्ड से ज्योग्राफी की पढ़ाई की। ऑक्सफोर्ड में वो पाकिस्तान की पूर्व पीएम बेनजीर भूट्टों की सहपाठी थीं। हालांकि थेरेसा मे को पारिवारिक दिक्कतों का सामना करना पड़ा। कॉलेज से पालआउट होने के बाद उनके पिता का निधन हो गया और कुछ समय के बाद उनकी मां भी चल बसीं। थेरेसा ने बैंक ऑफ इंग्लैंड में काम किया। साउथ लंदन से काउंसलर चूने जाने के बाद उनका राजनीतिक सफर शुरू हुआ। 1997 में वो सांसद बनी। थेरेसा मे की काबिलियत आम ब्रिटंस दंग थे। 1999 में इनको ‘शैडो कैबिनेट’ में शामिल कर लिया गया। ब्रिटिश संविधान के मुताबिक विपक्ष भी संसद में एक कैबिनेट बनाता है जिसे शैडो कैबिनेट कहते हैं.

थेरेसा मे के कुछ विवादास्पद फैसले

2010 में थेरेसा मे ने होम ऑफिस संभाला। थेरेसा को आतंकवाद, कानून-व्यवस्था और माइग्रेशन जैसे विषयों की जिम्मेदारी मिली। थेरेसा में जब अपने दफ्तर को ज्वाइन किया तो शुरुआती दिन मुश्किल भरे थे। सरकारी बाबू उनके आदेशों की नाफरमानी करते थे। लेकिन थेरेसा मे ने अपनी जिद और जूनून से सबको काबू में कर लिया। फिर थेरेसा ने माइग्रेशन को रोकने और पुलिस में सुधार पर काम करना शुरू किया। पुलिस के लिए थेरेसा ने टॉम विनसर को पुलिस चीफ बना दिया। हालांकि विनसर के नाम पर उनकी जमकर मुखालफत हुई। दरअसल विनसर का पुलिसिया बैकग्राउंड नहीं था।

जाकिर नाइक पर लगाई रोक

बांग्लादेश हमलों के बाद मीडिया में इस तरह की खबरें आने लगी कि विवादास्पद धर्मगुरु जाकिर नाइक 2010 में ब्रिटेन में लेक्चर देने जा रहा था। ब्रिटेन की मीडिया ने शोर मचाना शुरू किया कि ये आदमी ठीक नहीं है। उस वक्त थेरेसा को होम ऑफिस संभाले एक महीना ही हुआ था। उन्होंने तुरंत नाइक के वीजा को निरस्त करने का आदेश दिया। जाकिर को मुंबई एयरपोर्ट से लौटना पड़ा। थेरेसा मे 2010 में भारत दौरे के वक्त हैदराबाद पुलिस अकादमी में लेक्चर दिया था। बताया जाता है कि 2008 मुंबई हमलों के बाद उन्होंने लंदन के पुलिसिया सिस्टम में बड़ा बदलाव किया।

news
Share
Share