window.dataLayer = window.dataLayer || []; function gtag(){dataLayer.push(arguments);} gtag('js', new Date()); gtag('config', 'UA-96526631-1'); फ़्रांस के राष्ट्रपति अपनी पत्नी से 24 साल छोटे हैं | T-Bharat
September 21, 2024

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फ़्रांस के राष्ट्रपति अपनी पत्नी से 24 साल छोटे हैं

पिछले दिनों फ़्रांस में राष्ट्रपति पद के लिए हुए चर्चाओं ने खासी सुर्खियां बटोरीं. इसकी चर्चा का हॉट टॉपिक रहे राष्ट्रपति चुनाव जीतकर इतिहास रचने वाले Emmanuel Macron, जो फ़्रांस के सबसे युवा राष्ट्रपति बनने वाले हैं. एक नौकरशाह के रूप में अपने करियर की शुरुआत करने वाले 39 वर्षीय Macron ने इस चुनाव में भारी वोटों से जीत हासिल कर इतिहास रच दिया.

राजनितिक सफ़र तो उनका काफी दिलचस्प है ही, लेकिन उनकी व्यक्तिगत ज़िन्दगी भी बहुत ही रोचक है. जी हां, Macron की पत्नी का नाम Brigitte Trogneux है और वो एक टीचर रह चुकी हैं. इन दोनों प्रेम कहानी की सबसे ख़ास बात है कि मैंक्रो की पत्नी ब्रिजिट उम्र में उनसे 25 साल बड़ी हैं.

जब Macron केवल 15 साल के थे, तब वो पहली बार ब्रिजिट से मिले थे और तभी उनको आपस में प्यार हो गया. 18 साल की उम्र में दोनों ने अपना रिलेशन ऑफ़िशियल कर दिया. Macron बताते हैं कि चुनाव प्रचार के दौरान उनके द्वारा दिए गए भाषणों में उनकी पत्नी की अहम भूमिका रही है.

जब मैक्रोन हाईस्कूल में थे, तब ब्रिजिट उनकी टीचर थीं और उनसे 24 साल सीनियर थीं. Brigitte Trogneux फ्रेंच और ड्रामा टीचर थीं. इसके साथ ही वो एक थियेटर क्लब भी चलाती थीं जहां Macron एक नए एक्टर के तौर पर काम करते थे. आपको बता दें कि इमानुएल का जन्म 21 दिसंबर 1977 में हुआ था, जबकि ब्रिजिट का जन्म 13 अप्रैल 1953 में हुआ था.

64 वर्षीय Brigitte को उनके दोस्त “Bibi” बुलाते हैं, और वो Macron को “Manu” बुलाती हैं.

गौरतलब है कि फ्रांस राष्ट्रपति चुनाव में मैक्रोन ने दक्षिणपंथी उम्मीदवार मरीन ले पेन को हराकर जीत हासिल की है. मैक्रोन को 2.07 करोड़ वोट मिले, जबकि ले पेन को 1.06 करोड़ वोट मिले.

बतौर नौकरशाह Macron काम करने के बाद उन्होंने निवेश बैंकर के रूप में काम किया और अब वो नए राष्ट्रपति बन रहे हैं. इन्होने अपनी राजनीतिक पार्टी का गठन ‘एन माशेर्!’ नाम से किया.

ये उनका लक ही है कि पहली बार चुनाव लड़ने वाले Macron ने जीत भी हासिल कर ली और अब वो देश के सर्वोच्च पद पर बैठने वाले हैं और उसका कार्यभार संभालने वाले हैं. इन चुनावों में उनके साथ कोई भी पार्टी नहीं जुड़ी थी. इसलिए उनके आलोचक उनको के नौसिखिया नेता भी कहने लगे थे. राजनीति में उनका अनुभव भी कुछ ख़ास नहीं था. वो राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के नेतृत्व में केवल दो साल तक अर्थव्यवस्था मंत्री के पद पर रहे. वो यूरोपीय संघ के कट्टर समर्थक हैं और फ्रांस को यूरोपीय संघ से जोड़े रखना चाहते हैं.

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