नई दिल्ली। असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर से लेकर डीसीपी रैंक के ये सभी 37 पुलिसकर्मी वे लोग हैं, जिन्होंने देश के सबसे वीभत्स निर्भया सामूहिक दुष्कर्म कांड के आरोपियों को फांसी के फंदे तक पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
इन्होंने केस की जांच में रात-दिन किए और आरोपियों को गिरफ्तार कर वे तमाम सबूत जुटाए, जिनसे निर्भया को इंसाफ मिला। दिल्ली पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक ने इन सभी पुलिसकर्मियों को सोमवार को पुलिस मुख्यालय बुलाकर उनकी हौसला अफजाई की।
ये रही खासियत
पुलिस ने एक हफ्ते के भीतर सभी आरोपियों को पकड लिया।
महज 19 दिन में कोर्ट में 1000 पन्नों की चार्जशीट पेश।
ऐसा कोई सबूत-गवाह नहीं छूटा, जिसे पुलिस ने जांच में शामिल न किया।
पुलिस ने महज एक दिन में सिंगापुर ले जाने के लिए निर्भया के माता-पिता का पासपोर्ट बनवाया।
सरोजिनी नगर बाजार से उनके लिए शॉपिंग तक की।
पुलिस अधिकारी निर्भया के माता-पिता को लगातार धीरज बंधाते रहे। संभवत: इसी कारण केस की शुरुआत से लेकर कोर्ट के फैसले आने तक निर्भया के माता-पिता पुलिस की तारीफ करते रहे।
पुलिस की जांच की तारीफ निचली अदालत, हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तीनों ने अपने-अपने फैसलों में की।
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