window.dataLayer = window.dataLayer || []; function gtag(){dataLayer.push(arguments);} gtag('js', new Date()); gtag('config', 'UA-96526631-1'); मुख्यमंत्री ने किया डोबरा-चांठी पुल का लोकार्पण | T-Bharat
September 25, 2024

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मुख्यमंत्री ने किया डोबरा-चांठी पुल का लोकार्पण

Uttarakhand: मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने रविवार को राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर टिहरी में बहुप्रतीक्षित डोबरा-चांठी पुल का लोकार्पण कर टिहरी वासियों को बड़ी सौगात दी है। पुल का लोकार्पण करते हुए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि 295 करोड़ लागत के 725 मी लम्बे इस भारी वाहन झूला पुल की क्षेत्रवासी पिछले 14 वर्षों से इंतजार में थे पुल पर आवाजाही शुरू होने से अब आवागमन सुविधाजनक होने के साथ ही समय की बचत होगी। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कुल 4 अरब 73 करोड़ 8 लाख 56 हज़ार की विभिन्न 60 योजनाओं का शिलान्यास एवं लोकार्पण भी किया। जिसमें 3 अरब 7 करोड़ 83 लाख लागत की 30 योजनाओं का लोकार्पण तथा 1 अरब 2 करोड़ 25 लाख की 30 योजनाओं का  शिलान्यास शामिल है। लोकार्पण की गई योजनाओं में 9 योजनायें लोनिवि, 7 पीएमजीएसवाई, 10 शिक्षा विभाग, 2 पर्यटन एवं 1-1आयुर्वेदिक व क्रीड़ा विभाग से संबंधित है जबकि शिलान्यास योजनाओं में 7 लोनिवि, 20 पीएमजीएसवाई, 1 पर्यटन, 1 शिक्षा व 1 उद्यान विभाग से संबंधित है।  इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने राजकीय इंटर कालेज मजफ के प्रान्तीकरण की भी घोषणा की। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में उपस्थित क्षेत्र की जनता को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रताप नगर की जनता ने देश हित में बहुत बड़ा योगदान दिया है जिससे पूर्वी उत्तर प्रदेश तक सिंचाई की उपलब्धता एवं निर्बाध विद्युत आपूर्ति संभव हो सकी है। उन्होंने प्रताप नगर की जनता से पुल निर्माण में देरी के लिए खेद व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तराखंड सरकार ने इस पुल के निर्माण में तेजी लाये जाने के लिये एकमुश्त 88 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की जिसके कारण पुल का निर्माण समय से पूरा हो पाया है।  उन्होंने कहा कि आज प्रताप नगर की जनता के लिए विकास का दरवाजा खुल चुका है वहीं यह पुल क्षेत्रीय जनता एवं आने वाली भावी पीढ़ियों के लिए खुशहाली एवं समृद्धि का स्रोत बनेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि 42 किलोमीटर लंबी टिहरी झील पूरी दुनिया को आकर्षित करने की क्षमता रखती है । टिहरी झील साहसिक पर्यटन का भी केन्द्र बनेगी तथा इसके आस पास अनेक पर्यटन गतिविधियों की शुरूआत होगी इससे पर्यटन व्यवसाय को बढ़ावा मिलने के साथ ही आर्थिक समृद्धि की राह भी प्रशस्त होगी। डोबरा-चांठी पुल के बनने से यह क्षेत्र पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र होगा।  जिससे क्षेत्र में जनता की आर्थिकी में भी सुधार होगा वहीं आवागमन में समय और धन की भी बचत होगी।  इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सुशासन व भ्रष्टाचार मुक्त विकास एवं प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को दुरुस्त किया जाना सरकार की प्राथमिकता बताया। कार्यक्रम में कृषि मंत्री सुबोध उनियाल, उच्च शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत, सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह, जिला पंचायत अध्यक्ष सोना सजवाण, विधायक विजय सिंह पंवार, धन सिंह  नेगी, शक्ति लाल शाह, राज्यमंत्री अब्बल सिंह बिष्ट, रोशन लाल सेमवाल, महावीर रांगड़, जिलाधिकारी इवा आशीष, विभिन्न ब्लाकों के ब्लाक प्रमुखों के साथ ही अन्य अधिकारी, जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में क्षेत्रीय जनता उपस्थित थी।
Uttarakhand: मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने रविवार को राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर टिहरी में बहुप्रतीक्षित डोबरा-चांठी पुल का लोकार्पण कर टिहरी वासियों को बड़ी सौगात दी है। पुल का लोकार्पण करते हुए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि 295 करोड़ लागत के 725 मी लम्बे इस भारी वाहन झूला पुल की क्षेत्रवासी पिछले 14 वर्षों से इंतजार में थे पुल पर आवाजाही शुरू होने से अब आवागमन सुविधाजनक होने के साथ ही समय की बचत होगी। इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कुल 4 अरब 73 करोड़ 8 लाख 56 हज़ार की विभिन्न 60 योजनाओं का शिलान्यास एवं लोकार्पण भी किया। जिसमें 3 अरब 7 करोड़ 83 लाख लागत की 30 योजनाओं का लोकार्पण तथा 1 अरब 2 करोड़ 25 लाख की 30 योजनाओं का  शिलान्यास शामिल है। लोकार्पण की गई योजनाओं में 9 योजनायें लोनिवि, 7 पीएमजीएसवाई, 10 शिक्षा विभाग, 2 पर्यटन एवं 1-1आयुर्वेदिक व क्रीड़ा विभाग से संबंधित है जबकि शिलान्यास योजनाओं में 7 लोनिवि, 20 पीएमजीएसवाई, 1 पर्यटन, 1 शिक्षा व 1 उद्यान विभाग से संबंधित है।  इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने राजकीय इंटर कालेज मजफ के प्रान्तीकरण की भी घोषणा की। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में उपस्थित क्षेत्र की जनता को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रताप नगर की जनता ने देश हित में बहुत बड़ा योगदान दिया है जिससे पूर्वी उत्तर प्रदेश तक सिंचाई की उपलब्धता एवं निर्बाध विद्युत आपूर्ति संभव हो सकी है। उन्होंने प्रताप नगर की जनता से पुल निर्माण में देरी के लिए खेद व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तराखंड सरकार ने इस पुल के निर्माण में तेजी लाये जाने के लिये एकमुश्त 88 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की जिसके कारण पुल का निर्माण समय से पूरा हो पाया है।  उन्होंने कहा कि आज प्रताप नगर की जनता के लिए विकास का दरवाजा खुल चुका है वहीं यह पुल क्षेत्रीय जनता एवं आने वाली भावी पीढ़ियों के लिए खुशहाली एवं समृद्धि का स्रोत बनेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि 42 किलोमीटर लंबी टिहरी झील पूरी दुनिया को आकर्षित करने की क्षमता रखती है । टिहरी झील साहसिक पर्यटन का भी केन्द्र बनेगी तथा इसके आस पास अनेक पर्यटन गतिविधियों की शुरूआत होगी इससे पर्यटन व्यवसाय को बढ़ावा मिलने के साथ ही आर्थिक समृद्धि की राह भी प्रशस्त होगी। डोबरा-चांठी पुल के बनने से यह क्षेत्र पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र होगा।  जिससे क्षेत्र में जनता की आर्थिकी में भी सुधार होगा वहीं आवागमन में समय और धन की भी बचत होगी।  इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सुशासन व भ्रष्टाचार मुक्त विकास एवं प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को दुरुस्त किया जाना सरकार की प्राथमिकता बताया। कार्यक्रम में कृषि मंत्री सुबोध उनियाल, उच्च शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत, सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह, जिला पंचायत अध्यक्ष सोना सजवाण, विधायक विजय सिंह पंवार, धन सिंह  नेगी, शक्ति लाल शाह, राज्यमंत्री अब्बल सिंह बिष्ट, रोशन लाल सेमवाल, महावीर रांगड़, जिलाधिकारी इवा आशीष, विभिन्न ब्लाकों के ब्लाक प्रमुखों के साथ ही अन्य अधिकारी, जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में क्षेत्रीय जनता उपस्थित थी।

Uttarakhand: मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने रविवार को राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर टिहरी में बहुप्रतीक्षित डोबरा-चांठी पुल का लोकार्पण कर टिहरी वासियों को बड़ी सौगात दी है। पुल का लोकार्पण करते हुए मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि 295 करोड़ लागत के 725 मी लम्बे इस भारी वाहन झूला पुल की क्षेत्रवासी पिछले 14 वर्षों से इंतजार में थे पुल पर आवाजाही शुरू होने से अब आवागमन सुविधाजनक होने के साथ ही समय की बचत होगी।

इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कुल 4 अरब 73 करोड़ 8 लाख 56 हज़ार की विभिन्न 60 योजनाओं का शिलान्यास एवं लोकार्पण भी किया। जिसमें 3 अरब 7 करोड़ 83 लाख लागत की 30 योजनाओं का लोकार्पण तथा 1 अरब 2 करोड़ 25 लाख की 30 योजनाओं का  शिलान्यास शामिल है। लोकार्पण की गई योजनाओं में 9 योजनायें लोनिवि, 7 पीएमजीएसवाई, 10 शिक्षा विभाग, 2 पर्यटन एवं 1-1आयुर्वेदिक व क्रीड़ा विभाग से संबंधित है जबकि शिलान्यास योजनाओं में 7 लोनिवि, 20 पीएमजीएसवाई, 1 पर्यटन, 1 शिक्षा व 1 उद्यान विभाग से संबंधित है।  इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र ने राजकीय इंटर कालेज मजफ के प्रान्तीकरण की भी घोषणा की।

कार्यक्रम में बड़ी संख्या में उपस्थित क्षेत्र की जनता को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रताप नगर की जनता ने देश हित में बहुत बड़ा योगदान दिया है जिससे पूर्वी उत्तर प्रदेश तक सिंचाई की उपलब्धता एवं निर्बाध विद्युत आपूर्ति संभव हो सकी है। उन्होंने प्रताप नगर की जनता से पुल निर्माण में देरी के लिए खेद व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तराखंड सरकार ने इस पुल के निर्माण में तेजी लाये जाने के लिये एकमुश्त 88 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की जिसके कारण पुल का निर्माण समय से पूरा हो पाया है।  उन्होंने कहा कि आज प्रताप नगर की जनता के लिए विकास का दरवाजा खुल चुका है वहीं यह पुल क्षेत्रीय जनता एवं आने वाली भावी पीढ़ियों के लिए खुशहाली एवं समृद्धि का स्रोत बनेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 42 किलोमीटर लंबी टिहरी झील पूरी दुनिया को आकर्षित करने की क्षमता रखती है । टिहरी झील साहसिक पर्यटन का भी केन्द्र बनेगी तथा इसके आस पास अनेक पर्यटन गतिविधियों की शुरूआत होगी इससे पर्यटन व्यवसाय को बढ़ावा मिलने के साथ ही आर्थिक समृद्धि की राह भी प्रशस्त होगी। डोबरा-चांठी पुल के बनने से यह क्षेत्र पर्यटकों के लिए भी आकर्षण का केंद्र होगा।  जिससे क्षेत्र में जनता की आर्थिकी में भी सुधार होगा वहीं आवागमन में समय और धन की भी बचत होगी।  इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सुशासन व भ्रष्टाचार मुक्त विकास एवं प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं को दुरुस्त किया जाना सरकार की प्राथमिकता बताया।

कार्यक्रम में कृषि मंत्री सुबोध उनियाल, उच्च शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत, सांसद माला राज्यलक्ष्मी शाह, जिला पंचायत अध्यक्ष सोना सजवाण, विधायक विजय सिंह पंवार, धन सिंह  नेगी, शक्ति लाल शाह, राज्यमंत्री अब्बल सिंह बिष्ट, रोशन लाल सेमवाल, महावीर रांगड़, जिलाधिकारी इवा आशीष, विभिन्न ब्लाकों के ब्लाक प्रमुखों के साथ ही अन्य अधिकारी, जनप्रतिनिधि एवं बड़ी संख्या में क्षेत्रीय जनता उपस्थित थी।

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