window.dataLayer = window.dataLayer || []; function gtag(){dataLayer.push(arguments);} gtag('js', new Date()); gtag('config', 'UA-96526631-1'); बंगाल में भाजपा और भगवान राम का हो रहा उदय | T-Bharat
September 21, 2024

TEHRIRE BHARAT

Her khabar sach ke sath

बंगाल में भाजपा और भगवान राम का हो रहा उदय

कोलकाता। लगता है बंगाल की फिजा बदल रही है। यहां कभी भी भगवान राम एतिहासिक चरित्र नहीं रहे। उत्‍तर भारत के लोगों का इनमें विश्‍वास है। जबकि बंगाल में धारणा बिल्‍कुल अलग रही है। मगर अब उत्‍तर भारत और बंगाल के बीच का यह अंतर मिटता नजर आ रहा है। बंगाल के कुछ हिस्‍सों में राम नवमी और हनुमान जयंती धूमधाम से मनाई जाने लगी है, यहां तक कि रबीन्‍द्रनाथ टैगोर के बीरभूम में भी। यह एक तरह से बंगाल में हो रहे सामाजिक-राजनीतिक बदलाव की तरफ इशारा है।

रैलियों में बोलने वाले लोग अपनी हिंदू पहचान को प्रमुखता से स्‍थापित करने के लिए इन मौकों का इस्‍तेमाल कर रहे हैं। हालांकि सत्‍ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस से असंतुष्‍ट लोग राम को अन्‍याय व आतंक के खिलाफ एक आदर्श के तौर पर देख रहे हैं।

टाइम्‍स ऑफ इंडिया के अनुसार, पूर्वी यूपी में ज्यादातर लोग तुलसीदास द्वारा लिखी गई रामचरित मानस को भक्ति भाव से पढ़ते हैं और लोगों के लिए राम उतने ही वास्तविक हैं जितना कि सूरज। मगर बंगाल में ऐसा नहीं रहा है। यहां तक कि टैगोर ने लिखा था कि कवि का मस्तिष्क ही राम का जन्मस्थान है, जो अयोध्या से कहीं ज्यादा वास्तविक है। मगर अब उनके बीरभूम में भी बदलाव ने दस्‍तक दे दी है।

news
Share
Share