window.dataLayer = window.dataLayer || []; function gtag(){dataLayer.push(arguments);} gtag('js', new Date()); gtag('config', 'UA-96526631-1'); धन के साथ सेवाभावी मन भी हो-पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज | T-Bharat
September 25, 2024

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धन के साथ सेवाभावी मन भी हो-पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज

श्रेष्ठ शिक्षक वही है जो देश के उज्जवल भविष्य हेतु श्रेष्ठ नागरिक तैयार करे- पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज

श्रेष्ठ शिक्षक वही है जो देश के उज्जवल भविष्य हेतु श्रेष्ठ नागरिक तैयार करे- पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज

ऋषिकेश,(Amit Kumar):परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने आज ’इंटरनेशनल चैरिटी डे’ के अवसर पर कहा कि दान का बड़ा महत्व है। कोविड – 19 के समय में दान की महत्ता और भी बढ़ गयी है। दान, सहयोग, सहायता आदि परोपकार का सबसे उपयुक्त माध्यम है। स्वेच्छा से दिया गया अपना समय, ज्ञान, धन, सुरक्षा और सहायता जिससे दूसरों का भला हो यही तो दान है।
पूज्य स्वामी जी ने कहा कि दान देने के लिये जरूरी नहीं की हमारे पास अपार मात्रा में धन हो बल्कि दान करने के लिये तो सच्चा हृदय होना आवश्यक है। हमारे हृदय में मानवता के लिये; प्रकृति और पर्यावरण के लिये, प्राणियों के लिये प्रेम हो। वास्तव में मानवीय संकटों से उबरने के लिये स्वास्थ्य, शिक्षा, आवास, संरक्षण और अन्य सार्वजनिक सेवाओं के लिये धन का होना नितांत आवश्यक है परन्तु धन के साथ सेवाभावी मन का होना उससे भी जरूरी है। उत्तराखंड में आयी आपदा हो, सुनामी हो या फिर कोविड-19 ऐसे समय में हमने ऐसे अनेक दानवीरों को देखा जिनको नाम से कोई मतलब नहीं था, बस वे काम करते गये।
पूज्य स्वामी जी ने कहा कि दान के माध्यम से हम हाशिए पर रह रहे लोगों को और वंचितों को सहायता और सुरक्षा प्रदान कर सकते है। उन्होने कहा कि वर्तमान समय में हमारे देश को ऐसी परोपकारी संस्थानों की आवश्यक है जो कि हमारी इस दुनिया की बेहतरी के लिये अपना योगदान प्रदान कर सकें। पूज्य स्वामी जी ने कहा कि भारतीय सनातन संस्कृति हमें यही शिक्षा देती है कि ’’किसी के काम जो आये उसे इंसान करते है, पराया दर्द अपनाये उन्हें इंसान कहते है।’’
पूज्य स्वामी जी ने कहा कि कोरोना काल में ऐसे अनेक मानवीय चेहरे सामने आये जिनके कार्य करने के स्वरूप भिन्न भिन्न थे परन्तु मकसद एक ही था, सेवा करना। हमने देखा की इन मानवीय गतिविधियों के वजह से अनेक लोग अपने घरों तक पहुंच पाये। आज का दिन श्रेष्ठ कार्य करने, दूसरों की मदद करने और मानवता का कल्याण करने हेतु दान, सहायता और अपना टाईम, टेलैंट, टेनासिटी, और टेक्नालाॅजी के माध्यम से दूसरों की मदद करने हेतु प्रेरित करता है।
अंतर्राष्ट्रीय चैरिटी दिवस का उद्देश्य जनमानस और संस्थाओं को परोपकारी गतिविधियों के माध्यम से दूसरों की मदद करने के लिए संवेदनशील करना तथा सेवा कार्यो के लिये एक जुट होकर कार्य करने हेतु प्रेरित करना है।
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