window.dataLayer = window.dataLayer || []; function gtag(){dataLayer.push(arguments);} gtag('js', new Date()); gtag('config', 'UA-96526631-1'); योग को जीवन-शैली में स्थान दें : स्वामी परमार्थदेव | T-Bharat
September 25, 2024

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योग को जीवन-शैली में स्थान दें : स्वामी परमार्थदेव

योग को जीवन-शैली में स्थान दें : स्वामी परमार्थदेव

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योग को जीवन-शैली में स्थान दें : स्वामी परमार्थदेव
योग को जीवन-शैली में स्थान दें : स्वामी परमार्थदेव

हरिद्वार,(Amit kumar): पतंजलि विश्वविद्यालय में आयोजित वैज्ञानिक एवं तकनीकी शब्दावली आयोग, शिक्षा मंत्रालय द्वारा प्रायोजित पाँच दिवसीय वेबगोष्ठी के समापन अवसर पर देश के विद्वानों के उद्बोधन प्राप्त हुए। तकनीकी सत्र के पाँचवे दिन का प्रारंभ पूरे विश्व को सतत मार्गदर्शन देने वाले पूज्य स्वामी रामदेव जी के प्रेरक भजन से हुआ। प्रथम सत्र में पाणिनि संस्कृत महाविद्यालय, वाराणसी की प्राचार्या डॉ. नंदिता शास्त्री ने योग सूत्र पर चर्चा करते हुए मानव मन को सभी वासनाओं का आश्रय बताया तथा वासना से मुक्ति के लिए लगातार अभ्यास और वैराग्य को सहायक बताया। कार्यक्रम के सह-संयोजक डॉ. रुद्र भण्डारी ने योग दर्शन के आधार व लक्ष्य की संक्षिप्त चर्चा करते हुए बताया कि न्यूनतम चेतना से परम चेतना में जुड़ने की स्थिति ही योग है। वेद के प्रख्यात विद्वान् एवं संस्कृत विभाग, बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के पूर्व अध्यक्ष प्रो0 राधेश्याम चतुर्वेदी ने मोक्ष पर विस्तार से प्रकाश डाला तथा सौन्दर्य की व्याख्या करते हुए उन्होंने कहा कि जब दृष्टा अपने स्वरूप को भूल जाता है, वही उसका वास्तविक सौन्दर्य है। इसी क्रम में पतंजलि विश्वविद्यालय के कुलानुशासक स्वामी परमार्थदेव जी ने सबके लिए मंगल व कल्याण की कामना करते हुए योग को अपनी जीवन-शैली बनाने का आह्नान किया। संस्कृत विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. विपिन द्विवेदी ने शब्दों की प्रासंगिकता बताते हुए कहा कि प्रत्येक शब्द में एक तकनीकी विद्यमान होती है और इस अर्थ में ‘शब्द ही ब्रह्म’ है। वेबगोष्ठी के संयोजक एवं पतंजलि विश्वविद्यालय के संकायाध्यक्ष डॉ. वी.के. कटियार ने प्राणायाम की तकनीक एवं वैज्ञानिकता पर विस्तृत जानकारी साझा करते हुए बताया कि उनके निर्देशन में अब तक पूज्य स्वामी जी द्वारा बताए गए प्राणायाम प्रक्रिया से संबंधित पाँच पी-एच.डी. शोध कार्य पूर्ण हो चुके हैं।आयोग के अध्यक्ष डॉ. अवनीश कुमार जी ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए इस कार्यक्रम को अद्भुत, लोकोपयोगी एवं अविस्मरणीय बताया।कार्यक्रम के अंत में पतंजलि विश्वविद्यालय की कुलसचिव डॉ. प्रवीण पुनिया ने पतंजलि के आधार स्तम्भ पूज्य स्वामी जी, श्रद्धेय आचार्य जी, माननीय प्रति-कुलपति डॉ. महावीर अग्रवाल जी, संकायाध्यक्ष डॉ. कटियार जी, वित्त अधिकारी श्री ललित मोहन जी, आयोजन समिति के सभी सदस्यों सहित सभी विद्वान् वक्ताओं एवं प्रतिभागियों को वेबगोष्ठी के सफल आयोजन हेतु धन्यवाद ज्ञापित किया।इस गोष्ठी में कई राज्यों के प्रतिभागियों ने विभिन्न ऑनलाइन माध्यम से जुड़कर ज्ञानार्जन किया।

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