window.dataLayer = window.dataLayer || []; function gtag(){dataLayer.push(arguments);} gtag('js', new Date()); gtag('config', 'UA-96526631-1'); आयुर्वेद को पूर्ण औषधी का दर्जा दिलाने हेतु एक सार्थक पहल है: भाई राकेश | T-Bharat
September 25, 2024

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आयुर्वेद को पूर्ण औषधी का दर्जा दिलाने हेतु एक सार्थक पहल है: भाई राकेश

आयुर्वेद को पूर्ण औषधी का दर्जा दिलाने हेतु एक सार्थक पहल है: भाई राकेश

आयुर्वेद को पूर्ण औषधी का दर्जा दिलाने हेतु एक सार्थक पहल है: भाई राकेश

आयुर्वेद को पूर्ण औषधी का दर्जा दिलाने हेतु एक सार्थक पहल है: भाई राकेश
आयुर्वेद को पूर्ण औषधी का दर्जा दिलाने हेतु एक सार्थक पहल है: भाई राकेश

हरिद्वार,(Amit kumar):पूज्य श्रद्धेय आचार्य बालकृष्ण जी महाराज के जन्मदिवस ‘जड़ी-बूटी दिवस’ से 1 सप्ताह पूर्व उत्तराखण्ड में चलाया गया 1 लाख गिलोय वितरण एवं रोपण अभियान अपार सफलता के साथ अनावरत रूप से चल रहा है। इसी क्रम में कल दादूबाग आश्रम, कनखल में भाई राकेश जी के नेतृत्व में गिलोय वितरण कार्यक्रम रखा गया। इस अवसर पर भाई राकेश जी ने कहा कि गिलोय वितरण अभियान को अपार सफलता मिली है तथा निर्धारित लक्ष्य से कहीं अधिक (लगभग 1 लाख 20 हजार) गिलोय वितरित की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमण काल के चलते वैसे तो गिलोय वितरण का यह कार्यक्रम पूरे देश के 600 जिलों में, 5000 से अधिक तहसीलों व 1 लाख से अधिक गाँवों में चलाया गया परन्तु हमने विशेष रूप से उत्तराखण्ड के चार जिलों यथा- हरिद्वार, रुड़की, ऋषिकेश, देहरादून में 1 लाख गिलोय वितरण का लक्ष्य रखा था जिसे चारों जिला इकाइयों के कर्मठ भाई-बहनों व नागरिकों की जागरूकता के चलते अपार सफलता मिली है। इस अभियान के तहत प्रदेश के चारों जिलों के सैकड़ों गाँवों, कस्बों तथा शहरी क्षेत्रों में जाकर गिलोय वितरण तथा रोपण अभियान चलाया गया। पूज्य स्वामी जी महाराज तथा पूज्य आचार्य जी महाराज के अथक प्रयासों से आज पूरा उत्तराखण्ड ही नहीं, पूरा देश ही नहीं अपितु पूरा विश्व गिलोय के औषधीय गुणों के विषय में जानता है। आयुर्वेद को पूर्ण औषधी का दर्जा दिलाने हेतु यह एक सार्थक पहल है।इस अवसर पर भाई राकेश जी ने कहा कि हाल ही में गिलोय पर अमेरिका में लगभग 800 प्रयोग हुए हैं जिनसे निष्कर्ष निकला है कि गिलोय मानव शरीर को सुदृढ़ बनाने के साथ-साथ प्रतिरोधक क्षमता में भी वृद्धि करता है। कोरोना जैसी महामारी में भी हम गिलोय का काढ़ा पीकर स्वयं को संक्रमण से बचा सकते हैं। उन्होंने कहा कि शरीर का ऐसा कोई भी अंग नहीं जिस पर गिलोय का सकारात्मक प्रभाव नहीं पड़ता। सामान्य सर्दी, जुकाम, बुखार में भी गिलोय का काढ़ा उत्तम औषधी है। पतंजलि की आगामी योजना व उद्देश्य है कि भारत के प्रत्येक घर में गिलोय का पौधा लगाया जाए।प्रदेश की जिला पतंजलि योग समिति की इकाइयों पर निस्वार्थ भाव से कार्यरत भाई-बहनों को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि राज्य प्रभारीगण श्री भास्कर औली जी, बहन सीमा जी, श्री प्रवीण आर्य जी, श्री सुरेश जी, श्री प्रभात आर्य जी, श्री देशबन्धु जी, आचार्य राहुल जी, आचार्य संजीव जी, भाई संजय जी, भाई विपिन जी, भाई कृष्ण मिलन आदि का विशेष योगदान रहा। संगठन के कर्मठ भाई-बहनों यथा- बहन प्रेमबाला आर्य, बहन गीता कार्की, बहन रेनु, भाई सुन्दर, बहन सुनीता सैनी, बहन रेखा, बहन कुलवंत कौर, बहन अंजू, भाई संजय सैनी, भाई राहुल, बहन सरिता, बहन कोमल, बहन राम प्यासी इस्तवाल, बहन सुनीता खंडूरी, बहन कमला कैंथोला, बहन मनसा देवी, बहन पूनम सिंह, बहन विजय लक्ष्मी, बहन कंचन गुप्ता, बहन काजल, बहन कुमुद, भाई सुरेश, भाई नरेश, भाई राजेश चमौली, बहन आशा धसमाना, बहन नीता रानी, बहन गुड्डी बड़वाल, बहन कविता सैनी, बहन पुष्पा पाण्डेय, भाई अमित, बहन कमला कैंथोला, भाई अजब सिहं, भाई सुरेश कुमार, भाई सुरेश पाल, भाई गौरव भाटी, भाई प्रमोद, भाई कटार सिंह, मास्टर राम विलास, भाई उमेश कुमार, भाई ओमवीर सिंह, भाई राजेश, भाई डी.एस. नेगी, भाई अब्दुल रहमान, भाई मौहम्मद अफजाल, भाई अमर सिंह, बहन सोफिया, भाई सुशील भटनागर, भाई राजेश सैनी, बहन मंजरी सैनी, बहन रितिका अरोड़ा, भाई रोहित कौशिक, डॉ. गौरव आदि ने इस अभियान को सफल बनाने हेतु अपनी सहभागिता दर्ज की। इन्होंने गाँव-गाँव, गली-गली जाकर गिलोय वितरित की तथा पत्रक के माध्यम से इसके औषधीय गुणों के विषय में लोगों को जागरूक किया। उन्होंने बताया कि पूज्य स्वामी जी महाराज तथा पूज्य आचार्य जी महाराज की प्रेरणा से पतंजलि योग समिति की मुख्य महिला केन्द्रीय प्रभारी साध्वी आचार्या देवप्रिया जी तथा मुख्य केन्द्रीय प्रभारी डॉ. जयदीप आर्य जी के विशेष सहयोग से पतंजलि योगपीठ के सभी संगठनों- पतंजलि योग समिति, महिला पतंजलि योग समिति, भारत स्वाभिमान, युवा भारत, पतंजलि किसान सेवा समिति व हाम्रो स्वाभिमान के कार्यकर्ताओं ने इस अभियान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया तथा सफल बनाया।

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