window.dataLayer = window.dataLayer || []; function gtag(){dataLayer.push(arguments);} gtag('js', new Date()); gtag('config', 'UA-96526631-1'); उत्तराखंड की दिव्य धरती से पूज्य संतों ने श्री राम मन्दिर शिलाविन्यास में सहभाग किया | T-Bharat
September 25, 2024

TEHRIRE BHARAT

Her khabar sach ke sath

उत्तराखंड की दिव्य धरती से पूज्य संतों ने श्री राम मन्दिर शिलाविन्यास में सहभाग किया

उत्तराखंड की दिव्य धरती से पूज्य संतों ने श्री राम मन्दिर शिलाविन्यास में सहभाग किया

उत्तराखंड की दिव्य धरती से पूज्य संतों ने श्री राम मन्दिर शिलाविन्यास में सहभाग किया

उत्तराखंड की दिव्य धरती से पूज्य संतों ने श्री राम मन्दिर शिलाविन्यास में सहभाग किया
उत्तराखंड की दिव्य धरती से पूज्य संतों ने श्री राम मन्दिर शिलाविन्यास में सहभाग किया

ऋषिकेश,(Amit kumar): उत्तराखंड की दिव्य धरती से पूज्य संतों ने श्री राम मन्दिर शिलाविन्यास में सहभाग कर पूरे विश्व को रामराज्य की स्थापना का संदेश दिया। आज के इस पावन अवसर पर योग गुरू पूज्य रामदेव जी महाराज, आध्यात्मिक गुरू पूज्य अवधेशानन्द गिरि जी महाराज, परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज और अन्य पूज्य संतों ने आज श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र में आयोजित श्री राम मन्दिर शिलाविन्यास में सहभाग कर पूजन वंदन किया।
पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा कि लगभग 500 वर्षो की प्रतीक्षा के बाद अयोध्या में आज श्री राम जी के दिव्य मंदिर का सपना साकार होने जा रहा है। यह मेरा सौभाग्य है कि मैं भी इस दिव्य कार्यक्रम का सहभागी हूँ। स्वामी जी ने कहा कि मैंने आज अपने प्रदेश उत्तराखंड, पूरे भारत और सम्पूर्ण विश्व की ओर से सबकी आस्था के पुष्प इस दिव्य स्थल पर समर्पित किये।
पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा कि मुझे लगता है यह सिग्नेचर इवेंट है और यह सिग्नेचर इवेंट इसलिए है कि पूरे विश्व के लिये आज का यह पल एक ऐतिहासिक पल है और यही अपना कल हैं यह भारतीय संस्कृति का पल हैI भारतीय संस्कृति सबको मिलाती हैं सबको जोड़ती है, मानव मानव एक समान, सबके भीतर है भगवान जो सबको साथ लेकर चलेगी, आज वह धारा केवल राम मंदिर की धारा नहीं बल्कि यहां से राष्ट्र मंदिर की धारा प्रवाहित होगी, जिसमें भारत एक है, विविधता में एकता भारत की विशेषता और उसी का दर्शन आज का यह भव्य उत्सव करायेगाI यह भूगोल को बदलेगा, लोगों के दिमागों को बदलेगाI लोगों के दिलों को बदलेगाI दिलों को जोड़ेगा, दीवारों को तोड़ेगा और दरारों को भर देगा और सब को एक कर देगाI भगवान राम ने सेतु बनाए हैं, सब को जोड़ने के चाहे शबरी हो या केवट आज समय आया है हम सब एक हैं, एक परिवार है, वसुधैव कुटुंबकम है और उसका आगाज भारत के यशस्वी ऊर्जावान प्रधानमंत्री कर रहे हैंI

पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने कहा कि मुझे तो लगता है कि श्री राम मन्दिर के साथ-साथ आज राष्ट्र मन्दिर का भी शिलाविन्यास को रहा है। उन्होंने कहा कि मेरे देश की माटी तुझको सौ-सौ बार प्रणाम। बात जब माटी की हैं तो बात गौरव की है बात पूरे भारत की हैैैै और इसलिये जब भगवान श्री राम जी जो हमारे आराध्य है आज उनके जन्म स्थान पर भारत के यशस्वी, तपस्वी और ऊर्जावान प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने अपने हाथों से कई पूज्य संतों और समाज के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में शिलाविन्यास किया। इस दिव्य पूजन में पूरे देश के पवित्र स्थलों की माटी और पवित्र नदियों का जल वहां पर लाया गया और उससे पूजन किया, वास्तव में बड़ी दिव्य संस्कृति है हमारी।

भगवान श्री राम ने वीरता और शौर्य के साथ बदलाव की संस्कृति को जन्म दिया है। स्वामी जी ने कहा कि मनुष्य के अन्दर की अच्छाई जब बाहर आती है तो रामराज्य की स्थापना होती है; समाज का उत्थान होता है और जब बुराई बाहर आती है तो रावण की तरह पतन होता है। लगभग 500 वर्षो की कड़ी तपस्या के पश्चात आज भगवान श्री राम मन्दिर के शिलाविन्यास के साथ हमारे समाज में श्री राम के आदर्शो को स्थापित करना भी जरूरी है और भगवान श्री राम ने मर्यादित जीवन जीकर एक उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया है जो हर युग के लिये प्रासंगिक है।
श्रीराम मन्दिर के शिलाविन्यास के साथ जीवन मन्दिर की भी स्थापना करने की जरूरत है। एक ऐसा जीवन जिसमें द्वेष और दूर्गुण न हो। दूर्गुण एवं अशुद्धि चाहे बाहर की हो या आंतरिक उसका शुद्धिकरण करना अवश्यक है।
भगवान श्री राम हमेशा अपनी जड़ों से और मूल्यों से जुड़ें रहे। उन्होंने आदर्शो पर चलते हुये अनेकों के जीवन को उत्सव बना दिया। उन्हें जीवन की मोड़ पर जो भी मिला उसके जीवन का उद्धार कर दिया। स्वयं कष्टों को सहते हुये दूसरों के जीवन में नई ऊर्जा का संचार किया। आईयें ऐसे आदर्शो को अपने जीवन में स्थापित करने का प्रयास करें।

news
Share
Share