window.dataLayer = window.dataLayer || []; function gtag(){dataLayer.push(arguments);} gtag('js', new Date()); gtag('config', 'UA-96526631-1'); हुनर को तलाशें और तराशें-स्वामी चिदानन्द सरस्वती | T-Bharat
September 25, 2024

TEHRIRE BHARAT

Her khabar sach ke sath

हुनर को तलाशें और तराशें-स्वामी चिदानन्द सरस्वती

काॅम ऑफ मोमेंट’ और क्षमा कर आगे बढ़ना ही जीवन का मूल मंत्र - पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज

काॅम ऑफ मोमेंट’ और क्षमा कर आगे बढ़ना ही जीवन का मूल मंत्र - पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज

ऋषिकेश,(Amit kumar):। देश के युवाओं को रोजगार देने के उद्देश्य से सरकार ने वर्ष 2015 से ’विश्व युवा कौशल दिवस’ की शुरूआत की थी। वर्ल्ड यूथ स्किल डे के अवसर पर परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने देश के युवाओं से कहा कि अपने हुनर को तलाशें और तराशें। अपने अन्दर के हुनर को तलाशने के लिये किसी अवसर या उम्र की जरूरत नही होती बस सीखने की जिज्ञासा होनी चाहिये।
कोविड-19 के कारण पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था खतरे में है। विश्व के लगभग 70 प्रतिशत युवा का रोजगार शिक्षण संस्थानों के बंद होने के कारण प्रभावित हुआ है परन्तु मुझे विश्वास है कि 21 वीं सदी युवाओं की सदी होगी। स्वामी जी ने कहा कि बच्चों को बचपन से ही कौशल युक्त शिक्षा प्रदान करें ताकि उन्हें कभी बेरोजगारी का सामना न करना पड़े।
स्वामी जी ने कहा कि यूथ, एक्टिव कैसे बनें, इफेक्टिव कैसे बनें इसके लिये हमारे युवाओं को 4 आई प्रोग्राम – इंफॉर्मेशन, इंस्पिरेशन, इंप्लीमेंटेशन, इनोवेशन, पर अमल करने की जरूरत है। साथ ही हमारे युवा 4 टी प्रोग्राम – टाइम, टेलेंट, टेक्नोलॉजी और टेनेसिटी के माध्यम से देश, समाज और देशवासियों केे लिए कार्य करें। उन्होने कहा कि देश के युवाओं का लक्ष्य एवं मंजिल अपने राष्ट्र की उन्नति होना चाहिये क्योंकि ’’देश हमें देता है सब कुछ, हम भी तो कुछ देना सीखें’’। स्वामी जी ने कहा कि
’’जो चट्टनों से टक्कर ले उसे तूफान कहते है
पर जो तूफानों से टक्कर ले उसे नौजवान कहते हैं’’।
आज ऐसे ही नौजवानों की जरूरत है जो कौशल से युक्त हो। वर्तमान समय में हमें केवल एजुकेटेड नहीं, बल्कि कल्चर्ड और स्किल्ड युवाओं की जरूरत है जो इस कोरोना काल में अपने राष्ट्र को उन्नति के शिखर पर ले जा सकें। स्वामी जी ने कहा कि हम सभी का मंत्र भी हो इदं राष्ट्राय स्वाहा, इदं राष्ट्राय स्वाहा इदं न मम् यही राष्ट्र सच्ची सेवा है और इसमें हम सभी भारतवासियों को मिलकर राष्ट्र के प्रति अपनत्व का भाव; गौरव का भाव और श्रेष्ठता का भाव अपनायेगे तो निश्चितरूपेन राष्ट्र ऊचाँईयों को प्राप्त करेगा और इसमें युवाओं की भूमिका सर्वश्रेष्ठ होगी।

news
Share
Share