Rishikesh,(Amit kumar): परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा पद्मनाभ मंदिर का मालिकाना एवं रखरखाव का हक त्रावणकोर शाही परिवार एवं कमेटी के पक्ष में दिये जाने का जोरदार स्वागत करते हुये कहा कि यह एक स्वागत योग्य और ऐतिहासिक निर्णय है।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि मेरी एक मीटिंग माता श्री अवस्थी तिरूनल गौरी लक्ष्मी बाई जी से हुई थी। उनका भक्तिभाव और समर्पण अद्भुत है। वें ज्ञान, गान और ध्यान का संगम है। उनका परिवार अर्पण, तर्पण और सर्मपण की दिव्य संस्कृति को आज भी जीवित रखे है। इस निर्णय को इतिहास में एक महान क्षण के रूप में याद किया जाएगा। सन 2020 में आया यह फैसला भारत को विजन 20ः20 प्रदान कर सकता है और आज दुनिया को इसकी जरूरत भी है, महात्मा गांधी जी ने कहा था कि उस तेज गति का क्या उपयोग है जिसकी कोई दिशा नहीं है। आज हम इंटरनेट से तो जुड़े हुए हैं लेकिन हमें इनर नेट से जुड़ने की जरूरत है और इसके लिये जीवन में एक विज़न चाहिये। सन 2020 हमें एक विजन; पूर्ण दृष्टि प्रदान कर सकता है- शुद्ध दृष्टि- सनातन दृष्टि – वैदिक दृष्टि, जहां हम वसुधैव कुटुम्बकम; पूरी दुनिया एक परिवार है, के दिव्य सूत्र को आत्मसात कर सकते हैं।
स्वामी जी ने कहा कि मैं, श्री राम जन्म भूमि मंदिर और अब श्री पद्मनाभ स्वामी मंदिर के विषय में दिये इस ऐतिहासिक निर्णय के लिए भारत के सर्वोच्च न्यायालय के माननीय न्यायाधीशों का स्वागत करता हूं। एक उत्तर में एक और दक्षिण में दूसरा, यह उत्तर और दक्षिण दोनों के बीच एक पुल निर्माण करने का माध्यम बनेगा यह सेतु मानवता की श्रेष्ठता और विभिन्नता में एकता, भारत की विशेषता में इसे और बढ़ायेगा।
Her khabar sach ke sath
More Stories
डीएम ने नगरनिकाय निर्वाचन की तैयारियों एवं व्यवस्थाओं के सम्बन्ध में जरूरी दिशा-निर्देश दिए
निकाय चुनाव प्रचार के लिए सीएम धामी ने संभाला मोर्चा
राजभवन में लोहड़ी का पर्व पूरे हर्षाेल्लास और पारंपरिक उल्लास के साथ मनाया गया