window.dataLayer = window.dataLayer || []; function gtag(){dataLayer.push(arguments);} gtag('js', new Date()); gtag('config', 'UA-96526631-1'); पैशन और कम्पैशन का फैशन क्रिऐट करें-स्वामी चिदानन्द सरस्वती | T-Bharat
September 25, 2024

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पैशन और कम्पैशन का फैशन क्रिऐट करें-स्वामी चिदानन्द सरस्वती

हर देश का एक भूगोल है, पर भारत अनमोल है:पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज

हर देश का एक भूगोल है, पर भारत अनमोल है:पूज्य स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज

पैशन और कम्पैशन का फैशन क्रिऐट करें-स्वामी चिदानन्द सरस्वती
पैशन और कम्पैशन का फैशन क्रिऐट करें-स्वामी चिदानन्द सरस्वती

ऋषिकेश,(Amit kumar): परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने पेपर बैग डे की पूर्व संध्या पर सिंगल यूज प्लास्टिक बैग के स्थान पर ईको फ्रेंडली पेपर बैग तथा कपड़े के बैग का उपयोग करने का संदेश दिया।
प्रतिवर्ष 12 जुलाई को पेपर बैग डे मनाया जाता है ताकि दुनिया में बढ़ता प्रदूषण कम हो तथा जलवायु परिवर्तन को रोका जा सके। आज का दिन लोगों को पेपर बैग के प्रति जागरूक करने हेेतु मनाया जाता है। पेपर बैग, इको फ्रेंडली, प्राकृतिक और बायोडिग्रेडेबल होते हैं इसलिये इसे स्थायी जीवनशैली के विकल्प के रूप में पेपर बैग को बढ़ावा दिया जाना चाहिये।
पूरे विश्व में प्लास्टिक बैग का उपयोग बड़ी मात्रा में किया जाता है। सिंगल यूज प्लास्टिक को एक बार उपयोग करने के पश्चात उसे फेंक दिया जाता है, जो पर्यावरण के लिये नुकसानदायक है परन्तु वर्तमान समय में पेपर बैग, प्लास्टिक बैग के विकल्प के रूप में उपयोग किया जा रहा है जो कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए तथा अपने ग्रह को संरक्षित करने के लिए एक महत्वपूर्ण आधारशिला है।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि पर्यावरण एवं जीवन को सुरक्षित रखने के लिये प्लास्टिक बैग की तुलना में पेपर बैग बेहतर विकल्प है, इससे पर्यावरण को कोई नुकसान नहीं पहुंचता परन्तु पेपर बैग के ज्यादा उपयोग से डिफाॅरेस्टेशन का खतरा उत्पन्न हो सकता है। पेपर बैग, पेडों के पल्प से बनाये जाते हैं, जितने ज्यादा पेपर बैग बनेंगे उतनी ज्यादा मात्रा में पेड़ों को काटा जायेगा जबकि पेड़ तो धरती के फेफड़े हैं, इसलिये प्लास्टिक और पेपर बैग से बेहतर विकल्प है, काॅटन बैग। कपड़े के थैले को पुराने कपड़ों से भी बनाया जा सकता है।
स्वामी जी ने कहा कि अगर फटी पैंट को फैशन बना सकते हैं तो पेपर बैग या कपड़े के थैले को फैशन क्यो नहीं बना सकते? जब फटी पैंट फैशन में है तो पुराने कपड़े से बना थैला भी फैशन हो सकता है। उन्होने कहा कि पैशन और कम्पैशन का फैशन क्रिऐट करें। पैशन क्रिऐट करें तथा अपने पर अपने बच्चों और आने वाली पीढ़ियों कम्पैशन का भाव रखें ताकि उनके लिये हम पर्यावरण को बचा सकें। हमें, हमारे पर्यावरण को बचाने के लिए पर्यावरण के अनुकूल साधनों को अपनाने की जरूरत है और पेपर बैग का उपयोग करना पर्यावरण अनुकुल है। आईये संकल्प लें कि हम प्लास्टिक बैग के स्थान पर पेपर बैग या कपड़ों के बैग का ही उपयोग करेंगे।

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