रुड़की,(Amit kumar):प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता श्रीगोपाल नारसन ने कहा कि कोरोना और लॉक डाउन की मार झेल रहे उत्तराखंड के लोगो के लिए जहां आमदनी के रास्ते बंद है ,वही उत्तराखंड सरकार अभावग्रस्त उत्तराखण्डियों को राहत का मरहम लगाने के बजाए उनपर आर्थिक बोझ डालकर उनका जीना मुहाल कर रही है।कोरोना महामारी के चलते राज्य में उद्योग धंधे ,व्यापार, मजदूरी और स्वरोजगार की गतिविधियां ठप्प पड़ी है।वही राज्य में आय के प्रमुख स्रोत पर्यटन,तीर्थाटन बंद होने से भी लोग भूखमरी के कगार पर है।ऐसे में डबल इंजन की त्रिवेंद्र सरकार ने आम जनता को इस संकट की घड़ी में राहत पैकेज देने के बजाए उनपर पर किसी न किसी रूप में आर्थिक बोझ लादना शुरू कर दिया है।
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता श्रीगोपाल नारसन ने यहां जारी एक बयान में कहा कि पेट्रोल व डीजल की कीमतों में बेहताशा व्रद्धि के साथ ही अब रोडवेज व प्राइवेट बसो में दो से तीन गुना किराया व्रद्धि कर उपभोक्ताओं की कमर तोड़ दी है।
वही दूसरी ओर कम विद्युत क्षमता के विद्युत उपभोक्ताओं से प्रति दो माह में व बड़ी विद्युत क्षमता के उपभोक्ताओं से प्रतिमाह बिल वसूली का प्रावधान किया गया है।जिससे कम क्षमता के विद्युत उपभोक्ताओं पर बड़े उपभोक्ताओं की अपेक्षा आर्थिक भार ज्यादा पड़ेगा।उन्होंने निगम प्रबंधन से 1 से 4 किलोवाट तक के कनेक्शन वाले उपभोक्ताओं को भी राहत देते हुए प्रत्येक माह बिजली बिल उपलब्ध कराने की मांग की है।पहले से ही विकास की धीमी गति के कारण उत्तराखंड बर्बादी के कगार पर खड़ा नजर आ रहा है।राज्य में किसानों की हालत ओर भी बदतर हो गई है।कामगार मजदूरों से लेकर दस्तकार,छोटे व मझले व्यापारी,युवा अधिवक्ता वर्ग,टाइपिस्ट,कला,रंगमंच से जुड़े लोग सभी पर आर्थिक संकट के बादल छाए हुए है।सरकार राहत के नाम पर सिर्फ घोषणाओं तक सीमित है, उल्टे जिनके लिए रोजी रोटी का संकट मुहं बाए खड़ा है ,उनपर दोगुने किराये की मार उनके साथ अन्याय नही तो ओर क्या है?
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