window.dataLayer = window.dataLayer || []; function gtag(){dataLayer.push(arguments);} gtag('js', new Date()); gtag('config', 'UA-96526631-1'); मनुष्य की समग्र सम्पन्नता का बडा केन्द्र है गंगा | T-Bharat
September 24, 2024

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मनुष्य की समग्र सम्पन्नता का बडा केन्द्र है गंगा

मनुष्य की समग्र सम्पन्नता का बडा केन्द्र है गंगा

मनुष्य की समग्र सम्पन्नता का बडा केन्द्र है गंगा

हरिद्वार,(Amit kumar):भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता को हदय की गहराई तथा मन की निर्मलता से जानने एवं समझने के लिए गंगा एक मात्र विकल्प है। गंगा एक ओर मनुष्य की आस्था एवं धर्म केन्द्र बिन्दु है वही यही गंगा सकल पाप नाश करके उसे मोक्ष प्रदान करती है। यही गंगा त्रिपदगामी तथा मानव मात्र की सम्पन्नता का आधार भी है। गंगा के बिना मनुष्य का वर्तमान, भूत तथा भविष्य काल सुरक्षित नही है। क्योकि गंगा जीवित रहने पर अपनी निर्मल धारा से मनुष्य के वर्तमान को पोषित करती है, और यही गंगा भूतकाल के असंख्य पाप कर्मो तथा मोह बंधन से मुक्ति प्रदान करके भविष्य की प्रगति का रास्ता प्रशस्त करती है।ये विचार गुरूकुल कांगडी विश्वविद्यालय के असिस्टेंट प्रोफेसर डाॅ0 शिवकुमार चैहान ने डाॅ0 भीमराव अम्बेडकर विश्वविद्यालय, आगरा तथा अखिल भारतीय संस्था, गंगा-समग्र ब्रज द्वारा के0ए0 पी0जी0 काॅलेज, कांसगंज में 1-2 जून को दो दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी विषय- भारत मे गंगा-एक बहुआयामी दृष्टिकोण के अवसर पर 02 जून को वेबिनार में अपने शोध-पत्र शीर्षक गंगा- मानव मात्र के लिए सम्पन्नता का बडा स्रोत है, द्वारा व्यक्त किये। उन्होने कहाॅ कि गंगा प्राणी मात्र के लिए लोक तथा परलोक मे समृद्वि का केन्द्र बिन्दु है। एक ओर गंगा अपनी निर्मल धारा से इस धराधाम के मरूस्थल को सिंचित करते हुए उपजाऊ बनाती है और भिन्न भिन्न प्रकार की प्राकृतिक उपज के माध्यम से मनुष्य को कुदरत और प्रकृति के इस अनोखे स्पर्श का स्पंदन कराती है, वही अपनी निर्मल जलधारा की अठखेलियों का दर्शन कराते हुए व्यक्ति को धर्म, जागृति, आर्थिक उन्नति, श्रद्वा प्रदान करके अन्त मे अपने चरणों में मुक्ति प्रदान कर जीवन सफल एवं सार्थक करती है। इसलिए गंगा मनुष्य के जन्म से लेकर बंधन मुक्ति तक एकमात्र समृद्वि का केन्द्र है। संगोष्ठी के आयोजन सचिव डाॅ0 प्रवीण सिंह जादौन ने बताया कि गंगा अवतरण के अवसर पर संगोष्ठी करने तथा गंगा से जुडे महत्वपूर्ण पक्षों पर विद्वानों के विचार जानने से यह मनोरथ फलीभूत हुआ। इसका अपार हर्ष है। इस अवसर पर कार्यक्रम संयोजक राधाकृष्ण दीक्षित, डाॅ0 पूनम रानी शर्मा, डाॅ0 पंकज यादव सहित विभिन्न शिक्षण संस्थानों के गंगा प्रेमी विद्वान उपस्थित रहे।

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