देहरादून, उत्तराखण्ड राज्य के देहरादून एवं हरिद्वार जिले में उत्तराखण्ड सरकार के साथ मिलकर कार्य कर रही सीड्स सामाजिक संस्था, कोविड्-19 में लाॅकडाउन के दौरान अति-जरुरतमंद व्यक्तियों की सहायता के लिये सहयोग हेतु आगे आयी है,ा अब तक देहरादून एवं हरिद्वार जिले में जिला प्रशासन एवं स्थानीय पुलिस प्रशासन के साथ मिलकर संस्था लगभग 600 से अधिक परिवारों को सहायता प्रदान कर चुकी है। ज्ञात हो कि सीड्स का मुख्यालय नई दिल्ली में है और संस्था उत्तराखण्ड में शिक्षा विभाग के साथ मिलकर देहरादून एवं हरिद्वार जिले में 100 सरकारी विद्यालयों में हनीवेल सेफ स्कूल्स कार्यक्रम का संचालन कर रही है, इसके अन्र्तगत सीड्स द्वारा इन सभी विद्यालयों में आपदा न्यूनीकरण एंव बच्चों की सामाजिक सुरक्षा पर कार्य किया जाता है। वर्तमान में कोविड-19 के वैश्विक प्रकोप ने जहाॅ पूरे विश्व को प्रभावित किया है, इसमें भारत भी इस महामारी की मार से अछूता नही रहा है। जंहा एक ओर इस महामारी से बचने के लिए पूरे देश में लाॅकडाउन की स्थिति है, वहंी दूसरी ओर वर्तमान परिस्तिथियों में उन सभी परिवारों को अपने दैनिक आवश्यकताओं को पूरा करने में सबसे अधिक मुश्किलों का सामना करना पड़¬ रहा है, जो कि प्रतिदिन दिहाड़ी-मजदूरी करके अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं। ऐसे में सीड्स सामाजिक संस्था ने समुदाय में चिन्हित जरूरतमंद परिवारों की मद्द के लिए आगे आकर हाथ बढाया है। इस अवसर पर सीड्स के उत्तराखण्ड राज्य प्रभारी ने बताया कि एक सामाजिक संस्था होने के नाते सीड्स वर्तमान परिस्थितियों में देहरादून में डोईवाला, रायपुर, विकासनगर एवं हरिद्वार जिले में बहादराबाद विकासखण्ड में स्थानीय प्रशासन एंव पुलिस की मद्द से अत्यन्त जरुरतमंद परिवारों को सहायता पंहुचाने का कार्य कर रही है, तथा संस्था द्वारा अब तक लगभग 600 से अधिक परिवारों को कच्चा राशन एवं स्वच्छता किटजिसमें कि हाथ धोने हेतु साबुन, फिनाईल, सेनेटरी पैड, डिटरजेंट पाउडर उपलब्ध कराया गया है। इसके साथ ही संस्था की टीमेंजरुरतमंदों को आवश्यक वस्तुओं को उपलब्ध कराने के साथ-साथ कोरोना वायरस से बचने के उपायों एंव सामजिक दूरी बनाने तथा अनावश्यक रुप से खाद्य पर्दाथों को एकत्रित ना किये जाने जैसी महत्वपूर्ण विषयों पर जानकारी भी दे रही है।उन्होनें इस कार्य हेतु स्थानीय पुलिस प्रशासन एंव स्थानीय स्वैच्छिक कार्यकर्ताओं द्वारा प्रदान किये जा रहे सहयोग की सराहना की। इसके साथ ही संस्था की प्रतिनिधि द्वारा बताया गया कि वर्तमान परिस्थिति में शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य का भी ध्यान रखा जाना अति आवश्यक है। विशेषतः बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर इस तरह की परिस्थितियों का असर अधिक पडता है, एवं जब बात करते है किसी अनाथालय केन्द्रों की तो, इस स्थिति में हमारी सामाजिक जिम्मेदारी अधिक बढ जाती हैं। संस्था को समाज के इस पहलु पर भी ध्यान केन्द्रित कर कार्य करने का अवसर मिला। इसके लिए संस्था ने सरकार तथा संस्थान का धन्यवाद किया। संस्था द्वारा अवगत कराया गया कि उत्तराखण्ड में कोरोना वायरस जनित संकट की स्थिति से निपटने के लिये संस्था सरकार के साथ कंधा से कंधा मिलाकर सहायता करने हेतु प्रयासरत है।
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