window.dataLayer = window.dataLayer || []; function gtag(){dataLayer.push(arguments);} gtag('js', new Date()); gtag('config', 'UA-96526631-1'); केंद्र और राज्य सरकार कांग्रेस नेता किशोर उपाध्याय ने की मांग | T-Bharat
September 24, 2024

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केंद्र और राज्य सरकार कांग्रेस नेता किशोर उपाध्याय ने की मांग

देहरादून(Amit Kumar) उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और कांग्रेस के दिग्गज नेता किशोर उपाध्याय ने देश बंदी के कारण धार्मिक कर्मकांडों, कथा वाचकों, कथा व्यासों, तीर्थ पुरोहितों की हुई गम्भीर आर्थिक हालात पर चिंता जाहिर की है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को पत्र लिखकर उत्तराखंड की चारधाम यात्रा के मद्देनजर खास ध्यान देने की बात कही है उन्होंने कहा कि यदि चार धाम यात्रा सीजन पिट गया तो उत्तराखंड के पुरोहितों का आर्थिक जीवन संकट में पड़ जाएगा केंद्र और राज्य सरकार को तीर्थ पुरोहितों के लिए विशेष आर्थिक पैकेज भी जारी करना चाहिए
उपाध्याय ने कहा कि उन्होंने आज हरिद्वार, बनारस, देव प्रयाग, पुष्कर, उज्जैन, काँगड़ा, रामेश्वरम आदि तीर्थ स्थानों के पुरोहितों से बात-चीत की है ।कई लोग जिनका परिवार दिन प्रतिदिन के यजमानों की पूजा कार्य से चलता था, यदि जल्दी ही देश बंदी से निजात नहीं मिली तो इन पुरोहितों के परिवार भूखमरी के कगार पर हैं।नवरात्र में भगवती पूजा और चण्डीपाठ से ये ब्राह्मणजन अपने परिवार का एक-आध महीने का खर्च निकाल लेते थे, लेकिन लॉकडाउन से वह भी सम्भव नहीं हो पाया।
इस समय श्रीमद् देवी भागवत का आयोजन भी नहीं हो पा रहा है।मंदिरों के कपाट बंद होने के कारण वहाँ के पुजारियों के सामने अपने परिवारों के आजीविका का संकट पैदा हो गया है।तीर्थ पुरोहितों का तो और भी बुरा हाल है।
कथाव्यासों,वाचकों की भी यही स्थिति है। इस पुनीत कार्य में समाज के विभिन्न वर्ग के अलावा, टेण्ट, म्यूज़िक, भण्डारी-रसोईया आदि लोग शामिल होते थे, उनकी भी स्थिति ख़राब हो गई है।

उपाध्याय ने कहा कि ढोल वादकों की आर्थिक स्थिति पर भी बड़ा बुरा असर पड़ा है।वैवाहिक आयोजनों के स्थगित होने से पुजारी वर्ग जितना प्रभावित हुआ उतना ही ढोल वादक वर्ग भी प्रभावित हुआ है।चैत व वैशाख महीने ढोल वादकों के थोड़ा-बहुत कमाई के महीने थे, जो कि कोरोना के भेंट चढ़ गये हैं।कथाव्यास लगभग 15 हजार करोड़ का आर्थिक योगदान देश की अर्थव्यवस्था में दे रहे थे, जोकि चौपट होता दिख रहा है।देववाणी संस्कृत शिक्षा पर भी इसका बुरा असर पड़ेगा।
उपाध्याय ने केंद्र व राज्य सरकारों से इस वर्ग की आर्थिक सहायता का आग्रह किया है, जिससे इन्हें व इनके परिवारों को भुखमरी से बचाया जा सके।इस बार चार धाम यात्रा कोरोना से प्रभावित होती है तो स्थिति और भी विकट हो जायेगी, जिसका असर पूरे प्रदेश की आर्थिकी और रोज़गार पर पड़ेगा।सरकार को अभी सचेत होने की ज़रूरत है।

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