देहरादून एक ओर जहां मोदी मंत्रिमंडल ने एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए सभी सांसदों, राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति सहित के 30 प्रतिशत कम वेतन देने के बाद जीएमवीएन के निदेशक लोकेंद्र बिष्ट ने राज्य के दायित्वधारियों व माननीयों का वेतन भी आधा करने की गुहार सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत से लगा दी है। कोरोना के दुष्चक्र के चलते दिल्ली दरबार ने सभी महामहिम, दायित्वधारियों और माननीयों के 30 प्रतिशत कम वेतन लेने का ऐतिहासिक फैसला लिया गया। सभी माननीयों की सांसद निधि को भी 2 वर्ष के लिए टाल दिया गया है। इससे जो बचत होगी उसे कोरोना से बचाव में लगाया जाएगा। दिल्ली दरबार के फैसले से प्रेरित होकर लोकेंद्र सिंह बिष्ट, निदेशक गढ़वाल मंडल विकास निगम ने दिल्ली दरबार की तर्ज पर उत्तराखंड के दायित्वधारियों व माननीयों के वेतन व सुविधाओं में 50 फीसदी कटौती करने की सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह से गुहार लगा दी है और माननीयों की निधि को भी दो साल के लिए बंद करने की मांग कर गेंद त्रिवेंद्र के पाले में डाल दी। उनका कहना है कि यदि सरकार उनकी मांग मान लेती है तो उत्तराखंड सरकार के पास करोड़ों रूपये का अतिरिक्त स्टॉक हो जाएगा और उस पैसे को कोरोना की आपदा से निपटने में बहुत बड़ी आर्थिक मदद राज्य को मिल जाएगी। बीजेपी नेता लोकेन्द्र सिंह बिष्ट ने आगे कहा कि हर विधानसभा से प्रत्येक विधायक की विधायक निधि करोड़ों में शेष बची है। इसलिए मुख्यमंत्री जी को इस बची हुई करोड़ों की विधायक निधि को भी कोरोना आपदा सहायता में खर्च करने का आदेश दे देना चाहिए।
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