हरिद्वार, । कोविद-19 के दृष्टिगत जहाँ शासन-प्रशासन द्वारा आम जनता को लॉकडाउन का पालन इच्छाशक्ति के साथ कराया जा रहा है वही धर्मनगरी हरिद्वार में घाटों, मठ मंदिरो व सार्वजनिक स्थलों पर फूल प्रसाद बेचकर अपना जीवन व्यापन करने वाले व्यापारियों को अगर देखें तो लॉकडाउन प्रथम सप्ताह के उपरांत पारिवारिक, आर्थिक कंगाली से गुजरना पड़ रहा है।फूल प्रसाद विक्रेता संघ के अध्यक्ष ओमप्रकाश भाटिया ने कहा शासन-प्रशासन को चाहिए कि जिस प्रकार से 7 बजे से 1 बजे तक खाद्य सामग्री, दवाइयों की दुकान फल फ्रूट इत्यादि क्षेत्रो की दुकानों को खोलने की अनुमति दी गयी है उसी के तर्ज पर हिन्दू के पावन पर्व नवरात्रों के दृष्टिगत हमे भी फूल प्रसाद बेचने की अनुमति 7 बजे से 1 बजे तक दी जानी चाहिए ताकि हम अपनी रोजी रोटी चलाकर अपने परिवार का पालन पोषण कर सके और सरकारी संरक्षण में हमारी स्वास्थ की भी देखरेख हो सके।इस अवसर पर लघु व्यापार एसो. के प्रांतीय अध्यक्ष संजय चोपड़ा ने कहा धर्मनगरी हरिद्वार में अमूमन फूल प्रसाद बेचकर अपने परिवार का पालन-पोषण करने वाले लघु व्यापारियों की भारी तादाद जोकि दिन- प्रतिदिन गंगा के घाटो व मठ मंदिरो के आस पास फूल प्रसाद बेचकर अपना कारोबार करते चला रहे है उनकी पीड़ा को शासन प्रशासन द्वारा संज्ञान में लेकर उन्हें भी 7 बजे से 1 बजे तक कि फूल प्रसाद बेचने की अनुमति राष्ट्रीय आजीविका मिशन के तहत दी जानी चाहिए। चोपड़ा ने यह भी कहा अभी नवरात्रो के पावन पर्व चल रहे है और आने वाले चेत की पूर्णमाशी तक हिन्दू रीति रिवाज के अनुसार माँ भगवति की पूजा- पाठ व अनुष्ठानों का सिलसिला जारी रहेगा वही ग्रामीण क्षेत्रो के लघु किसान जोकि 12 माह फूल की खेती करते है और शहरी क्षेत्रों में फूल की बिक्री ना होने के कारण खेतो में फूल सड़ रहा है और लघु किसानों का भारी मात्रा में नुकसान हो रहा है जोकि न्यायसंगत नही है।
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