window.dataLayer = window.dataLayer || []; function gtag(){dataLayer.push(arguments);} gtag('js', new Date()); gtag('config', 'UA-96526631-1'); कोविड-19 के खतरे को कम करने के लिए आईआईटी रुड़की के छात्रों ने बनाया हर्बल हैंड सैनिटाइजर | T-Bharat
September 23, 2024

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कोविड-19 के खतरे को कम करने के लिए आईआईटी रुड़की के छात्रों ने बनाया हर्बल हैंड सैनिटाइजर


रुड़की, । कोविड-19 के प्रसार के खतरे को कम करने और बुनियादी स्वच्छता को बढ़ावा देने के प्रयास में, आईआईटी रुड़की के दो छात्रों ने 150 लीटर ( लगभग 1500 बोतल) से अधिक हर्बल हैंड सैनिटाइजर विकसित किए हैं। टीआईडीईएस, आईआईटी रुड़की में एडमिनिस्ट्रेशन के सहयोग व डॉ. इंद्रनील लाहिड़ी एवं डॉ. देबरूपा लाहिड़ी के तत्वावधान में शुरू किया गया स्टार्ट-अप हील-एग्नोस्टिक्स इनोवेशन प्राइवेट लिमिटेड द्वारा यह हैंड सैनिटाइजर मुफ्त में वितरित किया जाएगा। यह उत्पाद आईआईटी रुड़की में सेंटर ऑफ नैनोटेक्नॉलॉजी के रिसर्च स्कॉलर व हील-एग्नोस्टिक्स इनोवेशन के सह-संस्थापक सिद्धार्थ शर्मा एवं मैंटलर्जिकल तथा मैटेरियल इंजीनियरिंग विभाग के रिसर्च स्कॉलर वैभव जैन द्वारा तैयार किया गया है। यह 80 प्रतिशत आइसोप्रोपेनॉल इथेनॉल से बना है, जिसमें जीवाणुरोधी, एंटिफंगल, ज्वलनरहित हर्बल सामग्री शामिल है। यह एक उत्कृष्ट मॉइस्चराइजर का काम भी करता है।इस उत्पाद को विश्व स्वास्थ्य संगठन तथा रोग नियंत्रण एवं रोकथाम केंद्र (सीडीसी) की सिफारिशों के अनुरूप विकसित किया गया है। इसे आईआईटी रुड़की के परिसर में निरू शुल्क वितरित किया जाएगा। “कोविड -19 महामारी के मद्देनजर बुनियादी स्वच्छता बनाए रखना अत्यावश्यक है क्योंकि बीमारी का कोई विशिष्ट उपचार या टीका उपलब्ध नहीं है। आईआईटी रुड़की में बनाया गया यह उत्पाद बुनियादी स्वच्छता को बढ़ावा देने में पूरे समाज के लिए उपयोगी सिद्ध होगा,”सिद्धार्थ शर्मा, रिसर्च स्कॉलर- सेंटर ऑफ नैनो-टेक्नोलॉजी, आईआईटी रुड़की ने कहा।वहीं, डॉ. देबरूपा लाहिड़ी ने कहा कि “कुछ छात्रों की मेहनत के बिना यह बड़ा काम संभव नहीं होता। सतीश जायसवाल, कनिके राजेश, दिब्यांशु लाहिड़ी, अंशु दुबे, सौविक घोष, नितम कुमार और विशाल पंवार ने हमारे प्रयास को सफल बनाने के लिए तीन दिन लगातार काम किया है।“ सैनिटाइजर की बोतलें डीन के कार्यालय को सौंप दी गई हैं, जो कैंपस में वितरण के लिए एक नोडल केंद्र के रूप में काम कर रहा है। आईआईटी रुड़की कैंपस में उपयुक्त जगह पर एक रिफिलिंग स्टेशन लगाने की भी योजना बना रहा है। हील-एग्नोस्टिक्स इनोवेशन इस योजना को सहयोग देने के लिए कार्य कर रहा है।

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