by amit kumar
ऋषिकेश, 7 मार्च। परमार्थ निकेतन, अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव के समापन समारोह में पंतजंलि योगपीठ के महासचिव आचार्य बालकृष्ण जी, परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी, अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव की निदेशक साध्वी भगवती सरस्वती जी, एक नई सोच के लेखक, अगापे इंटरनेशनल स्प्रिरिचुअल सेंटर के संस्थापक रेवरेन्ड माइकल बेकविथ, न्यू थाॅट संगीतकार रिकी बायरस बेकविथ, अमेरिकी जीव वैज्ञानिक डाॅ ब्रूस लिप्टन, आर्गेनिक इण्डिया के प्रमुख भारत मित्रा, 25 देशों एवं भारत के 20 राज्यों से आये योगाचार्यो और विश्व के 73 देशों से आये योग जिज्ञासुओं ने सहभाग किया।
भारत के राष्ट्रपति महामहिम श्री रामनाथ कोविंद जी ने अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव की सफलता के हेतु अपनी शुभकामनायें भेजी।
आचार्य बालकृष्ण जी ने अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव के सफलतापूर्वक समापन हेतु स्वामी जी एवं साध्वी जी को साधुवाद देते हुये कहा कि योग जुड़ने और जोड़ने का श्रेष्ठ माध्यम है। उन्होने कहा कि योगी कभी रोगी नहीं होता है, उपनिषद् में भी इसका वर्णन है। योग हमारी सम्पूर्ण जीवन पद्धति है अर्थात हमारा भोजन, भजन, जागना, सोना और जो भी हम तन्मयता से करते है वह योग है।
परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने योगियो को संदेश दिया कि माँ गंगा के तट से हिमालय जैसा बड़ा विज़न लेकर जाये और संकल्प करें की इस सुन्दर प्लानेट की सुन्दरता को बनाये रखने हेतु हम अपना योगदान प्रदान करेंगे। अपना विज़न बड़ा रखे और उसे पूरा करने के लिये प्रतिबद्ध हो जायें यही योग का मर्म है। प्रत्येक व्यक्ति के पास उन्नति के दो रास्ते है स्व से समाज और समाज से स्व। जो समाज की उन्नति से स्व उन्नति की ओर बढ़ता है वह श्रेष्ठ मार्ग है। वर्ष 2020 जागृत होने का समय है, बड़े सपने देखने का समय है। आपके पास जो भी तकनीक है, ज्ञान है उसे दुनिया में शान्ति और सद्भाव की स्थापना हेतु लगायें।
साध्वी भगवती सरस्वती जी ने सभी योगियों से कहा कि माँ गंगा के तट से आध्यात्मिक शक्ति के साथ जुड़ने और जोड़ने की जादुई शक्ति को लेकर जाये। प्रार्थना हमें ’ईगो और लोगो’ के ऊपर उठकर शान्ति प्रदान करती है। प्रार्थना का अर्थ मांगना नहीं अपितु देना है।
अगापे इंटरनेशनल स्प्रिरिचुअल सेंटर के संस्थापक रेवरेन्ड माइकल बेकविथ ने कहा कि हम अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव में कुछ अलग करने आये है। हमें दुनिया को बचाने के प्रयास नहीं करने है बल्कि हमारा उद्देश्य सेवा का होना चाहिये। जब हम सेवा का मार्ग अपनायेगे तो दुनिया अपने आप सुरक्षित होगी। हमारे पास किसी भी कार्य को करने के दो रास्ते होते हैं एक हमारे दिमाग से करना दूसरा हृदय से करना। जब हम उसी कार्य को उसी रास्ते से परन्तु हृदय से करते है तो उसके परिणाम मांइड से किये गये परिणाम से विलक्षण होते हैं।
इज़रायल से आये प्रसिद्ध संगीतज्ञ गिल राॅन शामा ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति के पास एक अद्वितीय कंपन (यूनिक वाईब्रेशन्स) हैं उससे एक साथ कर एक नयी सृष्टि का निर्माण किया जा सकता है।
आर्गेनिक इण्डिया एवं अपलिफ्ट के संस्थापक श्री भारत मित्रा ने कहा कि ’’यूनिटी पीस, लव और सेवा के लिये कार्य करते रहना ही जीवन है।
अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव में आज योग और ध्यान के विशेष अभ्यास सत्र में प्रातःकाल पाऊला तापिया द्वारा फ्लो योग, योगाचार्य संदीप देसाई द्वारा अष्टांग योग, डाॅ इंदु शर्मा द्वारा हठ योग, रोहीनी मनोहर द्वारा होमे फ्लो, अमेरिकी योगाचार्य एवं संगीतज्ञ आनन्द्रा जार्ज द्वारा सूर्य उदय नाद योग साधना, जय हरि सिंह द्वारा समृद्धि और सफलता, योगाचार्य एच. एस. अरूण द्वारा योग के अनछुये ट्विस्ट, योगाचार्य कीया मिलर द्वारा बीकाॅन लाइट, कैटी बी हैप्पी द्वारा विन्यास योग, आनन्द मेहरोत्रा द्वारा पाॅवर आॅफ ग्रेटफुल आर्ट, मिशेल बटन द्वारा नृत्य, गीत और प्रार्थना, योगाचार्य जेनेट ऐटवुड द्वारा द योग आॅफ सेल्फ लव, डाॅ ईडेन गोल्डमैन द्वारा सचेतन, चिकित्सा निदेशक, कार्डियोलाॅजिस्ट डाॅ एलेजांड्रो जंगर द्वारा विषहरण का आधुनिक दुनिया पर प्रभाव, ए ग्लोबल डे आॅफ यूनिटी विषय पर भारत मित्रा, अमेरिकी जीव वैज्ञानिक डाॅ ब्रूस लिप्टन, डाॅ साध्वी भगवती सरस्वती जी, इज़रायल से आये संगीतज्ञ गिल राॅन शामा, प्रिंस ई ए, क्रिस डेकर, बेथ शा द्वारा योग फाॅर ए ग्रेट मूड, योगाचार्य सत्या हिंदुजा द्वारा वातावरण की रसायन विद्या और अन्य कक्षाओं का आयोजन किया गया।
आज के आध्यात्मिक सत्र में सामूहिक प्रार्थना की शक्ति विषय पर एक नई सोच के लेखक, अगापे इंटरनेशनल स्प्रिरिचुअल संेटर के संस्थापक रेवरेन्ड माइकल बेकविथ और न्यू थाॅट संगीतकार रिकी बायरस बेकविथ, अमेरिकी जीव वैज्ञानिक डाॅ ब्रूस लिप्टन, आर्गेनिक इण्डिया के प्रमुख भारत मित्रा, साध्वी भगवती सरस्वती और अन्य विशेषज्ञों ने सहभाग किया।
सांयकालीन संगीत कलामंच में परमार्थ गुरूकुल के ऋषिकुमारों ने सूफी नृत्य और कल्चरल नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति। ऋषिकुमारों के नृत्य को देखकर सभी मंत्रमुग्ध हुये।
विश्व विख्यात योग महापर्व की मेजबानी परमार्थ निकेतन द्वारा सन 1999 से निरन्तर की जा रही है। इस अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव में विश्व के 25 से अधिक देशों के 90 से अधिक पूज्य संत एवं योगाचार्य सम्मिलित हुये हैं। अब तक 73 से अधिक देशों के 1415 से अधिक प्रतिभागी सहभाग कर चुके हैैं और लगातार दुनिया के विभिन्न देशों के योग जिज्ञासु इस महोत्सव में सहभाग हेतु पंजीयन करा रहे हैं।
अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव में योग की 150 से अधिक कक्षायें होती है। यह क्रम प्रातः 4ः00 बजे से रात 9ः30 बजे तक एक सप्ताह तक प्रतिदिन चलता है।
अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव का आयोजन परमार्थ निकेतन, अतुल्य भारत, पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार के संयुक्त तत्वाधान में किया जा रहा है।
विश्व के अनेक देशों से आये योगियों के लिये परमार्थ गंगा आरती सबसे प्रसन्नता देने वाला क्षण होता है जहां पर वे विश्व शान्ति हेतु हवन, कीर्तन और माँ गंगा की दिव्य आरती में मग्न रहते है।
योग महोत्सव में आये सभी साधकों ने विश्व विख्यात माँ गंगा जी की आरती में सहभाग किया। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने सभी विशिष्ट अतिथियों का रूद्राक्ष का पौधा देकर अभिनन्दन किया।
परमार्थ का विविध कलाओं से समृद्ध साप्ताहिक मंच
इस वर्ष अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव में आध्यात्मिक व्याख्यान श्रृंखला में विश्व प्रसिद्ध विभूतियाँ श्री श्री रविशंकर जी, योगगुरू स्वामी रामदेव जी महाराज, स्वामी अवधेशानन्द गिरि जी महाराज, स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज, आचार्य बालकृष्ण जी, स्वामी गौर गोपाल दास जी अन्य दिव्य आत्माओं का पावन सान्निध्य।
विश्व विख्यात सूफी गायक, कैलास खेर अपने कैलाशा बैंड के साथ प्रेरणादायक संगीत प्रस्तुत करेंगे। प्रख्यात ड्रम एवं ताल वादक शिवमणि और रूना रिज़वी, मंत्रमुग्ध करने वाला संगीत प्रस्तुत करेंगे, ’प्रेम से परमानंद की यात्रा’ कीर्तनियों का आत्मा को छूने वाला कीर्तन, इज़रायल से विशेष रूप से आये संगीतकार गिल राॅन शामा का हिब्रु और हिन्दी भाषा के सम्मिश्रण वाला अद्भुत संगीत साथ ही अनेक राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय संगीतकारों और कलाकारों से सुशोभित होगा परमार्थ निकेतन कलामंच।
द वल्र्ड आॅफ़ कल्चरल यूनियन: ए इवनिंग आॅफ़ कल्चरल साॅग, परमार्थ गुरूकुल के ऋषिकुमारों द्वारा डांस एंड थिएटर परफाॅरमेंस, सूफी डांस मर्ट गुलर की टीम के द्वारा प्रस्तुत किया जा रहा है।
योग की कक्षायें प्रातः 4ः00 बजे से रात 9ः30 बजे तक सम्पन्न हो रही, जिसमें प्रमुख रूप से अष्टांग योग, अयंगार योग, हठ योग, राज योग, भक्ति योग, कर्मयोग, गंगा योग, विन्यास योग, कुण्डलिनी योग, जीवमुक्ति योग, सिन्तोह योग, सेमैटिक योग, लीला योग, डीप योग आदि एक सप्ताह तक प्रस्तुत किये जायेंगे। इसके अतिरिक्त ध्यान, मुद्रा, वैदिक मंत्र, संस्कृतवाचन, आयुर्वेद, सांउड हीलिंग, रेकी, दर्शन, होम्योपैथी चिकित्सा तथा अनेक कार्यशालायें, नाटक प्रदर्शन, व्याख्यान, प्रवचन तथा इंटरैक्टिव सत्रों का आयोजन किया गया। देश-विदेश से आये हुये आध्यात्मिक महापुरूषों एवं धर्मगुरूओं द्वारा धार्मिक सवांद, जिज्ञासा समाधान एवं प्रश्नोत्तरी का भी विशेष आयोजन इस अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव में किया जा रहा है।
प्राचीन भारतीय दर्शन, वेदान्त, मानव सशक्तिकरण, प्रेरक नृत्य, संगीत, तनाव नियंत्रण कार्यशाला, आहार विशेषज्ञ के साथ चर्चा जैसे अनेक सत्रों का आयोजन किया जा रहा है।
31 वाँ अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव में देशों के योगियों की सहभागिता – भारत, स्पेन, ब्राजील, पुर्तगाल, पोलैंड, मैक्सिको, बेल्जियम, अमेरिका, कोलम्बिया, नीदरलैण्ड, पेरू, अर्जेन्टीना, जर्मनी, आस्ट्रेलिया, इटली, नार्वे, जर्मनी, तिब्बत, भूटान, रूस, इजरायल, इंग्लैंड, फ्रांस, जर्मनी, कनाडा, स्वीडन, हांगकाग, बेल्जियम, स्विट्जरलैण्ड, बहरीन, अफगानिस्तान, अफ्रीका, सिंगापुर, ताईबान, फिलिस्तीन, ईरान, जापान, केन्या, यमन, पेलस्टाईन, सिंगापुर, ताईबान, बैंकाक, नामीबिया, इक्वाडोर, कोलम्बिया, ग्वाटेमाला, आॅस्ट्रिया, क्यूबा, चिले, थाईलैण्ड, तुर्की, ब्रिटेन, दक्षिण अमेरिका आदि विश्व के विभिन्न देेशों के योग जिज्ञासुओं ने सहभाग किया।
More Stories
मेडिकल कॉलेज के निर्माण कार्यों में तेजी लाने के सीएम ने दिए निर्देश
अकेशिया पब्लिक स्कूल में ‘आर्ट एंड क्राफ्ट व शैक्षणिक प्रोजेक्टों पर प्रदर्शनी’ का आयोजन
नक्शों के बावत उपभोक्ताओं को किसी भी तरह से अनावश्यक परेशान न किया जाएः मंत्री अग्रवाल