window.dataLayer = window.dataLayer || []; function gtag(){dataLayer.push(arguments);} gtag('js', new Date()); gtag('config', 'UA-96526631-1'); हमारे विचार, कार्य, और प्रत्येक क्षण हमारे द्वारा किया गया कार्य प्लानेट को डिवाईन बना सकता है - साध्वी भगवती सरस्वती | T-Bharat
September 23, 2024

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हमारे विचार, कार्य, और प्रत्येक क्षण हमारे द्वारा किया गया कार्य प्लानेट को डिवाईन बना सकता है – साध्वी भगवती सरस्वती

by Amit kumar

ऋषिकेश, । परमार्थ निकेतन, अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव में 73 देशों से आये योग जिज्ञासुओं ने विश्व विख्यात ड्रम एवं ताल वादक शिवमणि और रूना रिज़वी का मंत्रमुग्ध करने वाले संगीत का आनन्द लेते हुये रंगों का त्योहार होली धूमधाम से मनाया। एक दूसरे को प्रेम और सौहार्द्र का रंग लगाते हुये भारतीय रंग में रंगे योगी।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी, साध्वी भगवती सरस्वती जी, एक नई सोच के लेखक, अगापे इंटरनेशनल स्प्रिरिचुअल सेंटर के संस्थापक रेवरेन्ड माइकल बेकविथ और न्यू थाॅट संगीतकार रिकी बायरस बेकविथ, अमेरिकी जीव वैज्ञानिक डाॅ ब्रूस लिप्टन, योगाचार्यो और योग जिज्ञासुओं ने होली के आनन्द के साथ वसुधैव कुटुम्बकम् का संदेश दिया।

इस अवसर पर स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज एवं साध्वी भगवती सरस्वती जी ने विश्व 73 देशों से पधारे योग साधक और योगाचार्य को होली पर्व के आध्यात्मिक महत्व के विषय में जानकारी देते हुये विश्व बन्धुत्व, सादगी, सद्भाव, समरसता एवं स्वच्छता का संदेश दिया।
परमार्थ निकेतन, अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव में भारत में इज़रायल के राजदूत राॅन मल्का और उनकी पत्नी पधारे। परमार्थ निकेतन के ऋषिकुमारों ने शंख ध्वनि, तिलक और पुष्प वर्षा कर उनका स्वागत किया। राजदूत राॅन मल्का ने स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी और साध्वी भगवती सरस्वती जी से भेंट की। स्वामी जी ने उन्हें वर्ष 2021 में हरिद्वार में होने वाले कुम्भ में सहभाग हेतु आमंत्रित किया। स्वामी जी और राजदूत राॅन मल्का के मध्य जल संरक्षण पर चर्चा की।

परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने कहा कि होली के रंग यही संदेश देते हैं कि भेदभाव, जातिपाति, ऊँच-नीच, जातिवाद, नक्सलवाद, सम्प्रदायवाद, भष्ट्राचार की दीवारों को तोड़ते हुये सभी प्रेम और सौहार्द के रंगों में रंग जाये। जिस प्रकार रंग एक दूसरे में मिलकर एक नये और खूबसूरत रंग का निर्माण करते हैं उसी प्रकार हम सभी आपस के सभी भेदभाव मिटाकर, सारे मदभेद भूल कर ऊँच-नीच और छोटे -बड़े का बन्धन तोड़, सारी नफरत की दीवारों को मिटा कर एक नये विश्व का निर्माण करें जहां पर केवल शान्ति होेे। ऐसे ही जीवन के रंगमंच पर भी हम सभी भेदभावों को भुलाकर एक ऐसे समाज का निर्माण करें जिसमें समरसता हो, सद्भाव हो, प्रेम हो, सौहार्द्र हो, शान्ति हो, बन्धुत्व हो और आत्मीयता हो। स्वामी जी महाराज ने कहा कि होली आनन्द, उल्लास, उमंग और तरंग का पर्व है इसे आत्मसात कर जीवन में आगे बढ़ें।

एक नई सोच के लेखक, अगापे इंटरनेशनल स्प्रिरिचुअल सेंटर के संस्थापक रेवरेन्ड माइकल बेकविथ ने कहा कि दुनिया के इस चुनौतीपूर्ण समय में हम चार महत्वपूर्ण सूत्रों को अपनाकर क्षतिग्रस्त होते इस प्लानेट को सुरक्षित रख सकते हैं। दुनिया में बने रहने के लिये प्रयत्न करना, बाधाओं को ध्यान में रखते हुये व्यवहार में परिवर्तन कर समाधान प्राप्त करना अर्थात दुनिया में बने रहना, समायोजन, परिवर्तन और समाधान ही है आज के चुनौतीपूर्ण समय के चार सूत्र।
साध्वी भगवती सरस्वती जी ने कहा कि हमें यह सोचना है कि हम जिस स्थान पर रहते हैं वहां पर किस प्रकार शान्त रह सकते हैं और उस वातावरण को जहां पर हम रहते हैं किस प्रकार शान्त बना कर रख सकते हैं। हमारे विचार, कार्य, और प्रत्येक क्षण हमारे द्वारा किया गया कार्य प्लानेट को डिवाईन बना सकता है।

अमेरिकी जीव वैज्ञानिक डाॅ ब्रूस लिप्टन ने कहा कि वर्तमान समय बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि पूरे विश्व में अनेक व्यवधान उत्पन्न हो रहे है। आप सभी योगियों में इस दुनिया को सकारात्मक, हरित, प्रदूषणमुक्त, सुन्दर और पाॅवर युक्त बनाने के बीज है। योग की शक्ति को इस प्लानेट को पहले जैसा बनाने में लगायें, आपको वास्तव में विलक्षण परिवर्तन देखने को मिलेगा। प्लानेट पर सकारात्मक परिवर्तन सरकार नहीं कर सकती हम परिवर्तन कर सकते हैं क्योंकि हम सब क्रिएटर है; रचनाकार है। मैं सरकार पर विश्वास नहीं करता मैं आप सभी पर विश्वास करता हूँ।

योगाचार्य टोमी रोजन ने कहा कि वर्तमान समय अनन्तता के रास्ते खोजने का समय है। इस समय हमें बाॅटम लाइन पर ध्यान देना होगा, अब उपरी परिवर्तन से काम नहीं बनेगा क्योंकि ’बाॅटम इज सीक्रेट प्लेस’। हम स्वंय इस बाॅटम लाइन पर जाकर देखे कि हमारे द्वारा प्लानेट किस प्रकार क्षतिग्रस्त हो रहा है और उसी बाॅटम लाइन पर किया गया एक छोटा सा परिवर्तन भी जादुई परिवर्तन कर सकता है।

अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव में आज योग और ध्यान के विशेष अभ्यास सत्र प्रातःकाल गंगा नन्दिनी द्वारा योगा फाॅर आल: सुक्ष्म व्यायाम, रोहीनी मनोहर द्वारा मंडल फ्लो, डांस एंड थिएटर परफाॅरमेंस, सूफी डांस मर्ट गुलर द्वारा सूफी लव मेडिटेशन, अमेरिकी योगाचार्य कीया मिलर द्वारा अक्सेस्सिंग द कमांड सेंटर, राधिका नागरथ द्वारा 20-20 पतंजलि योग फाॅर हेल्थ, अमेरिकी योगाचार्य एवं संगीतज्ञ आनन्द्रा जार्ज द्वारा सूर्य उदय नाद योग साधना, कैटी बी हैप्पी द्वारा विन्यास योग, योगऋषि विश्वकेतु द्वारा 5 कोशो की यात्रा, जय सिंह हरि द्वारा दूसरों को माफ करने से अपने आप को क्षमा करना। अमेरिकी योगाचार्य टोमी रोजन द्वारा अनंत की ओर शान्ति की यात्रा, योगाचार्य सीना शर्मन द्वारा पौराणिक योग प्रवाह, योगाचार्य जोना फासो द्वारा यिन योग, योगाचार्य जैनेट एटवुट द्वारा योेग के माध्यम से प्रबुद्ध गठबंधन बना रहे, डाॅ निशि एवं अशिष गिल्होत्रा द्वारा नाद योग, डाॅ जे एस गुप्ता द्वारा पेन फ्री हेल्थ, डाॅ स्मिता नारम द्वारा मांइड एंड सोल के साथ पल्स की जांच, माँ ज्ञान सुवेरा द्वारा रेकी लेवल – 3, योगाचार्य युसुके होशिडो, सांउड हिलिंग, योगाचार्य गुलसीन ओज़ोई द्वारा अग्नियोग के बाद, नृत्यावली ग्रुप द्वारा भारतीय क्लासिकल संगीत, एक नई सोच के लेखक, ’’अगापे इंटरनेशनल स्प्रिरिचुअल सेंटर’’ के संस्थापक रेवरेन्ड माइकल बेकविथ द्वारा नियति की यात्रा के लिये जागृत होना, भारतीय मूल के चीन से आये प्रसिद्ध योगाचार्य मोहन भण्डारी द्वारा प्राणायाम-श्वास और ऊर्जा, और अन्य कक्षाओं का आयोजन किया गया।
आज के आध्यात्मिक सत्र में ’’एक नई सोच के लेखक, अगापे इंटरनेशनल स्प्रिरिचुअल सेंटर के संस्थापक रेवरेन्ड माइकल बेकविथ, साध्वी भगवती सरस्वती जी, अमेरिकी जीव वैज्ञानिक डाॅ ब्रूस लिप्टन, योगाचार्य टोमी रोजन ने सहभाग किय अपने विचार व्यक्त किये।’’

सांयकालीन संगीत कलामंच में कीर्तनियों द्वारा मंत्र उच्चारण और ’हार्ट ओपन’ कीर्तन और इज़रायल से आये विख्यात संगीतज्ञ गिल रान शामा द्वारा हिब्रु और हिन्दी भाषा में विशेष प्रस्तुति। गुजरात से आये प्रख्यात नृत्यावली ग्रुप के श्री भरत बारिया जी, श्री अक्षय पटेल, मीनाक्षी पटेल, रविता बारिया और यश बारिया द्वारा भारतीय क्लासिकल नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति।
विश्व विख्यात योग महापर्व की मेजबानी परमार्थ निकेतन द्वारा सन 1999 से निरन्तर की जा रही है। इस अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव में विश्व के 25 से अधिक देशों के 90 से अधिक पूज्य संत एवं योगाचार्य सम्मिलित हुये हैं। अब तक 73 से अधिक देशों के 1415 से अधिक प्रतिभागी सहभाग कर चुके हैैं और लगातार दुनिया के विभिन्न देशों के योग जिज्ञासु इस महोत्सव में सहभाग हेतु पंजीयन करा रहे हैं।

अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव में योग की 150 से अधिक कक्षायें होती है। यह क्रम प्रातः 4ः00 बजे से रात 9ः30 बजे तक एक सप्ताह तक प्रतिदिन चलता है।
अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव का आयोजन परमार्थ निकेतन, अतुल्य भारत, पर्यटन मंत्रालय, भारत सरकार के संयुक्त तत्वाधान में किया जा रहा है।
विश्व के अनेक देशों से आये योगियों के लिये परमार्थ गंगा आरती सबसे प्रसन्नता देने वाला क्षण होता है जहां पर वे विश्व शान्ति हेतु हवन, कीर्तन और माँ गंगा की दिव्य आरती में मग्न रहते है।
योग महोत्सव में आये सभी साधकों ने विश्व विख्यात माँ गंगा जी की आरती में सहभाग किया। स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी ने सभी विशिष्ट अतिथियों का रूद्राक्ष का पौधा देकर अभिनन्दन किया।
परमार्थ का विविध कलाओं से समृद्ध साप्ताहिक मंच
इस वर्ष अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव में आध्यात्मिक व्याख्यान श्रृंखला में विश्व प्रसिद्ध विभूतियाँ श्री श्री रविशंकर जी, योगगुरू स्वामी रामदेव जी महाराज, स्वामी अवधेशानन्द गिरि जी महाराज, स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज, डाॅ प्रणव पण्ड्या जी, आचार्य बालकृष्ण जी, गौर गोपाल दास जी अन्य दिव्य आत्माओं का पावन सान्निध्य।
विश्व विख्यात सूफी गायक, कैलास खेर अपने कैलाशा बैंड के साथ प्रेरणादायक संगीत प्रस्तुत करेंगे। प्रख्यात ड्रम एवं ताल वादक शिवमणि और रूना रिज़वी, मंत्रमुग्ध करने वाला संगीत प्रस्तुत करेंगे, ’प्रेम से परमानंद की यात्रा’ कीर्तनियों का आत्मा को छूने वाला कीर्तन, इज़रायल से विशेष रूप से आये संगीतकार गिल राॅन शामा का हिब्रु और हिन्दी भाषा के सम्मिश्रण वाला अद्भुत संगीत साथ ही अनेक राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय संगीतकारों और कलाकारों से सुशोभित होगा परमार्थ निकेतन कलामंच।
द वल्र्ड आॅफ़ कल्चरल यूनियन: ए इवनिंग आॅफ़ कल्चरल साॅग, परमार्थ गुरूकुल के ऋषिकुमारों द्वारा डांस एंड थिएटर परफाॅरमेंस, सूफी डांस मर्ट गुलर की टीम के द्वारा प्रस्तुत किया जा रहा है।
योग की कक्षायें प्रातः 4ः00 बजे से रात 9ः30 बजे तक सम्पन्न हो रही, जिसमें प्रमुख रूप से अष्टांग योग, अयंगार योग, हठ योग, राज योग, भक्ति योग, कर्मयोग, गंगा योग, विन्यास योग, कुण्डलिनी योग, जीवमुक्ति योग, सिन्तोह योग, सेमैटिक योग, लीला योग, डीप योग आदि एक सप्ताह तक प्रस्तुत किये जायेंगे। इसके अतिरिक्त ध्यान, मुद्रा, वैदिक मंत्र, संस्कृतवाचन, आयुर्वेद, सांउड हीलिंग, रेकी, दर्शन, होम्योपैथी चिकित्सा तथा अनेक कार्यशालायें, नाटक प्रदर्शन, व्याख्यान, प्रवचन तथा इंटरैक्टिव सत्रों का आयोजन किया गया। देश-विदेश से आये हुये आध्यात्मिक महापुरूषों एवं धर्मगुरूओं द्वारा धार्मिक सवांद, जिज्ञासा समाधान एवं प्रश्नोत्तरी का भी विशेष आयोजन इस अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव में किया जा रहा है।
प्राचीन भारतीय दर्शन, वेदान्त, मानव सशक्तिकरण, प्रेरक नृत्य, संगीत, तनाव नियंत्रण कार्यशाला, आहार विशेषज्ञ के साथ चर्चा जैसे अनेक सत्रों का आयोजन किया जा रहा है।
31 वाँ अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव में देशों के योगियों की सहभागिता – भारत, स्पेन, ब्राजील, पुर्तगाल, पोलैंड, मैक्सिको, बेल्जियम, अमेरिका, कोलम्बिया, नीदरलैण्ड, पेरू, अर्जेन्टीना, जर्मनी, आस्ट्रेलिया, इटली, नार्वे, जर्मनी, तिब्बत, भूटान, रूस, इजरायल, इंग्लैंड, फ्रांस, जर्मनी, कनाडा, स्वीडन, हांगकाग, बेल्जियम, स्विट्जरलैण्ड, बहरीन, अफगानिस्तान, अफ्रीका, सिंगापुर, ताईबान, फिलिस्तीन, ईरान, जापान, केन्या, यमन, पेलस्टाईन, सिंगापुर, ताईबान, बैंकाक, नामीबिया, इक्वाडोर, कोलम्बिया, ग्वाटेमाला, आॅस्ट्रिया, क्यूबा, चिले, थाईलैण्ड, तुर्की, ब्रिटेन, दक्षिण अमेरिका आदि विश्व के विभिन्न देेशों के योग जिज्ञासुओं ने सहभाग किया।

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