window.dataLayer = window.dataLayer || []; function gtag(){dataLayer.push(arguments);} gtag('js', new Date()); gtag('config', 'UA-96526631-1'); स्वतंत्रता और निर्णय लेने का अधिकार ही है महिला सशक्तिकरणः डाॅ. बत्रा | T-Bharat
November 25, 2024

TEHRIRE BHARAT

Her khabar sach ke sath

स्वतंत्रता और निर्णय लेने का अधिकार ही है महिला सशक्तिकरणः डाॅ. बत्रा


हरिद्वार। एस.एम.जे.एन.पी.जी. काॅलेज में ‘महिला एवं समाज’ विषय पर एक परिचर्चा का आयोजन किया गया जिसमें काॅलेज के विभिन्न छात्र-छात्राओं ने इस विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किये। बी.ए. षष्टम सेम की छात्रा कु. शुभांगी ने कहा कि पुरुषों को महिलाओं के प्रति अपना दृष्टिकोण बदलना होगा। समाज में स्त्री व पुरुष के बीच समानता रहे तो ही सही मायने में नारी सशक्तिकरण हो पायेगा।आंकाक्षा ने कहा कि यदि हम समाज में नारी को समुचित प्रतिष्ठा देना चाहते हैं तो नारियों को अपने भीतर आत्मसम्मान की भावना को बढ़ाना पड़ेगा।काॅलेज के प्राचार्य डाॅ. सुनील कुमार बत्रा ने काॅलेज की छात्राओं के विचारों की सराहना करते हुए कहा कि महिलाओं को स्वतंत्रता और निर्णय लेने का अधिकार ही महिला सशक्तिकरण है। डाॅ. बत्रा ने उपस्थित सभी का आह्वान करते हुए कहा कि यदि हम खुशहाल परिवार, समाज, देश एवं दुनिया की कल्पना करते हैं तो हमें महिलाओं को पुरुषों के बराबर दर्जा देना होगा। हमें उनके पंख नहीं बांधने हैं, हमें उन्हें खुले आकाश में उड़ने के लिए सहयेाग करना चाहिए।मुख्य अधिष्ठाता छात्र कल्याण डाॅ. संजय कुमार माहेश्वरी ने कहा कि देश की आधी आबादी महिलाओं की है, अतः देश के लिए के लिए यह अति आवश्यक है कि महिलाओं को हर क्षेत्र में पुरूषों की तरह समान अधिकार प्राप्त हों। डाॅ. पदमावती तनेजा ने कहा कि नारी सशक्तिकरण के लिए लड़कियों को आत्मरक्षा की अनेक विधियों जैसे ताईक्वांडो, जूड़ो आदि में पारंगत होना चाहिए ताकि कोई उनकी तरफ गलत दृष्टि से न देख सके। इस अवसर पर वैभव बत्रा, डाॅ. पुनीता शर्मा, डाॅ. विजय शर्मा, नेहा सिद्दकी, दीपिका आनन्द, रंजना राणा, मोहन चन्द्र पाण्डेय सहित काॅलेज के अनेक छात्र-छात्रा उपस्थित थे

news
Share
Share