window.dataLayer = window.dataLayer || []; function gtag(){dataLayer.push(arguments);} gtag('js', new Date()); gtag('config', 'UA-96526631-1'); कल्ले कल्ले अकेलेपन के जश्न को बयां करता है : शलमली | T-Bharat
September 23, 2024

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कल्ले कल्ले अकेलेपन के जश्न को बयां करता है : शलमली


पॉप गायिका शलमली का मानना है कि सिंगल रहना खुशी और मौज-मस्ती को परिभाषित करता है और इसी एहसास को वह अपने हालिया एकल गीत कल्ले कल्ले से बयां कर रही हैं। यह गाना उन महिलाओं का जश्न मनाता है जो सिंगल, शक्तिशाली और खुशमिजाज हैं। यह आजाद रहने और बिना किसी रुकावट के अपनी जिंदगी को जीने की बात करता है।
शलमली ने कहा, कल्ले कल्ले दुनियाभर में जितने भी सिंगल लोग हैं, उन्हें यह बताने का मेरा अपना तरीका है कि वे जो भी हैं, उन्हें उस पर गर्व होना चाहिए और खुद को खुश रहने के लिए आपको किसी प्रिंस चार्मिग या ड्रीम गर्ल की जरूरत नहीं है।
उन्होंने आगे कहा, सिंगल रहने का तात्पर्य खुशी से है और कल्ले कल्ले के साथ हम इसी का जश्न मनाएंगे। इस गाने पर मैंने इतना डांस किया, जितना पहले कभी नहीं किया, मैं सीजर सर का इसके लिए शुक्रिया अदा करती हूं।
इस गाने को बॉलीवुड की मशहूर कोरियोग्राफर जोड़ी बॉस्को-सीजर से सीजर गोंसाल्विस ने कोरियोग्राफ किया है, जिसमें आप शलमली को थिरकते हुए देख सकते हैं। इसका अनावरण 14 फरवरी को किया गया।
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