नई दिल्ली। चुनावी बांड में गड़बड़ी के कांग्रेस के आरोपों को भाजपा ने सिरे से खारिज कर दिया है। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि चुनावी चंदे की पारदर्शी व्यवस्था का विरोध सिर्फ वही लोग कर रहे हैं, जिन्हें सालों-साल से भ्रष्टाचार के पैसे से राजनीति करने की आदत पड़ गई है।
उन्होंने कहा कि जिन दस्तावेजों के आधार पर आरोपों का हवा दी जा रही है, उनमें कोई दम नहीं है, वे पहले से सुप्रीम कोर्ट में जमा हैं और आरटीआइ के तहत सरकार की ओर से दिये गए हैं।
मोदी सरकार का चुनावी बांड के रूप में एक बहुत बड़ा कदम: पियूष गोयल
पीयूष गोयल ने कहा कि मोदी सरकार ने चुनावी में पारदर्शिता लाने के लिए चुनावी बांड के रूप में एक बहुत बड़ा कदम उठाया है, जिससे पहली बार भ्रष्टाचार और बदनामी से जुड़ा हुआ पैसा पार्टियों को मिलना बंद हो गया है। इससे भ्रष्टाचार के पैसे से चलने वाली पार्टियों की मुश्किलें बढ़ गई है।
उन्होंने कहा कि ‘सिर्फ वही लोग चुनावी बांड का विरोध कर रहे हैं, जो कालेधन में विश्वास करते हैं और जिनको आदत पड़ गई है सालों साल तक चुनाव में कालाधन के इस्तेमाल करने की।’
गलत इस्तेमाल की कोई गुंजाइश नहीं
भाजपा को चुनावी प्रणाली में इमानदार पैसे को प्रोत्साहन देने वाली एकमात्र पार्टी बताते हुए गोयल ने कहा कि आरबीआइ और चुनाव आयोग के साथ सलाह-मश्विरे के बाद चुनावी बांड की प्रणाली को इस तरह बनाया गया है कि जिसमें इसके गलत इस्तेमाल की कोई गुंजाइश नहीं रहे और साथ ही करदाताओं को चेक के माध्यम से राजनीतिक दलों को चंदा देने में कोई परेशानी नहीं हो। कर्नाटक चुनाव के पहले तय समय के पहले चुनावी बांड खोलने को सही ठहराते हुए गोयल ने कहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों को चंदे की जरूरत को देखते हुए इसे किया गया था।
कांग्रेस नेताओं पर हमला करते हुए गोयल ने कहा कि पहले लोग कैश में चंदा लेते थे, लेकिन उसे पूरा पार्टी में जमा करते थे या नहीं, यह भी पता नहीं होता था। जबकि हमने सुनिश्चित किया कि सारा पैसा बैंक के मार्फत आए और पार्टी के खाते में आए। किसी व्यक्ति के खाते में बिल्कुल नहीं जाए।
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