window.dataLayer = window.dataLayer || []; function gtag(){dataLayer.push(arguments);} gtag('js', new Date()); gtag('config', 'UA-96526631-1'); पांच न्यायमूर्तियों की कलम पर निगाहें, जानिए सभी जजों के बारे में :Ayodhya Case Verdict 2019 | T-Bharat
September 22, 2024

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पांच न्यायमूर्तियों की कलम पर निगाहें, जानिए सभी जजों के बारे में :Ayodhya Case Verdict 2019

New delhi: अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट फैसला सुनाने जा रहा है। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस एस अब्दुल नजीर की पीठ सुबह साढे दस बजे अपना फैसला सुनाएगी। आईए जानते हैं इन सभी जजों के बारे में… 1. जस्टिस रंजन गोगोई मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के खाते में यूं तो कई अहम फैसले हैं, लेकिन शायद उन्हें सबसे ज्यादा याद राम जन्मभूमि के फैसले को लेकर किया जाएगा। 70 साल से अटके इस विवाद को जस्टिस गोगोई की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने सुना। पीठ ने 40 दिन लगातार सुनवाई की। मामले से संबंधित सभी पक्षों को सुनने के बाद सुनवाई को खत्म किया गया। 23 अप्रैल, 2012 को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश बने जस्टिस गोगोई तीन अक्टूबर, 2018 को भारत के मुख्य न्यायाधीश नियुक्त हुए। उन्होंने कई महत्वपूर्ण मामलों में फैसले दिए हैं। असम में राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) लागू करने का आदेश, सरकारी विज्ञापनों में नेताओं के फोटो छापने पर रोक और पवित्र धार्मिक पुस्तकों जैसे रामायण आदि के नाम पर सेवा या सामान के ट्रेडमार्क का दावा न किए जा सकने जैसे कई चर्चित फैसले जस्टिस गोगोई की पीठ ने सुनाए थे। जस्टिस गोगोई आगामी 17 नवंबर को सेवानिवृत हो जाएंगे। Ayodhya Case Verdict 2019 Photos: कैमरे की नजर से देखें अयोध्या का ताजा हाल यह भी पढ़ें

2. जस्टिस एसए बोबडे जस्टिस शरद अरविंद बोबडे मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के बाद सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठतम न्यायाधीश हैं। वह 12 अप्रैल, 2013 को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश बने।गोगोई के सेवानिवृत्त होने के बाद जस्टिस बोबडे आगामी 18 नवंबर को भारत के मुख्य न्यायाधीश बनेंगे। जस्टिस गोगोई ने उनके नाम की सिफारिश सरकार को भेज दी है, जिसे मंजूर भी कर लिया गया है। जस्टिस बोबडे कई अहम मामलों में फैसला दे चुके हैं। इनमें निजता के अधिकार को मौलिक अधिकार घोषित करना, प्रदूषण नियंत्रण के लिए 2016 में दिल्ली में पटाखों की बिक्री पर रोक लगाने जैसे फैसले शामिल हैं। जस्टिस बोबडे 23 अप्रैल, 2021 को सेवानिवृत्त होंगे। Ayodhya Case Timeline: 500 साल पुराने विवाद में 206 साल से फैसले का इंतजार यह भी पढ़ें

3. जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ 13 मई, 2016 को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश बने। उन्होंने शनिवार को सुनाए जाने वाले आयोध्या मामले से पहले भी कई अहम मामलों में फैसले दिए हैं, जिनमें केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर रोक को असंवैधानिक ठहराना, निजता को मौलिक अधिकार घोषित करना, दो बालिगों के बीच समलैंगिक संबंधों को अपराध की श्रेणी से बाहर करना, व्यभिचार के संबंध में आइपीसी की धारा 497 को मनमानी व समानता के हक का उल्लंघन बताते हुए असंवैधानिक घोषित करना और इच्छामृत्यु का अधिकार जैसा फैसला शामिल है। जस्टिस चंद्रचूड़ 10 नवंबर, 2024 को सेवानिवृत होंगे। Ayodhya Case Verdict 2019 : सहमति-असहमति के बीच 2010 में क्या था इलाहाबाद हाई कोर्ट का फैसला यह भी पढ़ें

4. जस्टिस अशोक भूषण जस्टिस अशोक भूषण 13 मई, 2016 को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश बने। वह कई अहम फैसले देने वाली पीठ में शामिल रहे हैं। इनमें इच्छामृत्यु का अधिकार, दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल (एलजी) के बीच अधिकारों का मामला शामिल है। वह आधार कानून की संवैधानिकता परखने वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ में भी रहे। जस्टिस भूषण ने ही अयोध्या मामले में भूमि अधिग्रहण को सही ठहराने वाले इस्माइल फारूकी के निर्णय में मस्जिद को इस्लाम का अभिन्न हिस्सा न मानने वाली टिप्पणी पर दाखिल पुनर्विचार की मांग को खारिज करने जैसा फैसला भी दिया है। जस्टिस भूषण चार जुलाई, 2021 को सेवानिवृत्त होंगे। अवध से अयोध्‍या तक, राम की नगरी से बाबर की नगरी तक का पूरा सफरनामा यह भी पढ़ें

5. जस्टिस एस अब्दुल नजीर जस्टिस एस अब्दुल नजीर 17 फरवरी, 2017 को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश बने। उन्होंने निजता को मौलिक अधिकार घोषित करने समेत कई महत्वपूर्ण फैसले दिए हैं। एक साथ तीन तलाक के मामले में जस्टिस नजीर ने अल्पमत का फैसला दिया था। उन्होंने और जस्टिस जेएस खेहर ने तत्काल तीन तलाक को असंवैधानिक नहीं घोषित किया था, जबकि पांच सदस्यीय संविधान पीठ के तीन न्यायाधीशों ने बहुमत में फैसला सुनाते हुए तत्काल तीन तलाक को असंवैधानिक घोषित करार दिया था। Ayodhya case Vardict 2019: अयोध्या पर अंतिम नहीं होगा SC का फैसला, बनें रहेंगे ये दो विकल्प यह भी पढ़ें इसके अलावा जस्टिस नजीर ने अयोध्या भूमि अधिग्रहण मामले में इस्माइल फारूकी की ओर से दिए गए फैसले में मस्जिद को इस्लाम का अभिन्न हिस्सा न मानने

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