window.dataLayer = window.dataLayer || []; function gtag(){dataLayer.push(arguments);} gtag('js', new Date()); gtag('config', 'UA-96526631-1'); माउंट आबू में अखिल भारतीय मीडिया सम्मेलन का आयोजन,देश विदेश के दो हजार पत्रकार ले रहे है भाग | T-Bharat
September 22, 2024

TEHRIRE BHARAT

Her khabar sach ke sath

माउंट आबू में अखिल भारतीय मीडिया सम्मेलन का आयोजन,देश विदेश के दो हजार पत्रकार ले रहे है भाग

राजस्थान।डॉ. श्रीगोपाल नारसन एडवोकेट ब्रह्माकुमारीज एवं आर ई आर एफ की भगिनी संस्था, ” मीडिया प्रभाग ” के संयुक्त तत्वावधान में एक अखिल भारतीय सम्मेलन का आयोजन  माउंट आबू के शांतिवन के कांफ्रेंस हॉल में  किया गया। इस सम्मेलन का विषय था ‘ शांति और सद्भावना की स्थापना के लिए आध्यात्म -मीडिया की भूमिका ‘ इस सम्मेलन में देश के विभिन्न भागों से बड़ी संख्या में प्रतिनिधिओं ने भाग लिया।

 

मीडिया इनिसिएटिव फॉर वैल्यूज के राष्ट्रीय संयोजक प्रो कमल दीक्षित ने इस अवसर पर कहा कि अब कुछ ऐसा मजहब चलाया  जाए कि इंसान को इंसान बनाया जाए। मगर वास्तविकता में ऐसा हो नहीं पा रहा है।

 

प्रतियोगिता बुरी नहीं है मगर आज इसका स्वरुप बिगड़ गया है और इसके कारण नफरत का वातावरण पैदा हो रहा है।

 

शांति और सद्भाव के लिए पत्रकारिता को और पत्रकारों को अपनी आंतरिक शक्ति में वृद्धि करनी ही होगी। आपको याद है – कहा गया है की जब तोप मुक़ाबिल हो तो अखबार निकालो। इस कथन की शक्ति को समझ कर अपनी आतंरिक बल को उतना ही मजबूत बनाना होगा।  समाज में शांति और सॅभावना जरूर आ पायेगी।

 

महाराष्ट्र वन चैनल के कार्यकारी सम्पादक संदीप चौहान ने विशिष्ट अतिथि के रूप में आज अपना विचार रखा।  आपने कहा हमें लोगों की मांग के अनुरूप सामग्री प्रस्तुत करनी होती है।  ऐसा नहीं करने पर हमें विफलता मिलती है।  हमें कोशिश करनी होगी की हम पहले लोगों की रूचि बदलने के लिए कार्य करें।  इसमें मेहनत लगेगी।  मगर तभी सुधार आने की संभावना है। पत्रकार बिना शक समाज में शांति और सद्भाव की स्थापना कर सकते हैं।  मगर आदमी का आदमी से डरने की भावना को समाप्त करना होगा।

 

इंडियन फेडरेशन ऑफ़ वर्किंग जर्नलिस्ट के प्रेजिडेंट विक्रम राव ,ने  विशिष्ट अतिथि के रूप में अपनी बातें कहीं।उन्होंने कहा कि हम एक भ्रान्ति के दौर से गुजर रहे हैं।  आपने आक्रोश भी व्यक्त किया की एक मंत्री ने तो पत्रकारों को प्रेस्सयायें तक कहा।  क्या हमारी  स्थिति इतनी बदतर हो गयी है आज ?

 

मीडिया को आध्यात्म से जोड़ने का प्रयास उचित है। रूहानी  बातें सही हैं।  इससे हमारे अंदर और सुधार आएगा।  इस प्रयत्न की प्रसंशा की जानी चाहिए।

 

आपने अकाल ग्रस्त मोज़ाम्बिक के उस वायरल तस्वीर  की चर्चा की जिसमे भूख से बेहाल एक बच्ची मदहोश जमीन पर पड़ी है और एक चील उसकी मांस नोचने का इंतज़ार कर रहा है।  आपने इस तस्वीर को शूट करने  वाले पत्रकार की आलोचना की।  कहा की वह हृदय हीन व्यक्ति था।  उसे तो उस बच्ची को बचाना चाहिए था ना की यह तस्वीर  खीचनी थी।  आध्यात्म हम सभी को ऐसी चेतना प्रदान करेगा।

 

बहन निर्मला सी यालीगर , बंगलोर दूरदर्शन केंद्र की उप निदेशक ने भी अपने उद्गार प्रकट किये।  आपने कहा की मनुष्य के जीवन का अंतिम लक्ष्य है शांति की प्राप्ति . हमें दुनिया के सभी लोगों तक जाकर उनके जीवन में आध्यात्मिकता  का संचार करना है . शांति और सद्भावना के लिए यह अनिवार्य है .

 

ब्रह्मा कुमारीज़ के महासचिव राजयोगी निर्वैर भाई ने आज के अवसर पर अपना आशीर्वचन सम्मेलन को प्रदान किया . आपने कहा की मीडिया कर्मियों का यह सम्मेलन विशेष है . आप अनुभवी हैं . हम सभी को खुद से यह पूछना चाहिए की हम कौन हैं ? हम मीडिया कर्मी बाद में हैं मगर हम आत्माएं पहले हैं . इस समझ से हमारे जीवन में आध्यात्मिकता का संचार हो जायेगा और हम अपना लक्ष्य प्राप्त कर पायेंगे .

 

आज विश्व शांति दिवस के अवसर पर मुझे एक घटना याद आ रही है . काफी पहले एक बार मुझे संयुक्त रास्त्र संघ में सम्बोधन का अवसर मिला था जिसमें मैंने परमात्मा द्वारा दिया गया शांति का संदेश सर्व आत्माओं को दिया . परमात्मा ने कहा था की सभी मुख्य नेताओं को बताओ की उनका मूल ही शांति है . इस ध्यान से जीवन में शांति आ ही जाएगी .

 

उत्तर प्रदेश विधान सभा के सदस्य पूरण प्रकाश  ने अपने उद्बोधन में कहा  की दुनिया में कितनी बेचैनी है जबकि यहाँ शांति ही शांति पसरी हुई है . शांति सर्वाधिक कीमती शक्ति है .

 

इसके सामने मंत्री पद की क्या शक्ति है ? अतः शांति की प्राप्ति के लिए हर यत्न होना ही चाहिए . अध्यात्मिकता इसमें काफी मददगार होती रही है.

 

मीडिया विंग और मल्टी मीडिया के अध्यक्ष राजयोगी करुणा भाई ने अपनी शुभ कामनाएं दीं . आपने कहा की यह आप सभी का अपना घर है . यहाँ आप शांति की अनुभूति के लिए पधारते रहे . यहाँ हम दुनिया को आदि सनातन देवी देवता धर्म की संस्कृति सिखाते हैं . परमात्मा शिव हम सभी को ऐसी शिक्षा प्रदान कर रहे हैं . भारतीय संस्कृति आज भी यहाँ कार्यशील है .

 

ब्रह्माकुमारीज शिक्षा प्रभाग की उपाध्यक्षा राजयोगिनी श

news
Share
Share