देहरादून,। उत्तराखंड सरकार द्वारा शिक्षा को लगातार महंगा करने का क्रम जारी है। प्रदेश के शिक्षा क्षेत्र में पूंजीपतियों को स्थापित करने के बाद अब सरकारी क्षेत्र की चिकित्सा शिक्षा भी पूंजीपतियों को सौंपने का सिलसिला शुरू कर दिया गया है। जिसके तहत चार महीना पूर्व शुरू किये गये हरिद्वार मैडिकल कॉलेज जिसमें एमबीबीएस की 100 सीटें हैं का संचालन पीपीपी मोड में शारदा एजुकेशन ट्रस्ट को सौंपने का निर्णय किया गया है। नव वर्ष के अवसर पर शासन ने यह निर्णय लेते हुए निदेशक, उत्तराखंड चिकित्सा शिक्षा विभाग देहरादून को इस सम्बन्ध में अवगत कराया गया है। जिसके विरुद्ध हरिद्वार मैडिकल कॉलेज के छात्र छात्राएं आंदोलनरत हैं।
इस मामले में आम आदमी पार्टी उत्तराखंड ने तीव्र प्रतिक्रिया व्यक्त की है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एसएस कलेर ने वक्तव्य जारी कर कहा है कि
सरकार का यह निर्णय छात्र छात्राओं के हितों के विपरीत है। मेरिट के आधार पर प्रवेश पाने वाले छात्र छात्राओं का भविष्य पूंजीपतियों के हाथों में सौंपना पूरी तरह निंदनीय है। इससे गरीब और मध्यम आय वर्ग के छात्र छात्राओं को महंगी चिकित्सा शिक्षा पाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। सरकार के इस फैसले से कॉम्पीटिशन बाद योग्यता के आधार पर प्रवेश पाना बेमानी हो जायगा। सरकार को अपना यह निर्णय तुरंत वापिस लेना चाहिए।
श्री कलेर ने आगे कहा कि आम आदमी पार्टी सस्ती और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की पक्षधर हैं। हरिद्वार मेडिकल कॉलेज के छात्र छात्राओं का आंदोलन न्यायोचित है और आम आदमी पार्टी पूरी तरह उनके साथ है। सरकार को यह फैसला वापिस लेने के लिए विवश किया जायगा और इसके खिलाफ आम आदमी पार्टी प्रत्येक स्तर पर संघर्ष करेगी।
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