window.dataLayer = window.dataLayer || []; function gtag(){dataLayer.push(arguments);} gtag('js', new Date()); gtag('config', 'UA-96526631-1'); डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को कांग्रेस ने दी श्रद्धांजलि | T-Bharat
November 10, 2024

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डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को कांग्रेस ने दी श्रद्धांजलि

देहरादून। उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष करन माहरा ने डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी की जयन्ती के अवसर पर उन्हें भावभीनी श्रद्वासुमन अर्पित करते हुए शिक्षक दिवस के अवसर पर देश व राज्य के गुरूजनों को बधाई एवं शुभकामनायें दी है। उन्होंने कहा शिक्षक समाज की रीढ़ होती है। वे हमारे जीवन के पहले गुरू होते हैं जो हमंे केवल पाठयक्रम का ज्ञान ही नही, बल्कि जीवन की सच्ची शिक्षा भी देते हैं। वह हमंे सही और गलत का अन्तर सिखाते हैं और हमें प्रेरित करते हैं हमारे सपनांे को पूरा करने के लिए मार्गदर्शन करते हैं। उनका समर्पण और मेहनत ही हमारे भविष्य की नींव होती है। मैं शिक्षक दिवस के अवसर पर सभी गुरूजनों का नमन करता हूॅ।

इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी कार्यालय में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष संगठन मथुरा दत्त जोशी की उपस्थिति में कंाग्रेसजनों ने भारत रत्न पूर्व राष्ट्रपति डॉ0 सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी की जयन्ती पर उन्हें श्रद्धा पूर्वक याद करते हुए अपने श्रद्धासुमन अर्पित किये। इस अवसर पर जोशी ने कहा कि गरीब परिवार में जन्मे डॉ0 राधाकृष्णन ने शिक्षक के रूप में अपनी सेवा की शुरूआत करते हुए मैसूर विश्वविद्यालय एवं बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय सहित अनेक शिक्षण संस्थाओं को अपनी सेवा दी। वे एक दर्शन शास्त्री, भारतीय संस्कृति के संवाहक और आस्थावान हिन्दू विचारक थे। आज उनके सम्मान में हम उनके जन्म दिन को शिक्षक दिवस के रूप मे मनाते हैं। डॉ0 सर्वपल्ली राधा कृष्णन द्वारा 1923 में प्रकाशित पुस्तक भारतीय दर्शनशास्त्र को विश्व में सर्वश्रेष्ठ साहित्य की ख्याति मिली। आक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में दर्शन शास्त्र पर दिया गया उनका भाषण आजादी की मुहिम को तेज करने के लिए इस्तेमाल किया गया। भारत की आजादी के बाद उन्होंने यूनेस्को जैसी विश्व प्रसिद्ध संस्था में भारत का प्रतिनिधित्व किया। डॉ0 राधाकृष्णन सोवियत संघ में भारत के राजदूत के रूप में भी कार्य करते हुए देश के लिए महत्वपूर्ण कार्य किया तथा उन्हें देश का प्रथम उप राष्ट्रपति बनने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। अपने राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान भी उन्हेांने देश में शिक्षा के विकास में महत्वपूर्ण कार्य किये। उन्होंने कहा कि आज हम जहां हैं गुरूजनेां की वजह से हैं हमारा सौभाग्य है कि हमें गुरू द्रोणाचार्य की तपस्थली तथा गुरू रामराय की कर्मस्थली देहरादून में रहने, पढ़ने तथा जीवन में आगे बढ़ने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। श्रद्धासुमन अर्पित करने वालों में विधायक लखपत बुटोला, प्रदेश अध्यक्ष के सलाहकार अमरजीत ंिसह, महामंत्री नवीन जोशी, महेन्द्र सिंह नेगी गुरूजी, प्रदेश प्रवक्ता शीशपाल सिंह बिष्ट, सुनीता प्रकाश, आशीष नौटियाल, मोहन काला, सचिव गिरीश पपनै, विजयपाल रावत, अनुराधा तिवाडी, आदर्श सूद, निहाल ंिसह आदि उपस्थित थे।

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