नई दिल्ली सुप्रीम कोर्ट (Supreme court) ने आम्रपाली मामले में मंगलवार को एक अहम सुनवाई के दौरान नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को बड़ा झटका दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण आम्रपाली के घर खरीदारों के फ्लैट्स के रजिस्ट्रेशन का काम शुरू कर दें। इस सुनवाई में कोर्ट ने चेतावनी भी दी है कि अगर पजेशन देने में उनकी ओर से देरी होती है तो अधिकारियों को जेल तक भेजा जा सकता है।
कोर्ट के दोनों प्राधिकरण को दिए गए इस फरमान के बाद आम्रपाली के हजारों फ्लैट खरीदारों को जल्द अपने आशियानों का पजेशन मिल सकता है।
मिली जानकारी के मुताबिक, आम्रपाली मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण दोनों को फिर कड़ी फटकार लगाई। इतना ही नहीं, कोर्ट ने यह भी कहा कि हम कागजी शेर नहीं हैं, जरूरत पड़ने पर हम ठोस कार्रवाई करेंगे।
जवाब नहीं देने पर नाराज कोर्ट
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी भरे अंदाज में कहा कि नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने कई नोटिस के बावजूद आपने कोई जवाब नहीं दिया है। इसके साथ कोर्ट ने चेतावनी दी कि हमें कठोर कार्रवाई करने के लिए मजबूर नहीं करें। वहीं, कोर्ट ने बैंकों को भी फटकार लगाते हुए कहा कि अभी हम घर खरीदारों की गंभीर समस्या पर बात कर रहे हैं। इसमे व्यवधान न डालें।
वहीं, सुनवाई के दौरान कोर्ट का कड़े रुख को देखते हुए प्राधिकरण ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि आम्रपाली के घर खरीदारों से जुड़े मामलों के लिए स्पेशल सेल बनाई जा चुकी है। साथ ही उन्होंने कोर्ट को आश्वस्त किया कि आदेश का पालन करने के लिए अधिकारी नियुक्त किए गए हैं।
आदेश के अहम बिंदु
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के नोएडा व ग्रेटर नोएडा में बने फ्लैट की रजिस्ट्री शुरू हो सकेगी।
प्राधिकरण अधिकारियों को रजिस्ट्री में तेजी लाने को कहा है, साथ ही लापरवाही पर जेल भेजने तक की चेतावनी दी है।
यहां पर बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय के बाद आम्रपाली ग्रुप में फ्लैट खरदीने वालों को बड़ी राहत मिली है। इससे पहले हुई सुनवाई में कोर्ट ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 45 हजार फ्लैट खरीदारों को राहत दी थी। कोर्ट ने आदेश दिया है कि आम्रपाली के लंबित प्रोजेक्ट NBCC पूरा करेगी। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने RERA के तहत आम्रपाली समूह की कंपनियों के पंजीकरण को रद कर दिया था।
यहां पर बता दें कि आम्रपाली प्रोजेक्ट के निर्मित फ्लैट्स में हजारों खरीदार सालों से रह रहे हैं, लेकिन बिल्डर द्वारा पूरे पैसे की अदायगी नहीं होने के चलते नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की ओर से अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं मिला है। ऐसे में इन फ्लैट्स की रजिस्ट्री नहीं हो पा रही है। सुप्रीम के ताजा आदेश के बाद उन हजारों प्लैट्स की रजिस्ट्री हो पाएगी और प्राधिकरण के पास भी रेवेन्यू आएगा
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