चकराता और पुरोला टोंस वन प्रभाग में हरे पेड़ काटे जाने के मामले में एसआईटी जांच कराई जाएगी। वहीं, नैनीताल जिले के लालकुआं में वन विकास निगम के डिपो संख्या पांच में लकड़ी नीलामी के करोड़ों रुपये के हेर-फेर के मामले की जांच भी एसआईटी से कराई जाएगी। इसके अलावा वन विकास निगम में आउटसोर्स पर रखे कर्मियों के मामले की भी उच्चस्तरीय जांच कराई जाएगी।
वन मंत्री सुबोध उनियाल ने ये निर्देश दिए हैं। बीते दिनों चकराता वन प्रभाग में देवदार के सैकड़ों हरे पेड़ काटे जाने का खुलासा हुआ था। वन विभाग की ओर से इस मामले में मुख्य वन संरक्षक गढ़वाल के नेतृत्व में विभागीय टीम जांच कर रही है। मामले में चकराता डीएफओ को हटाते हुए कई अधिकारी-कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया था। वहीं पुरोला की टौंस वन प्रभाग में वन विकास निगम को अलॉट किए गए लॉट में संख्या से अधिक पेड़ काटने के मामले में डीएफओ, एक प्रभारी एसडीओ और तीन रेंजरों को निलंबित किया गया था।
वन निगम के नौ से अधिक अधिकारी-कर्मचारियों को सस्पेंड किया गया है। दूसरी तरफ वन निगम के लालकुआं डिपो में लकड़ी की नीलामी में करोड़ों रुपये का हेरफेर सामने आने के बाद चार कर्मियाें को निलंबित कर मुकदमा दर्ज किया गया है। अब इन सभी मामलों में सरकार ने सख्त रुख अपनाते हुए एसआईटी जांच के निर्देश दिए हैं। वन मंत्री सुबोध उनियाल ने बताया कि लालकुआं मामले की जांच पुलिस की एसआईटी करेगी, जबकि चकराता और पुरोला टौंस वन प्रभाग के मामले में विभागीय एसआईटी जांच करेगी।
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