window.dataLayer = window.dataLayer || []; function gtag(){dataLayer.push(arguments);} gtag('js', new Date()); gtag('config', 'UA-96526631-1'); मुख्यमंत्री की सुरक्षा में तैनात कमांडो प्रमोद रावत की संदिग्ध हालात में गोली लगने से मौत | T-Bharat
September 23, 2024

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मुख्यमंत्री की सुरक्षा में तैनात कमांडो प्रमोद रावत की संदिग्ध हालात में गोली लगने से मौत

बैरक परिसर में मौजूद कर्मचारियों का कहना है कि उन्होंने प्रमोद को टहलते हुए देखा था। पूछा, किस समय ड्यूटी पर जाना है। उन्होंने कहा- दो बजे जाएंगे, अभी इंतजार करना पड़ रहा है। इसके बाद वह अचानक अपनी बैरक में चले गए। दोपहर सवा दो बजे पता चला कि प्रमोद की गोली लगने से मौत हो गई है।

दरअसल, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को शुक्रवार को चंपावत जाना है। इससे पहले उनकी सुरक्षा टीम को बृहस्पतिवार 11 बजे चंपावत के लिए ड्यूटी पर निकलना था। प्रमोद घर से तैयार होकर सुबह 11 बजे बैरक परिसर में पहुंच गए। यहां अचानक उन्हें पता चला कि 11 नहीं बल्कि दो बजे निकलना है।

ऐसे में वह वहीं पर टहलते हुए इंतजार करने लगे। वहां मौजूद लोगों का कहना है कि प्रमोद को कभी ऐसे नहीं देखा था। वह शायद कुछ सोच रहे थे। उनसे पूछा भी गया कि क्यों टहल रहे हो तो उन्होंने मुस्कराते हुए कहा कि अब ड्यूटी का समय दो बजे हो गया है, इसलिए टाइम काट रहा हूं।

क्यों नहीं सुनाई दी गोली चलने की आवाज

परिसर में कुल पांच बैरक हैं। इनमें सीएम की सुरक्षा में तैनात 10 से 11 कमांडो रहते हैं। इससे ज्यादा अन्य सुरक्षाकर्मी भी यहां रहते हैं। लेकिन, दोपहर के समय एक बैरक में गोली चल जाती है और इसकी आवाज किसी को सुनाई नहीं देती। इस बात पर विश्वास करना मुश्किल हो रहा है। वहां मौजूद लोग यह भी बताते हैं कि यहां अक्सर छतों पर बंदर कूदते रहते हैं।

कभी लकड़ी गिराते हैं तो कभी बराबर वाले परिसर की टिन शेड पर कूदते हैं। हो सकता है कि जब गोली चली हो तो लोगों ने बंदरों की उछलकूद समझकर इसे नजरअंदाज कर दिया हो। इसके अलावा हवा में अक्सर जाली वाले दरवाजे जोर-जोर से चौखट से टकराते हैं। बैरक परिसर में गूंज के साथ यह आवाज भी भयंकर लगती है। शायद इस कारण भी गोली की आवाज और इस तरह की आवाज में लोग भेद न कर पाए हों।

छुट्टी मंजूर थी तो किस बात को लेकर परेशान से प्रमोद

प्रमोद की दादी की पिछले साल मौत हो गई थी। वार्षिक श्राद्ध के लिए पौड़ी के घर पर भागवत कराना था। इसके लिए उन्होंने 16 जून से छुट्टी मांगी थी। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, छुट्टी मंजूर भी हो गई थी। उनके परिवार में भी कोई ऐसी दिक्कत नहीं बताई जा रही है। वहां मौजूद लोगों का कहना है कि जब प्रमोद टहल रहे तो कुछ परेशान लग रहे थे। लेकिन, हो सकता है कि वह कुछ सोच रहे हों। मगर, इन सब बातों को लेकर फिलहाल प्रमोद की मृत्यु एक रहस्य बन गई है।
एसपी सिटी करेंगी पूरे मामले की जांच
एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने बताया कि इस मामले में आत्महत्या या दुर्घटना दोनों पहलुओं पर जांच की जानी है। इसके लिए एसपी सिटी सरिता डोबाल को नियुक्त किया गया है। उन्होंने बताया कि छुट्टी को लेकर प्रमोद परेशान थे, ऐसी भ्रांतियां सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही हैं। प्रमोद की छुट्टी एडवांस में मंजूर की जा चुकी थी। यदि उसने आत्महत्या की है तो यह कारण बिल्कुल नहीं हो सकता है।
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