window.dataLayer = window.dataLayer || []; function gtag(){dataLayer.push(arguments);} gtag('js', new Date()); gtag('config', 'UA-96526631-1'); वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने बाघों की संख्या की जांच पड़ताल की | T-Bharat
September 23, 2024

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वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने बाघों की संख्या की जांच पड़ताल की

देश भर में प्रोजेक्ट टाइगर की वर्षगांठ मनाई जा रही है और मैसूर में पीएम मोदी ने देश में 3,167 बाघ होने की घोषणा की है। हालांकि अभी राज्यवार बाघों की सूची जारी नहीं हुई, ऐसे में उत्तराखंड में पांच फीसदी ही बाघों की संख्या में वृद्धि होने की संभावना है जबकि 2018 की गणना में प्रदेश में 442 बाघ रिकॉर्ड हुए, जिसमें 252 कॉर्बेट पार्क में रिकॉर्ड हुए थे। वहीं आपसी संघर्ष में भी बाघ अपनी जान गवां रहे है।

दिसंबर 2021 से फरवरी 2022 तक उत्तराखंड के टाइगर रिजर्व पार्क व वन प्रभाग में एनटीसीए की ओर से बाघों की गणना कराई गई थी। इसके बाद वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने बाघों की संख्या की जांच पड़ताल की है। प्रमुख वन संरक्षक वन्यजीव समीर सिन्हा ने बताया कि प्रदेश में मौजूद जंगल के अनुरूप ही बाघों की संख्या बढ़ने का अनुमान है।

कॉर्बेट पार्क में बाघ की संख्या में होगी बढ़ोतरी 
राजाजी नेशनल पार्क में बाघों की संख्या बढ़ेगी क्योंकि कॉर्बेट पार्क से पांच बाघ वहां भेजने थे, जिसमें दो बाघों को भेजा जा चुका है। कॉर्बेट पार्क की बात करें तो यहां भी बाघ की संख्या में बढ़ोतरी होगी। अभी राज्यवार सूची नहीं जारी नहीं हुई। दो से तीन दिन के भीतर राज्यवार व टाइगर रिजर्व वार सूची जारी होगी, जिसमें पता चलेगा कि कितने बाघों की संख्या बढ़ी है। फिलहाल जितने बाघ है, उनका बेहतर ढंग से संरक्षण करना है।

कॉर्बेट पार्क में साल दर साल बढ़ते गए बाघ

कॉर्बेट निदेशक डाॅ. धीरज पांडेय ने बताया कि प्रोजेक्ट टाइगर योजना के तहत वर्ष 2006 में गणना के बाद बाघों की संख्या 100 हो गईं। वर्ष 2010 में 186 एवं वर्ष 2014 की गणना के अनुसार कार्बेट टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या 215 और 2020 की गणना के अनुसार कार्बेट टाइगर रिजर्व अंतर्गत बाघों की संख्या 252 हो चुकी है। यह कार्बेट टाइगर रिजर्व के लिए अच्छी उपलब्धि रही है। कॉर्बेट में 2006 के बाद लगातार बाघों का कुनबा बढ़ा हैै।

चार माह में नौ बाघों की हुई मौत
कुमाऊं की बात करें तो पिछले चार महीने में नौ बाघों की मौत हो चुकी हैं। बाघों की मौत अधिकतर आपसी संघर्ष में हो रही है।
– 23 जनवरी को कॉर्बेट पार्क के ढेला रेंज में बाघ का शव मिला।
– 23 जनवरी को रामनगर वन प्रभाग के कालाढूंगी रेंज में बाघ का शव मिला।
– 4 फरवरी को रामनगर वन प्रभाग के फतेहपुर रेंज में बाघिन का शव मिला।
– 6 फरवरी को रामनगर वन प्रभाग के फतेहपुर रेंज में बाघिन का शव मिला।
– 11 फरवरी को अल्मोड़ा वन प्रभाग के जौरासी रेंज में बाघिन का शव मिला।
– 17 फरवरी को खटीमा रेंज में बाघ का शव मिला।
– 26 फरवरी को तराई पश्चिमी वन प्रभाग के फाटो रेंज में बाघ का शव मिला।
– 2 मार्च को हल्द्वानी वन प्रभाग के छकाता रेंज में बाघिन का शव मिला।
– 6 अप्रैल को रामनगर वन प्रभाग के देचौरी रेंज में बाघिन का शव मिला।

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