window.dataLayer = window.dataLayer || []; function gtag(){dataLayer.push(arguments);} gtag('js', new Date()); gtag('config', 'UA-96526631-1'); मुख्यमंत्री को अपने बीच पाकर प्रभावित उनसे लिपटकर फूट-फूटकर रो पड़े, कहा- राशन-कंबल की जरूरत नहीं, बस छत मिल जाए | T-Bharat
September 24, 2024

TEHRIRE BHARAT

Her khabar sach ke sath

मुख्यमंत्री को अपने बीच पाकर प्रभावित उनसे लिपटकर फूट-फूटकर रो पड़े, कहा- राशन-कंबल की जरूरत नहीं, बस छत मिल जाए

जोशीमठ दो दिन के प्रवास पर जोशीमठ पहुंचे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार रात राहत शिविरों में जाकर आपदा प्रभावितों का दुख-दर्द बांटा।

मुख्यमंत्री को अपने बीच पाकर प्रभावित भावनाओं पर नियंत्रण नहीं रख पाए और उनसे लिपटकर फूट-फूटकर रोने लगे।

सबका यही कहना था कि उन्हें एक अदद छत दिला दीजिए बस! इस पर मुख्यमंत्री ने प्रभावितों को भरोसा दिलाया कि इस दुख की इस घड़ी में सरकार उनके साथ खड़ी है। सभी प्रभावितों का पूरा ख्याल रखा जाएगा। सरकार किसी को नाउम्मीद नहीं करेगी।

‘जीवनभर की कमाई से जो मकान बनाया था, वह आपदा की भेंट चढ़ गया’

मुख्यमंत्री सबसे पहले नगर पालिका राहत शिविर में रह रहे उर्गम कालोनी निवासी देवेंद्र सिंह रावत के परिवार से मिले। देवेंद्र ने उन्हें बताया कि एसएसबी से सेवानिवृत्त होने के बाद उन्होंने जीवनभर की कमाई से जो मकान बनाया था, वह आपदा की भेंट चढ़ गया। अब उनके पास कुछ भी नहीं बचा है।

अपनी छह माह की बेटी खुशी को गोद में लिए हुए वहीं पास बैठी देवेंद्र की पुत्रवधू अनुसूया भी यह सुनकर फूट-फूटकर रोने लगी। बोली, सर! हमें राशन-कंबल की जरूरत नहीं है।

बस! छत मिल जाए तो समझेंगे कि सब-कुछ मिल गया। मुख्यमंत्री ने नन्हीं खुशी को गोद में उठाकर दुलारते हुए अनुसूया को ढांढस बंधाया कि सरकार प्रभावितों के साथ पूरा न्याय करेगी। भरोसा रखिए, जल्द आपके परिवार को सुरक्षित घर-आंगन मिल जाएगा।

मुख्यमंत्री धामी इसी शिविर में रह रहे दिगंबर सिंह बिष्ट से भी मिले। उनकी पत्नी उषा देवी ने भी मुख्यमंत्री से मदद की गुहार लगाई। बोली, ‘सिंहधार में एकमात्र घर ही उनकी संपत्ति था, उसे भी नियति ने छीन लिया। अब वह बच्चों के साथ सड़क पर हैं।’ यह कहते-कहते उनकी आंखें सजल हो उठीं। यही शिविर ल्यारीथैंणा निवासी रैना देवी के परिवार का भी आसरा बना हुआ है।

‘परिवार के सात सदस्य राहत शिविर में’

रैना ने मुख्यमंत्री को बताया कि उनका भी सिंहधार में दो मंजिला मकान था, जो भूधंसाव के कारण पूरी तरह उजड़ चुका है। परिवार के सात सदस्य राहत शिविर में हैं। अब तो हम आपके ही सहारे हैं।

मुख्यमंत्री को अपनी व्यथा सुनाते हुए रजनी देवी ने बताया कि उनके पति मनमोहन की दुकान भी आपदा की भेंट चढ़ गई है। घर भी दरक रहा है। अब कहीं उम्मीद की किरण नहीं दिखाई दे रही। इसके बाद रजनी कुछ नहीं कह पाई और रोते-रोते मुख्यमंत्री के पैरों से लिपट गईं। यह ऐसा दृश्य था, जो वहां मौजूद हर व्यक्ति को द्रवित कर गया।

कहना था कि शिविरों में रह रहे सभी परिवारों की एक ही कहानी है। सभी तत्काल विस्थापन चाहते हैं, ताकि गृहस्थी का सामान सुरक्षित रह सके। बच्चों का भविष्य संवर सके। अब तो छत मिलने पर ही उनके आंसू सूख पाएंगे।

इस पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस दुख की घड़ी में धैर्य ही आपका सबसे बड़ा सहारा है। आप लोग धैर्य न छोड़ें। सरकार जल्द से जल्द आपके चेहरों पर मुस्कान लौटाएगी। मुख्यमंत्री ने शिविर में प्रभावितों को दिए जा रहे भोजन को भी देखा और जिलाधिकारी को व्यवस्थाएं पूरी तरह चाक-चौबंद रखने के निर्देश दिए।

news
Share
Share